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Published: Dec 24, 2020 05:34 PM IST

राजनीति ममता बनर्जी को विश्व भारती के शताब्दी समारोह का न्योता नहीं दिया गया: तृणमूल

कंटेन्ट राइटरनवभारत.कॉम

कोलकाता: पश्चिम बंगाल (West Bengal) में सत्तारूढ़ पार्टी तृणमूल कांग्रेस (Trinmool Congress) ने बृहस्पतिवार को आरोप लगाया कि मुख्यमंत्री ममता बनर्जी (Mamata Banerjee) को विश्व भारती विश्वविद्यालय (Vishwa Bharti University) के शताब्दी समारोह में शामिल होने का न्योता नहीं दिया गया था। प्रदेश के मंत्री एवं तृणमूल कंग्रेस नेता ब्रात्य बसु (Bratya Basu) ने यहां संवाददाताओं को संबोधित करते हुए यह भी दावा किया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने संबोधन के दौरान ‘‘तथ्यात्मक गलतियां” की।

उल्लेखनीय है कि प्रधानमंत्री ने पश्चिम बंगाल के शांतिनिकेतन स्थित विश्व भारती विश्वविद्यालय के शताब्दी समारोह को आज वीडियो कांफ्रेंस के माध्यम से संबोधित किया। समारोह के दौरान राज्यपाल जगदीप धनखड़ और केंद्रीय शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक भी उपस्थित थे।

बसु ने दावा किया, ‘‘ममता बनर्जी को विश्व भारती के शताब्दी समारोह के लिए कोई न्योता नहीं मिला था। ” उन्होंने एक सवाल के जवाब में कहा, ‘‘आप जैसा कह रहे हैं, उसके मुताबिक यदि बीती रात भी न्योता भेजा गया था तो क्या यह शिष्टाचार था ? आखिरकार, वह (ममता) राज्य की मुख्यमंत्री हैं। ”

तृणमूल कांग्रेस के वरिष्ठ नेता ने दावा किया कि प्रधानमंत्री ने अपने संबोधन के दौरान बांग्ला संस्कृति और परंपराओं को कई तरीके से नीचा दिखाया। उन्होंने कहा, ‘‘प्रधानमंत्री के संबोधन में गुजरात का जिक्र अक्सर आया। वह रवीन्द्रनाथ टैगोर को गुजरात तक सीमित क्यों कर रहे हैं? उन्होने कहा कि सत्येंद्रनाथ टैगोर की पत्नी (रवीन्द्रनाथ टैगोर की भाभी) ने गुजराती महिलाओं से एक खास तरह से साड़ी का पल्लू (कंधे पर) रखना सीखा। जबकि सच्चाई यह है कि उन्होंने यह गुजरातियों और पारसी से सीखा था। लेकिन प्रधानमंत्री ने पारसी का जिक्र नहीं किया।”

बसु ने दावा किया, ‘‘प्रधानमंत्री ने अपने संबोधन के दौरान दिल्ली और लाहौर के विश्वविद्यालयों का जिक्र किया। लेकिन उन्होंने कलकत्ता विश्वविद्यालय का जिक्र नहीं किया, जिसने देश के स्वतंत्रता आंदोलन में एक अहम भूमिका निभाई थी।” ममता बनर्जी सरकार के ‘दुआरे सरकार’ कार्यक्रम का जिक्र करते हुए बसु ने कहा कि कम से कम 1.42 करोड़ लोगों को विभिन्न कल्याण योजनाओं से सीधा फायदा पहुंचा है और इस उद्देश्य के लिए 8,700 करोड़ रुपये जारी किए गए हैं।