उत्तर भारत

Published: Mar 30, 2022 03:31 PM IST

Rajasthan Doctor Suicideलेडी डॉक्टर अर्चना शर्मा पर मरीज के परिजनों का दबाव, कर ली ख़ुदकुशी, सुसाइड नोट में लिखी ये बात

कंटेन्ट राइटरनवभारत.कॉम

नई दिल्ली, राजस्थान (Rajasthan) के दौसा (Dausa) जिले में इलाज के दौरान एक प्रसूता की मौत हो गई। जिसके चलते एक महिला डॉक्टर पर केस दर्ज किया गया था। अब उसी महिला डॉक्टर (Woman Doctor Suicide) ने आत्महत्या कर ली। इस महिला डॉक्टर का नाम अर्चना शर्मा (Dr Archana Sharma) था। महिला डॉक्टर की आत्महत्या के मामले को लेकर आज राजस्थान के डॉक्टर हड़ताल पर रहेंगे। वहीं, दिल्ली (Delhi) में भी डॉक्टर काली पट्टी बांधकर विरोध जता रहे हैं।

महिला डॉक्टर की आत्महत्या के का विरोध करते हुए दिल्ली एम्स के रेजिडेंट डॉक्टर आज काली पट्टी बांधकर काम कर रहे हैं। इस बीच दौसा अस्पताल प्रबंधक डॉक्टर सुनीत उपाध्याय ने पूरी घटना के बारे में बताया। उन्होंने बताया कि, 22 साल की महिला आशा बैरवा प्रसव के लिए अस्पताल आई थी। लेकिन, पहले से ही ज्यादा ब्लीडिंग हो रही थी, जिस वजह से उसे बचाया नहीं जा सका। महिला की मृत्यु के बाद स्थानीय कांग्रेस नेताओं की वजह से डॉक्टर अर्चना शर्मा पर हत्या का मामला दर्ज कर लिया गया था। वहीं, पुलिस द्वारा प्रताड़ना होने से परेशान होकर महिला डॉक्टर ने खुद की जान दे दी। 

महिला डॉक्टर अर्चना (Dr Archana Sharma) अस्पताल के बाहर प्रसूता और नेताओं के धरने से भी बेहद परेशान थी। अर्चना ने कई बार पुलिस को समझाने की कोशिश की। लेकिन, उल्टा पुलिस ही उन्हें और परेशान कर रही थी। इसके बाद महिला डॉक्टर अर्चना शर्मा ने खुदकुशी कर ली। 

इस मामले में अब अर्चना (Dr Archana Sharma) का सुसाइड नोट भी सामने आया है। इस सुसाइड नोट में घटना से पहले अर्चना शर्मा ने लिखा, ‘मैंने कोई गलती नहीं की है, किसी को नहीं मारा, पीपीएच एक कॉम्प्लिकेशन है, इसके लिए डॉक्टरों को प्रताड़ित करना बंद करो।’ अर्चना ने अपने सुसाइड नोट के आखिर में लिखा है कि, ‘प्लीज मेरे बच्चे को मां की कमी महसूस नहीं होने देना’। सुसाइड नोट लिखने के बाद डॉ। अर्चना शर्मा ने फंदा लगाकर अपनी जान दे दी। 

पुलिस को जैसी ही अर्चना (Dr Archana Sharma) के सुसाइड की सूचना मिली। वह तुरंत मौके पर पहुंची और डॉक्टर के शव को उसके घर से बरामद किया। अब डॉक्टर के आत्महत्या से नाराज होकर आईएमए ने राज्य के सभी निजी और सरकारी अस्पतालों में हड़ताल का ऐलान किया है। 

आईएमए के सचिव सर्वेश जोशी ने कहा कि इमरजेंसी छोड़कर सभी सेवाएं बंद रहेंगी। सुप्रीम कोर्ट के आदेश के मुताबिक, अगर अस्पताल में किसी मरीज की मौत हुई है, तो इलाज में लापरवाही की धारा 304 लगाकर और कमेटी बनाकर जांच कर सकते हैं। इस घटना के बारे में बताते हुए आईएमए ने कहा कि, इस मामले में राजनैतिक दबाव में आकर अस्पताल के पूरे स्टाफ़ के खिलाफ 302 में मामला दर्ज कर लिया गया है।