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Published: Dec 15, 2020 06:13 PM IST

बंगाल विधानसभा चुनावममता को तगड़ा झटका, अब शुभेंदु अधिकारी का पहाड़ों से ज़मीन तक गेरूआ तूफ़ान

कंटेन्ट राइटरनवभारत.कॉम

कोलकाता: तृणमूल कांग्रेस (Trinmool Congress) के बागी नेता और पूर्व मंत्री शुभेंदु अधिकारी (Suvendu Adhikari) जल्द ही भाजपा (BJP) में शामिल होंगे। इस बात की पुष्टि उनके उस कथन से हुई जब उन्होंने कहा कि, “मैं बैंगनी रंग के साथ जा रहा हूँ, जल्द ही जंगल से होते हुए पहाड़ों से दीघा तक गेरुआ तूफान आएगा।” विधानसभा चुनाव से पहले शुभेंदु का टीएमसी छोड़ भाजपा में शामिल होना मुख्यमंत्री ममता बैनर्जी (Mamata Bainarjee) के लिए बहुत बड़ा झटका है। 

दिल्ली में करेंगे अमित शाह से मुलाकात 

अधिकारी के करीबी सूत्रों से मिली जानकरी के अनुसार, वह 16 दिसंबर को दिल्ली के उड़ान भरेंगे वहीं 17 तारिक को गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात करेंगे उनके सूत्रों ने कहा भाजपा में शामिल होने के पहले वह विधायक पद से इस्तीफा देगे, उसके बाद 19 दिसंबर को पूर्वी मदिनापुर में अमित शाह की मौजूदगी के दौरान भाजपा में शामिल होंगे

अधिकारी से सारी बात होगई है: मुकुल रॉय 

भाजपा के बड़े नेता और राष्ट्रीय उपाध्यक्ष मुकुल रॉय ने कहा, “शुभेंदु पर फैसला हो गया है. 2 या 4 दिन में पार्टी में आएंगे। सब कुछ बात हो चुकी है।” रॉय ने ममता बनर्जी पर हमला बोलते हुए कहा, “वह कितना भी दौरा कर लें मगर वह और टीएमसी जीतेगी नहीं। ममता कितना भी प्रचार करें नतीजा जीरो होगा।”

गृह मंत्रालय ने दी Z प्लस सुरक्षा 

शुभेंदु अधिकारी के भाजपा में शामिल होने की चर्चा पिछले कई दिनों से शुरू है. इसी बीच सोमवार को केंद्रीय गृह मंत्रालय ने उन्हें Z प्लस सुरक्षा प्रदान कर दी है. गृह मंत्रालय के सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार आईबी ने अधिकारी को लेकर रिपोर्ट सौंपी है, जिसमें अधिकारी पर थ्रेट परसेप्शन की संभावना जताई है। इस रिपोर्ट के बाद ही केंद्रीय गृह मंत्रालय ने अधिकारी को जेड कैटेगरी की सुरक्षा दी।

जनाधार और मजबूत पकड़वाले नेता 

बंगाल में शुबेंदु अधिकारी की पहचान एक जनाधार और मजबूत पकड़ वाले नेता के तौर पर होती है। टीएमसी में ममता के बाद सभी कार्यकर्ताओं में स्वीकार्य नेता सिर्फ शुबेंदु ही है। वह ममता के सबसे करीबी नेताओं में गिने जाते थे, लेकिन ममता द्वारा अपने भतीजे अभिषेक बैनर्जी को संगठन की कमान देने के वजह से वह नाराज़ हो गए थे। दोनों नेताओं की बीच दुरी इतनी बढ़ गई कि अधिकारी ने पिछले दिनों राज्य के परिवहन मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था।