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Published: Jul 11, 2021 10:37 PM IST

Farmers Protestहरियाणा में किसानों ने भाजपा नेताओं के कार्यक्रमों को निशाना बनाते हुए किया प्रदर्शन

कंटेन्ट राइटरनवभारत.कॉम
File Photo: PTI

चंडीगढ़. किसानों (Farmers) ने रविवार को हरियाणा (Haryana) में विभिन्न स्थानों पर भाजपा नेताओं (BJP Leaders) के कार्यक्रमों को निशाना बनाते हुए विरोध प्रदर्शन किया और तीन विवादास्पद कृषि कानूनों (Agriculture Laws) को वापस लेने की मांग के साथ केंद्र के खिलाफ नारे लगाए। फतेहाबाद में प्रदर्शनकारियों ने पुलिस द्वारा लगाए गए अवरोधकों को हटा दिया और उस स्थान की ओर बढ़ने का प्रयास किया जहां हरियाणा के सहकारिता मंत्री बनवारी लाल और सिरसा से सांसद सुनीता दुग्गल पार्टी के एक कार्यक्रम में भाग ले रहे थे।

पुलिस ने कहा कि जब प्रदर्शनकारियों को कार्यक्रम स्थल पर प्रवेश करने से रोका गया तो उनमें से कुछ ने अवरोधक हटा दिए और नारेबाजी की। प्रदर्शनकारियों ने काले झंडे लिए हुए थे। हालांकि उन्हें कार्यक्रम स्थल तक नहीं पहुंचने दिया गया। किसानों ने झज्जर में भी प्रदर्शन किया जहां प्रदेश भाजपा प्रमुख ओपी धनखड़ एक पार्टी कार्यक्रम में शामिल होने वाले थे। अपने हाथों में काले झंडे लिए प्रदर्शनकारियों ने कहा कि वे भाजपा या उसकी सहयोगी जननायक जनता पार्टी (जजपा) को तब तक कार्यक्रम नहीं करने देंगे जब तक कि विवादास्पद कृषि कानूनों को रद्द नहीं किया जाता।

सिरसा में भी काले झंडे लिए किसान इकट्ठे हुए और सरकार के खिलाफ नारेबाजी की। वहीं, अंबाला में बड़ी संख्या में प्रदर्शनकारी उस समय अंबाला-साहा मार्ग पर एकत्र हो गए, जब उन्हें पता चला कि भाजपा की जिला इकाई एक कार्यक्रम आयोजित कर रही है। इस बीच, हरियाणा भारतीय किसान यूनियन (चढूनी) के प्रमुख गुरनाम सिंह चढूनी ने रविवार को पंजाब के गुरदासपुर में पत्रकारों से बातचीत में कि दिल्ली की सीमाओं पर किसानों का आंदोलन सात महीने से अधिक समय से चल रहा है लेकिन सरकार उनकी नहीं सुन रही है।

उन्होंने गुरदासपुर में डेरा बाबा नानक से सिंघू बॉर्डर आंदोलन स्थल तक विभिन्न वाहनों पर किसानों के एक मार्च का नेतृत्व किया। चढूनी ने कहा, ‘‘यह आंदोलन कई महीनों से चल रहा है, लेकिन केंद्र किसानों की बात नहीं सुन रहा है। भाजपा नीत सरकार को अगर यह लगता है कि यह आंदोलन समाप्त हो जाएगा, तो वह गलत समझ रही है। वास्तव में, यह अधिक ताकत हासिल कर रहा है और किसान तभी आराम करेंगे जब ये कानून रद्द हो जाएंगे।” (एजेंसी)