उत्तर भारत

Published: Nov 15, 2023 03:32 PM IST

Uttarkashi Tunnel Accidentउत्तरकाशी रेस्क्यू ऑपरेशन में थाईलैंड की मदद, थाम लुआंग गुफा में 12 बच्चों की जान बचाने में मिली थी कामयाबी

कंटेन्ट राइटरनवभारत.कॉम
फ़ाइल फोटो
उत्तरकाशी: उत्तराखंड (Uttarakhand) में चार धाम राजमार्ग परियोजना पर एक निर्माणाधीन सुरंग (Uttarkashi Tunnel Accident) के ढहने से 40 मजदुर उसमें फंस गए हैं। उन्हें सुरक्षित बाहर निकालने के लिए रेस्क्यू ऑपरेशन (Rescue Operation) शुरू कर दिया गया है। लेकीन अभी तक कोई बड़ी कामयाबी नहीं मिली है। सुरंग के अंदर फंसे मजदूरों को निकालने की जद्दोजहद अभी भी जारी है। वहीं सिलक्यारा टनल के अंदर फंसे 40 मजदूरों को लेकर शुरू हुए रेस्क्यू ऑपरेशन ने उस घटना की याद ताजा कर दी है जिससे पूरी दुनिया हैरान हो गई थी। थाईलैंड (Thailand) की रेस्क्यू उस ऑपरेशन को सबसे कठिन माना जाता है जिसमें दुनिया के सबसे बेहतरीन गोताखोरों और थाईलैंड सील कमांडो की मदद (Help) से गुफा में 17 दिनों तक फंसे रहे 12 लड़कों और उनके फुटबॉल कोच को सुरक्षित बचा लिया था।

थाईलैंड के थाम लुआंग गुफा में फंसे थे 12 बच्चे
तारीख 23 जून थी उस दिन थाईलैंड के कई इलाकों में बारिश हो रही थी। इसी दौरान 12 बच्चों की एक फुटबॉल टीम और उनके कोच अभ्यास के बाद निकल रहे थे। उसी समय उनका प्लान बन गया कि वे थाम लुआंग गुफा को देखने जायेंगे। लेकिन उन्हें यह नहीं पता था कि अगले ही पल मौसम अपना मिजाज बदलने वाला है जहां मौत उनका इंतज़ार कर रही है। आने वाली मुसीबत से अनजान बच्चे गुफा में घूमते घूमते काफी अंदर तक पहुंच गए। इसी दौरान तेज बारिश के कारण गुफा के निचले हिस्से में काफी पानी भर गया और जब तक उन्हें ये बात समझ आती तब तक बाहर निकलने का रास्ता बंद हो चुका था। जिसके बाद कोच समेत सभी 12 बच्चे उसी गुफा में फंस गए।

 

रेस्क्यू ऑपरेशन में 10 हजार लोग थे शामिल 

थाईलैंड रेस्क्यू ऑपरेशन (Thai Cave Rescue 2018) में करीब 10 हजार लोग शामिल हुए थे। जिन्होंने 12 बच्चों और उनके कोच को सुरक्षित बाहर निकलने में कामयाबी हासिल की थी। 10 हजार लोगों की इस टीम में 700 से अधिक गोताखोर, 200 बचाव कर्मी और लगभग 100 सरकारी एजेंसियों के प्रतिनिधि, 900 पुलिस अधिकारी, 2000 सेवा के जवान शामिल थे। 10 हेलीकॉप्टर, 7 एंबुलेंस, 700 से अधिक गोताखोर सिलेंडर के साथ मौजूद थे। इस बचाव कार्य में दो बचाव कर्मियों की मौत भी हुई थी। इस हादसे ने पूरी दुनिया को हिला कर रख दिया था। 
 
17 दिन चला था रेस्क्यू ऑपरेशन 
17 दिन चले रेस्क्यू ऑपरेशन के बाद गुफा में बच्चे 13 लोगों की जान बचाई गई थी। इस दौरान उन्होंने अपनी जान कैसे बचाई वह सुनकर भी कलेजा कांप उठता है। बच्चों ने अपनी जान पानी पीकर और साथ में मौजूद खाद्य पदार्थों की मदद से बचाई थी उनके लिए वहां जीवन बेहद कठिन हो गया था। मौत का साया एक पल के लिए भी उनका पीछा नहीं छोड़ता था। 

उत्तराखंड के टनल हादसे में कैसे चल रहा है बचाव कार्य
उत्तरकाशी के रेस्क्यू ऑपरेशन में थल सेना और वायु सेवा की मदद ली जा रही है। राज्य के मुख्यमंत्री ने पीड़ितों के परिजनों को आश्वासन दिया है कि उन्हें संयम से काम लेना चाहिए और यह भी कहा है कि वह टनल में फंसे लोगों को बचाने के लिए प्रतिबद्ध हैं। 

बनाया जा रहा है प्लेटफार्म
सुरंग के अंदर फंसे 40 लोगों को बचाने के लिए दिल्ली मशीन को एयरलिफ्ट करके मंगाया गया और उसके बाद सुरंग के अंदर प्लेटफार्म बनाने की कोशिश की गई है। वायु सेना के हरक्यूलिस विमान से सुरंग में बचाव कार्य करने हेतु हैवी मशीनों को एयरलिफ्ट करके दिल्ली से घटनास्थल तक भेजा जा रहा है। 

नार्वे और थाईलैंड की टीम से ली जा रही मदद
उत्तरकाशी में निर्माणाधीन सुरंग में फंसे 40 मजदूरों को बाहर निकलने का राहत कार्य तेजी से चल रहा है। एयरफोर्स के तीन विशेष विमान 25 टन की भारी मशीनों को लेकर घटनास्थल पर पहुंच गए हैं। मलबे को हटाने का प्रयास किया जा रहा है। वहीं इस काम में नार्वे और थाईलैंड की विशेष टीमों से भी मदद ली जा रही है। सभी मजदूरों को जल्द से जल्द बाहर निकलने का प्रयास युद्धस्तर पर किया जा रहा है।