उत्तर भारत
Published: Jul 28, 2022 06:24 PM ISTWater Problemपंजाब में बढ़ी पानी की समस्या, मुख्यमंत्री भगवंत मान की इजराइली कंपनी के प्रतिनिधियों से खास मुलाकात
पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने राज्य में हो रही पानी की समस्या को लेकर इजराइल की कंपनी #mekorot के प्रतिनिधियों के साथ खास मुलाकात की। उक्त जानकारी खुद मुख्यमंत्री ने देश के अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म, कू ऐप के अपने हैंडल के जरिए दी। इससे पहले मंगलवार को मान ने जल शक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत से भी मुलाकात कर प्रदेश में दूषित पेयजल के मुद्दे पर चर्चा की।
मुख्यमंत्री ने कू पोस्ट करते हुए कहा है:
पंजाब स्वच्छ पेयजल की गंभीर समस्या से जूझ रहा है। दुःख की बात है कि पाँच नदियों की भूमि के लोगों के पास साफ पानी नहीं है।
इस संबंध में, मैंने इजरायल की कंपनी #mekorot के प्रतिनिधियों से मुलाकात की। मेरी सरकार पंजाबियों को स्वच्छ पानी उपलब्ध कराने के लिए प्रतिबद्ध है।
– Bhagwant Mann (@bhagwantmann) 28 July 2022
इस पोस्ट से साफ जाहिर है कि पंजाब में पीने वाले पानी की गंभीर समस्या हैं। उन्होंने कहा कि पंज आबों की धरती के लोगों को साफ पानी ना मिलना बहुत बड़ी त्रासदी है। इजराइल कंपनी #mekorot के प्रतिनिधियों के साथ मुलाकात कर कंपनी के साथ मिलकर नए प्रोजेक्ट शुरू किए जाएँगे। पंजाबियों को साफ पानी मुहैया करवाने के लिए मेरी सरकार वचनबद्ध हैं।
ग्रामीण पेयजल की स्थिति
यों तो पंजाब एक विकसित राज्य माना जाता है, लेकिन ग्रामीण अंचलों में गरीबों का एक वर्ग कुपोषण की चपेट में है। कुपोषण की स्थिति जल प्रदूषण के प्रभाव के चलते और अधिक जटिल बन गई है। जनवरी 2020 में ‘विश्व बैंक’ ने एक अध्ययन रिपोर्ट सार्वजनिक की थी, जिसमें कहा गया था, “पंजाब में कई परिवार मकान परिसर में ही निजी कुएं बना रहे हैं। ग्रामीण पंजाब में कई दशकों से बड़ी मात्रा में भूजल का दोहन होता रहा है। वहीं, यहां मुफ्त बिजली की दीर्घकालिक नीति रही है।यही वजह है कि यहां घर-घर निजी उथले बोरवेल होते हैं। लेकिन, ये बोरवेल रासायनिक प्रदूषण युक्त पानी की चपेट में हैं।”
कैग की रिपोर्ट के मुताबिक पंजाब के 23 जिलों में से 16 फ्लोराइड-युक्त, 19 नाइट्रेट-युक्त, 6 आर्सेनिक-युक्त और 9 आयरन-युक्त पानी की समस्या से जूझ रहे हैं। दरअसल, हरित क्रांति ने भारत के अनाज उत्पादन को बढ़ाने में मदद की, लेकिन इसके अधिक हानिकारक प्रभावों का खामियाजा पंजाब, हरियाणा और कुछ अन्य क्षेत्रों को भुगतना पड़ा है। पंजाब देश में सबसे तेज गति से जमीन से पानी निकाल रहा है।
वहीं, विश्व बैंक ने जनवरी 2020 में एक रिपोर्ट तैयार की, जिसके मुताबिक करीब 16,000 कुओं में से, 38 प्रतिशत में उच्च फ्लोराइड, 8 प्रतिशत में उच्च से बहुत अधिक, जबकि 30 प्रतिशत निम्न से मध्यम स्तर का फ्लोराइड था। इनमें मनसा और पटियाला जिलों की स्थिति सबसे खराब है।
जल शक्ति मंत्री से भी की मुलाकात
पंजाब के मुख्यमंत्री ने इससे पहले मंगलवार को प्रदेश में दूषित पेयजल के मुद्दे पर जल शक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत से मुलाकात कर इसके उपायों पर चर्चा की।
– Gajendra Singh Shekhawat (@gssjodhpur) 26 July 2022