उत्तर भारत

Published: Nov 06, 2023 07:10 PM IST

Money Laundering CaseED ने पंजाब के AAP विधायक जसवंत सिंह गज्जण माजरा को किया गिरफ्तार, जानें मामला?

कंटेन्ट राइटरनवभारत.कॉम

चड़ीगढ़: प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने कथित बैंक धोखाधड़ी से जुड़े धन शोधन मामले (Money Laundering Case) में पंजाब के आप विधायक जसवंत सिंह गज्जन माजरा  (Jaswant Singh Gajjan Majra) को गिरफ्तार किया। ईडी के अधिकारीयों ने यह जानकारी दी।

सीबीआई ने 40 करोड़ रुपये की कथित बैंक धोखाधड़ी के मामले में गज्जन माजरा से जुड़े परिसरों पर पिछले साल मई में छापेमारी की थी। पिछले साल सितंबर में, ईडी ने कथित बैंक ऋण धोखाधड़ी से संबंधित धन शोधन की जांच के तहत गज्जन माजरा से जुड़े कई परिसरों में छापेमारी की थी। ईडी की टीम ने तब छापेमारी के बाद 32 लाख रुपये नकद, कुछ मोबाइल फोन और हार्ड ड्राइव जब्त किए थे।

सूत्रों ने आरोप लगाया कि गज्जन माजरा ने अतीत में उन्हें जारी किए गए कई समन को नजरअंदाज किया था, इसलिए उन्हें हिरासत में लिया गया और फिर पूछताछ के बाद गिरफ्तार कर लिया गया। वह अमरगढ़ से विधायक हैं।  ‘आप’ की पंजाब इकाई के प्रवक्ता मलविंदर सिंह कंग ने कहा जिस तरह से ईडी ने उन्हें एक जनसभा से हिरासत में लिया है, वह पार्टी को बदनाम करने की भाजपा की राजनीति को दर्शाता है। कंग ने कहा कि ‘आप’ में शामिल होने से पहले से गज्जन माजरा एक मामले का सामना कर रहे थे। 

केंद्रीय एजेंसी ने पीएमएलए जांच के तहत पिछले साल सितंबर में विधायक और कुछ अन्य लोगों के परिसरों पर छापा मारा था। सीबीआई (भ्रष्टाचार रोधी शाखा, चंडीगढ़) की मार्च 2022 की प्राथमिकी के आधार पर ईडी ने पीएमएमए का मामला दर्ज किया था।सीबीआई ने तारा कॉर्पोरेशन लिमिटेड (टीसीएल), उसके निदेशक जसवंत सिंह (गज्जन माजरा), बलवंत सिंह, कुलवंत सिंह, तेजिंदर सिंह, उनके सहयोगी और लुधियाना, मालेरकोटला, खन्ना, पायल और धुरी में अन्य सहयोगी संस्थाओं के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की थी। इस कंपनी का नाम सितंबर 2018 में बदल कर मलौध एग्रो लिमिटेड कर दिया गया था।

ईडी की टीम ने तब छापेमारी के बाद 32 लाख रुपये नकद, कुछ मोबाइल फोन और हार्ड ड्राइव जब्त किए थे। उसने कहा कि लुधियाना में बैंक ऑफ इंडिया की मॉडल टाउन शाखा ने कंपनी को कुल 35 करोड़ रुपये की नकद क्रेडिट सीमा पर ऋण स्वीकृत किया था।  एजेंसी ने कहा, “ फरवरी 2014 में खाते को छह करोड़ रुपये की अस्थायी सीमा भी स्वीकृत की गई थी जिसे कंपनी ने अब तक नहीं चुकाया है।”

ईडी ने कहा था कि तारा कॉर्पोरेशन लिमिटेड के खाते को 31 मार्च 2014 को गैर-निष्पादित संपत्ति घोषित कर दिया गया था।  उसने कहा है कि कुल बकाया ऋण 76 करोड़ रुपये है और तारा कॉर्पोरेशन लिमिटेड के ऋण खाते में जसवंत सिंह, बलवंत सिंह, कुलवंत सिंह और तेजिंदर सिंह निदेशक और गारंटी देने वाले थे।