ओडिशा

Published: Apr 18, 2024 02:56 PM IST

Odisha हॉकी के धुरंधर 'दिलीप टिर्की' पर CM नवीन पटनायक को भरोसा, सुंदरगढ से मैदान में उतरने का दिया मौका

कंटेन्ट राइटरनवभारत.कॉम
दिलीप टिर्की- मुख्यमंत्री नवीन पटनायक (सौजन्य: सोशल मीडिया)

नई दिल्ली: ओडिशा के सुंदरगढ़ जिले में हॉकी महज खेल ही नहीं बल्कि जीवनशैली का हिस्सा है और इस आदिवासी बहुल जिले को खेल के मानचित्र पर उभारने वाले दिलीप टिर्की (Dilip Tirkey) को यकीन है कि दुनिया के सबसे बड़े हॉकी स्टेडियम (Hockey Stadium) का तोहफा पाने वाले मतदाता हॉकी में मुख्यमंत्री नवीन पटनायक (Chief Minister Naveen Patnaik) के योगदान को नहीं भूलेंगे। भारत को टिर्की के अलावा विलियम काल्को, लाजरूस बारला, प्रबोध टिर्की, अमित रोहिदास, सुभद्रा प्रधान जैसे धुरंधरों के साथ सीनियर और जूनियर स्तर पर सौ से अधिक अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ी देने वाली ‘हॉकी की नर्सरी’ सुंदरगढ (Sundergarh) में बीजू जनता दल ने भारतीय हॉकी की दीवार कहे जाने वाले महान टिर्की पर फिर भरोसा जताया है।

हॉकी इंडिया के अध्यक्ष और भारत के पूर्व कप्तान टिर्की आदिवासी बहुत इस सीट पर 2014 में भारतीय जनता पार्टी के जुआल ओराम से हार गए थे जो 2019 में भी सीट बरकरार रखने में कामयाब रहे। पिछली बार लोकसभा चुनाव से दूर रहे टिर्की को एक बार फिर ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने सुंदरगढ से उतारा है। भारत के लिये 400 से अधिक अंतरराष्ट्रीय मैच खेल चुके टिर्की ने भाषा को दिये साक्षात्कार में कहा ,‘‘ मुझे इस बार जीत का पूरा यकीन है। पिछले दस साल में काफी कुछ बदल गया है। ओडिशा में विकास का काफी काम हुआ है चाहे वह शिक्षा हो, स्वास्थ्य या फिर खेल।”

उन्होंने कहा ,‘‘ पिछले एक दशक में विश्व खेल मानचित्र में ओडिशा ने पुरजोर उपस्थिति दर्ज कराई है। राउरकेला में दुनिया का सबसे बड़ा हॉकी स्टेडियम ‘बिरसा मुंडा स्टेडियम’ बनाया गया है और पिछले साल पुरूष हॉकी विश्व कप के मैचों का सफल आयोजन भी यहां हुआ है।” सुंदरगढ के सौनामारा में जन्मे टिर्की के भरोसे की वजह भारतीय हॉकी में ओडिशा का योगदान भी है। ओडिशा सरकार 2018 में सौ करोड़ के करार पर पांच साल के लिये भारतीय हॉकी की मुख्य प्रायोजक बनी थी। तोक्यो ओलंपिक में पुरूष टीम के कांस्य पदक जीतने के बाद अज्ञात राशि पर यह करार 10 साल के लिये बढ़ाया गया।

तीन ओलंपिक और तीन विश्व कप खेल चुके टिर्की ने कहा ,‘‘ हॉकी खिलाड़ियों में भी उत्साह है और यहां दूरदराज में हॉकी को बढावा देने के लिये विभिन्न जिलों के 17 ब्लॉक में 17 एस्ट्रो टर्फ लग चुके है। इसके अलावा इंडोर खेलों के लिये भी काफी केंद्र बनाये गए हैं। ओडिशा सरकार ने खेल और खिलाड़ियों के विकास , अत्याधुनिक प्रशिक्षण और बड़े टूर्नामेंटों की मेजबानी करके प्रदेश की छवि बदल दी है और खेलप्रेमी मतदाता इसे भूलेंगे नहीं।” सुंदरगढ में पिछले साल विश्व कप से पहले दुनिया का सबसे बड़ा ‘बिरसा मुंडा हॉकी स्टेडियम’ बनाया गया। हॉकी इंडिया के अध्यक्ष ने कहा ,‘‘ मैने एक खिलाड़ी के तौर पर बहुत मेहनत की है और राजनीति में भी करूंगा। खिलाड़ी सफल राजनीतिज्ञ हो सकते हैं। खेल का मतलब ही कड़ी मेहनत और अनुशासन है जो राजनीति में भी जरूरी है। इसके साथ ही संयम की जरूरत है जो मेरे पूरे कैरियर में मैंने बनाये रखा ।”

टिर्की ने कहा कि राज्यसभा सांसद के रूप में उनका अनुभव भी अब उनके काफी काम आयेगा। 2012 से 2018 तक राज्यसभा सदस्य रहे टिर्की ने कहा ,‘‘ राज्यसभा में धुरंधरों के बीच बैठना मेरे लिये बहुत बड़ा अनुभव है। पहली बार किसी खिलाड़ी को बीजद से राज्यसभा में भेजा गया जो मेरे लिये बहुत बड़ी उपलब्धि है। यह अनुभव भविष्य में राजनीति में बहुत काम आयेगा।” उन्होंने कहा कि भारतीय जनता पार्टी से गठबंधन नहीं होने का असर ओडिशा में विधानसभा और लोकसभा चुनाव पर नहीं पड़ेगा। उन्होंने कहा,‘‘ ओडिशा में बीजद को गठबंधन की जरूरत नहीं है क्योंकि लोगों का बीजद और नवीन पटनायक के नेतृत्व में अटूट विश्वास है। उन्होंने ओडिशा की छवि पूरी तरह से बदल दी है। इसी तरह केंद्र में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को भी बीजद से गठबंधन की जरूरत नहीं है। ”

यह पूछने पर कि सुंदरगढ में वोट उनके लिये पड़ेंगे या नवीन पटनायक के लिये, टिर्की ने कहा ,‘‘ मैं राजनीति में नवीन पटनायक की वजह से हूं और निश्चित तौर पर उनकी सकारात्मक छवि से मुझे वोट मिलेंगे ।” क्या चुनावी राजनीति में सक्रिय होने से वह हॉकी इंडिया अध्यक्ष का पद छोड़ेंगे ? इस पर उन्होंने कहा ,‘‘ हॉकी मेरा जुनून है और इसने मुझे बहुत कुछ दिया है। अब हॉकी इंडिया का अध्यक्ष होने के नाते भी मैं इससे जुड़ा हुआ हूं। उम्मीद है कि आगे भी यह जिम्मेदारी संभाल सकूंगा।

कुश्ती महासंघ के पूर्व अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह गोंडा से सांसद भी थे तो ऐसा कुछ नहीं है कि सांसद खेल महासंघ में नहीं रह सकते। ” ओडिशा में 2019 के विधानसभा चुनाव में नवीन पटनायक ने 147 में से 113 सीटें जीती थी लेकिन इसके साथ ही हुए लोकसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी ने पश्चिमी ओडिशा में सेंध मारते हुए कालाहांडी, बोलांगीर, बारगढ़, संबलपुर और सुंदरगढ़ सीटों पर कब्जा किया था ।

(एजेंसी)