यवतमाल

Published: May 13, 2022 11:39 PM IST

Yavatmal Newsराज्य में सीसीटीएनएस प्रणाली में यवतमाल जिला दूसरे नंबर पर, पुलिस अधीक्षक डॉ. दिलीप पाटिल भुजबल ने दी पत्र परिषद में जानकारी

कंटेन्ट राइटरनवभारत.कॉम

यवतमाल. यवतमाल पुलिस विभाग बीते कई दिनों से एक्शन मोड पर काम कर रही है. जिसके चलते सीसीटीएनएस प्रणाली में यवतमाल जिला पुलिस विभाग ने राज्य में दूसरा स्थान प्राप्त किया है. यह महत्वपूर्ण जानकारी पत्रकार परिषद में पुलिस अधीक्षक डॉ. दिलीप पाटिल भुजबल ने दी.

पत्रकार परिषद में पुलिस अधीक्षक डॉ. दिलीप पाटिल भुजबल ने बताया कि देशस्तर पर सभी पुलिस थानों में एक ही प्रणाली अंतर्गत कार्यान्वित करने के लिए सीसीटीएनएस यानि क्राईम क्रिमीनल ट्रैकिंग एंड नेटवर्किंग सिस्टम को विकसित किया गया है. सीसीटीएनएस प्रणाली में राज्य के सभी पुलिस थानों में दायर होनेवाले अपराध व उस संबंधित कुल 18 फार्म की जानकारी तत्काल भरने, ऑनलाईन शिकायतों का निपटारा, सीसीटीएनएस प्रणाली का उपयोग कर आरोपियों की जमानत नामंजूर करने, चारित्र्य पडताल, महिला व बालकों के विरूद्ध अत्याचार अपराध के दोषारोप पत्र, पहली खबर ऑनालाईन प्रकाशित करने के अलावा अन्य जिलों से आए मामलों को समय पर दाखिल करने के सभी काम किए जाते है.

सीसीटीएनएस प्रणाली अंतर्गत होनेवाले सभी कामकाज का ब्यौरा राज्यस्तर पर राज्य अपराध शाखा पुणे की ओर से लिया जाता है. राज्य के ग्रामीण व आयुक्तालय मिलाकर कुल 53 समूहों में कामकाज की गुणवत्ता के अनुसार प्रति माह राज्यस्तर पर नंबर दिया जाता है. यवतमाल जिला पुलिस दल ने हमेशा की तरह अपनी कार्यप्रणाली की छाप छोडते हुए राज्यस्तर पर पहले 10ṁ में स्थान अर्जित किया है

यवतमाल जिला पुलिस दल ने मार्च 2022 में कुल 242 में से 217 अंक प्राप्त कर पूरे राज्य से दूसरा स्थान प्राप्त किया है. सीसीटीएनएस शाखा के अधिकारी व कर्मचारियों द्वारा बेहतरीन काम करने पर जिला पुलिस अधीक्षक डॉ. दिलीप पाटील भुजबल ने 25 हजार रुपए नगद, सी नोट प्रोत्साहन पुरस्कार देने की घोषणा की.

दुष्कर्मी को तिहरे कारावास की सजा

पुलिस अधीक्षक डॉ. दिलीप पाटिल भुजबल ने आर्णी दुष्कर्म मामले के आरोपी को फास्ट ट्रैक न्यायालय में प्रकरण चलाकर तिहरे कारावास की सजा सुनाए जाने की जानकारी भी पत्रकार परिषद में दी. एसपी भुजबल ने बताया कि आर्णी में बीते 13 मार्च को छह साल की बालिका पर दुष्कर्म किए जाने की घटना सामने आयी थीं. इस घटना की पुलिस ने तत्काल दखल लेकर केवल दो घंटे के भीतर ही आर्णी पुलिस ने आरोपी संजय उर्फ मुक्या मोहन जाधव को हिरासत में लिया.

