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Published: Apr 06, 2022 06:55 PM IST

Hijab Controversyअल-कायदा के वीडियो पर कर्नाटक के मंत्री बीसी नागेश ने कहा- ...भारत में लोगों के बीच मतभेद पैदा करना चाहते हैं

कंटेन्ट राइटरनवभारत.कॉम
Photo: @ANI/ Twitter

बेंगलुरु: हिजाब विवाद मामले (Hijab Controversy) में अल-कायदा के वीडियो (Al-Qaeda’s Video) पर कर्नाटक के मंत्री बीसी नागेश (BC Nagesh ) ने कहा, आतंकवादी हर मौके का इस्तेमाल शांति भंग करने और भारत में लोगों के बीच मतभेद पैदा करने के लिए करना चाहते हैं। ये लोग कभी सफल नहीं हो पाएंगे। गृह विभाग इस तरह की चीजों का निरीक्षण करेगा और यदि आवश्यक हुआ तो वे कार्रवाई करेंगे। 

इससे पहले कर्नाटक के गृह मंत्री अरगा ज्ञानेंद्र ने कहा कि, हिजाब विवाद पर अलकायदा सरगना अयमान अल जवाहिरी द्वारा जारी किया गया वीडियो बयान और हिजाब के बचाव में खड़ी रही छात्रा मुस्कान खान की तारीफ करना तथा ‘अल्लाह हू अकबर’ के नारे लगाना इस विवाद में अज्ञात तत्वों की संलिप्तता को साबित करता है।  उन्होंने कहा कि गृह और पुलिस विभाग के अधिकारी घटनाक्रम पर नजर रखे हुए हैं और पूरे प्रकरण की जांच की जा रही है।  

 ज्ञानेंद्र ने वीडियो में मुस्कान की जवाहिरी द्वारा तारीफ किए जाने के बारे में पूछे जाने पर कहा, ‘‘हम शुरूआत से ही यह कहते आ रहे हैं और उच्च न्यायालय ने भी हिजाब (विवाद) पर फैसले के दौरान सुझाव दिया था कि हिजाब विवाद के पीछे कुछ अज्ञात तत्वों की संलिप्तता होने की संभावना है…अब यह साबित हो गया है क्योंकि अलकायदा के लोग अब वीडियो जारी कर रहे हैं।” उन्होंने कहा, ‘‘चीजें किस तरह से हो रही हैं, (उनके बीच) क्या संबंध है। इन सभी की पुलिस जांच कर रही है… वह पता लगा लेगी।” 

क्या है मामला 

 उल्लेखनीय है कि फरवरी में हिजाब विवाद के चरम पर रहने के दौरान, राज्य के मांडया में बीकॉम द्वितीय वर्ष की छात्रा मुस्कान खान को हिजाब पहन कर कॉलेज में प्रवेश करने को लेकर भगवा शॉल ओढ़े छात्रों के एक समूह ने घेर लिया था। छात्रों के इस समूह ने जब ‘जय श्री राम’ के नारे लगाये, तब मुस्कान ने कथित तौर पर ‘अल्लाह हू अकबर’ का नारा लगाया था। 

इसके बाद, कॉलेज प्रशासन ने हस्तक्षेप किया और स्थिति को काबू किया था। आंतरिक मामलों में एक आतंकी संगठन के बयान की निंदा करते हुए उच्चतर शिक्षा मंत्री सी एन अश्वथ नारायण ने कहा, ‘‘इससे जुड़े संगठनों और लोगों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।” उन्होंने कहा कि राज्य सरकार किसी समुदाय के (धार्मिक आचरण) खिलाफ कोई कानून नहीं लायी है और सिर्फ कानून का पालन कर रही है।