उत्तर भारत

Published: Oct 10, 2020 08:36 PM IST

राजनीतिबंगाल पुलिस के खिलाफ अदालत, मानवाधिकार आयोग जाएंगे: विजयवर्गीय

कंटेन्ट राइटरनवभारत.कॉम

कोलकाता. भाजपा के राष्ट्रीय सचिव कैलाश विजयवर्गीय ने पार्टी के राज्य सचिवालय मार्च के दौरान पश्चिम बंगाल पुलिस द्वारा बम फेंकने और मानवाधिकारों का उल्लंघन किए जाने का आरोप लगाया है। भाजपा नेता ने शनिवार को कहा कि पार्टी “बल द्वारा किए गए अमानवीय व्यवहार को लेकर न्याय” के लिए अदालत जाएगी।

उन्होंने आरोप लगाया कि पश्चिम बंगाल सरकार दोहरे नियमों का पालन कर रही है जिसमें एक भाजपा के लिए और दूसरा सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस के लिए है। उन्होंने कहा कि हाथरस के कथित बलात्कार मामले और कृषि संबंधी कानूनों के खिलाफ तृणमूल की रैलियों के दौरान कोविड-19 दिशानिर्देशों का उल्लंघन किया गया लेकिन उसके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की गई।

भाजपा नेता ने कहा, “बृहस्पतिवार को सचिवालय की ओर लोकतांत्रिक मार्च के दौरान भाजपा कार्यकर्ताओं के साथ जिस तरह का व्यवहार किया गया वह अभूतपूर्व और अस्वीकार्य है। पुलिस ने हमारे कार्यकर्ताओं पर बम फेंके, उनकी बसों में तोड़फोड़ की और मानवाधिकारों का उल्लंघन किया। हमारे पार्टी कार्यकर्ताओं के साथ मारपीट की गयी और पुलिस ने हमारी महिला कार्यकर्ताओं के साथ भी बदसलूकी की।”

विजयवर्गीय ने सवाल किया, “विपक्षी पार्टी के कार्यकर्ताओं के साथ आचरण का क्या यह आपका (पुलिस) तरीका है?” उन्होंने आरोप लगाया कि रैली के बाद भाजपा कार्यकर्ताओं के खिलाफ झूठे मामले दर्ज किए गए।

उन्होंने कहा, “हम पश्चिम बंगाल पुलिस द्वारा किए गए अत्याचारों के खिलाफ न्याय पाने के लिए अदालत और मानवाधिकार आयोग जाएंगे।” एक दिन पहले ही पुलिस ने पार्टी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष मुकुल रॉय, प्रदेश अध्यक्ष दिलीप घोष, राष्ट्रीय सचिव अरविंद मेनन और सांसदों अर्जुन सिंह तथा लॉकेट चटर्जी और विजयवर्गीय आदि के खिलाफ मामला दर्ज किया है। इन नेताओं के खिलाफ दंगा और महामारी रोग कानून के उल्लंघन का आरोप लगाया गया है।

हावड़ा में पार्टी की रैली के दौरान पुलिस द्वारा एक सिख व्यक्ति पर कथित तौर पर हमला करने और पगड़ी खींचने के मुद्दे पर विजयवर्गीय ने राज्य की तृणमूल सरकार पर समुदाय की भावनाओं को आहत करने का आरोप लगाया।

उन्होंने सत्तारूढ़ पार्टी पर निशाना साधते हुए आरोप लगाया कि यह साबित हो गया है “एक खास समुदाय को छोड़कर अन्य समुदायों के लोगों के साथ सम्मानजनक व्यवहार नहीं किया जाता है।”

भाजपा लंबे समय से तृणमूल पर अल्पसंख्यक कार्ड खेलने का आरोप लगा रही है। तृणमूल ने भाजपा के आरोपों को “निराधार” करार देते हुए कहा है कि वह “मुद्दे को सांप्रदायिक बनाने की कोशिश” कर रही है। (एजेंसी)