यवतमाल

Published: Jun 10, 2022 10:25 PM IST

Yavatmal Newsफ्लोराईड युक्त जल से बाधित वडद ब्रम्ही गांव पहूंचे ZP के सीईओ; नए जलापूर्ती लाईन शुरु कर, आरओ प्लांट मरम्मत के निर्देश

कंटेन्ट राइटरनवभारत.कॉम

यवतमाल. महागांव तहसील के मौजे वडद ब्रम्ही गांव में पेयजल के कारण गांववासीयों में किडनी की समस्याए निर्माण होने की जानकारी उजागर होने के बाद प्रशासन में हडकम्प मचा हुआ है. उल्लेखनिय है की इस गांव में फ्लोराईड युक्त जल होने से गांववासीयों को किडनी समेत अन्य बिमारीयों ने घेर लेने से गांववासीयों में दुषित पेयजल और फ्लारोईड युक्त जल की समस्या के बावजुद प्रशासन द्वारा ध्यान न देने से कडी नाराजी जतायी जा रही थी.

इसी बीच आज 10 जुन को जिलापरिषद के मुख्य कार्यकारी अधिकारी डा.श्रीकृष्ण पांचाल ने महागांव तहसील के वडद (ब्रम्ही) में पेयजल की समस्या की दखल लेकर वहां का दौरान किया. इस समय उन्होने गांव की जलापूर्ती योजना की समिक्षा कर गांव में जल की जरुरत पुरी करने के लिए जल जीवन मिशन के तहत तात्काल नई जलापूर्ती योजना शुरु करने के निर्देश जलापूर्ती विभाग के कार्यकारी अभियंता प्रदीप कोल्हे को दिए है.

एडवांस राशि देने पर भी नही की ठेकेदार ने आरओ प्लांट की मरम्मत

वडद (ब्रम्ही) में स्थायी तौर पर जलापूर्ती योजना है, जिससे गांव को जलापूर्ती होती है, उसी तरह वर्ष 2015-16 में यहां पर 2 जलशुध्दीकरण यंत्र भी लगाए गए थे, लेकिन यह दोनों मशिनें फिलहाल बंद पडी हुई है. ग्रामपंचायत ने इसकी मरम्मत के लिए संबंधित ठेकेदार को एडवांस राशि देने पर भी इसकी मरम्मत नही किए जाने से यह बंद होने की जानकारी इस मामले के सामने आने के बाद ग्रामपंचायत ने जिप.प्रशासन को दी थी. आज सीईओ ने इन यंत्रों का निरीक्षण कर आगामी 12 जुन तक गांव के आरओ प्लांट की मरम्मत करने के निर्देश संबंधित विभाग के अधिकारी को दिए.

10 सालों में गांव के 12 किडनी मरीजों की मौत

इससे पहले सीईओ डा. श्रीकृष्ण पांचाल ने जिला स्वास्थ्य अधिकारी को तात्काल इस गांव में जाकर मामले की रिपोर्ट पेश करने के निर्देश दिए थे, जिसके बाद डीएचओ डा.प्रल्हाद चव्हाण ने टीम के साथ पहूंचकर गांव में जलस्त्रोतों और गांववासीयों द्वारा की जा रही उनकी बिमारीयों के संबंध में निरीक्षण किया था.इस टिम ने गांव के पेयजल स्त्रोतों का निरीक्षण करने के अलावा जल की जांच के लिए इसके नमुने ईकठठे की थे.जिन्हे रासायनिक जांच के लिए भेजा गया, इसकी रिपोर्ट प्रशासन को मिली है, जिसमें टीडीएस का प्रमाण कम होने और फ्लोराईड का प्रमाण सामान्य होने जानकारी रिपोर्ट में दर्ज की गयी है.इसके बावजुद पेयजल के सभी स्त्रोतों की जांच उन्हे नियमित तौर पर करने के निर्देश दिए गए है. इसके अलावा तहसील स्वास्थ्य अधिकारी, स्वास्थ्य सेवक को सर्वे कर किडनी बिमारी से मृत हुए मरीजों की जानकारी लेने पर वर्ष 2013 से 2022 इन 10 सालों के दौरान कुल 12 लोगों की मेडिकल उपचार के दौरान उचित ईलाज के अभाव में मौत होने की जानकारी उजागर होने की जानकारी प्रशासन ने दी है. फिलहाल इस गांव में 48 से 60 वर्ष आयु के किडनी बिमारी से पिडीत 5 मरीज होने से उनपर उचित जांच कर ईलाज करने के लिए काऊंसिलींग करने के निर्देश सीईओं ने स्वास्थ्य विभाग को दिए है.

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