आरोपी ने पीडित बालिका को चॉकलेट का प्रलोभन दिखाकर उसे अपने घर पर बुलाकर दुराचार किया. इतना ही नहीं तो पांच रूपए देकर पीडिता को धमकाया कि इस बारे में किसी को कुछ नहीं बताए. जिसके बाद पीडिता रोते बिलखते हुए घर पहुंची और मां से लिपट गयी. इसी समय मां को अपनी बेटी के कपडों पर खून के धब्बे दिखाई दिए. जिससे मां की दिल की धडकनें तेज हो गई. अपनी बेटी के साथ कुछ गलत होने की बात ध्यान में आते ही बेटी को लेकर मां आर्णी पुलिस थाने में पहुंची.

मामले की गंभीरता को देखते हुए पुलिस अधीक्षक डॉ. दिलीप पाटिल भुजबल ने मामला दारव्हा एसडीपीओ को सौंपा. प्रारंभिक जांच करते हुए दारव्हा उपविभागीय पुलिस अधिकारी अनिल आडे व आर्णी पुलिस थाने के निरीक्षक पितांबर जाधव ने केवल दो घंटे में ही आरोपी संजय उर्फ मुक्या जाधव को हरासत में लिया. इसके बाद घटनास्थल का पंचनामा व घटनास्थल के सभी सबूतों को इकठ्टा किया गया. मामले की जांच दारव्हा एसडीपीओ आदित्य मिरखेलकर ने करते हुए सभी सबूतों और गवाहों के बयान दर्ज किए. इसके अलावा अमरावती की टीम ने भी डीएनए जांच की रिपोर्ट मुहैय्या करायी.

केवल दस दिनों में जांच पडताल कर पुख्ता सबूतों के साथ आरोपी के खिलाफ 22 मार्च को दोषारोप पत्र न्यायालय में प्रविष्ठ किया गया. इस मामले में आरोपी को जल्दी सजा मिले इसके लिए पुलिस अधीक्षक डॉ. दिलीप पाटिल भुजबल के प्रयासों से मामला फास्ट ट्रैक न्यायालय में चलाया गया. इसके लिए जिला सरकारी वकील नीती दवे व उनके सहयोग हेतु सहायक सरकारी वकील अंकुश देशमुख की नियुक्ति की गई. जिला व सत्र न्यायाधीश ह.ल. मनवर के न्यायालय में आरोपी को पुख्ता सबूतों के आधार पर सजा सुनायी गई.

धारा 6 बाल यौन शोषण प्रतिबंधक अधिनियम 2012 के तहत आजीवन कारावास व 5 हजार रुपए दंड, धारा 376 (अ)(ब) के तहत आजीवन कारावास व 5 हजार रुपए दंड तथा धारा 3(2)(v) एट्रॉसिटी एक्ट के तहत आजीवन कारावास व 5 हजार रुपए दंड की सजा सुनायी. इसके अलावा सजा के प्रावधान अंतर्गत दंड की 15 हजार रुपयों की रकम पीडिता को देने का आदेश पारित किया.

इस मामले की जांच में पुलिस अधीक्षक डॉ. दिलीप पाटिल भुजबल, अपर पुलिस अधीक्षक डॉ. खंडेराव धरणे के मार्गदर्शन में दारव्हा एसडीपीओ तथा सहायक पुलिस अधीक्षक आदित्य मिरखेलकर ने पूर्ण की. उनको तत्कालीन एसडीपीओ अनिल आडे, आर्णी पुलिस थाने के निरीक्षक पितांबर जाधव, दारव्हा एसडीपीओ कार्यालय के कर्मचारी वनदेव कापडे, बापुराव दोडके, शाम मेहसरे, सतीश चौधर ने सहयोग दिया. इसके अलावा न्यायालयीन सुनवाई के दौरान पैरवी अधिकारी के रूप में पुलिस हवालदार गजानन भगत व मंगेश जगताप ने महत्वपूर्ण सहयोग दिया.

इस मामले में बेहतरीन कार्य करनेवाले टीम के अधिकारी व कर्मचारियों को 50 हजार रुपए नगद, सी नोट का रिवार्ड घोषित किया गया. पत्रकार परिषद में पुलिस अधीक्षक डॉ. दिलीप पाटिल भुजबल, अपर पुलिस अधीक्षक डॉ. खंडेराव धरणे सहित अन्य पुलिस अधिकारी व कर्मचारी मौजूद थे.