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Published: Sep 11, 2021 07:47 PM ISTJharkhandगरीब सवर्णों को मिलेगा 10 प्रतिशत आरक्षण, झारखंड हाईकोर्ट की डबल बेंच ने सिंगल बेंच के आदेश को किया खारिज
ओमप्रकाश मिश्र
रांची. आज दुसरे दिन भी झारखंड उच्च न्यायालय (Jharkhand High Court) की डबल बेंच (Double Bench) ने सिंगल बेंच के आदेश को ख़ारिज करते हुए झारखंड के सवर्णों के हित में अहम फैसला सुनायाI डबल बेंच के फैसले के बाद झारखंड (Jharkhand) में 634 सहायक अभियंताओं की नियुक्ति का रास्ता साफ हो गया है। इस नियुक्ति में अब गरीब सवर्णों को 10% आरक्षण मिलेगा। उच्च न्यायालय के न्यायाधीश रोगन मुखोपाध्याय और न्यायाधीश राजेश शंकर की खंडपीठ ने इस मामले में सिंगल बेंच के आदेश को खारिज कर दिया। दोनों न्यायाधीशों की खंडपीठ ने जेपीएससी पर लिए गए फैसले पर जल्दी नियुक्ति की प्रक्रिया शुरू करने का भी निर्देश दिया। उच्च न्यायालय ने आज सभी पक्षों की दलीलों को सुनने के बाद फैसला सुरक्षित रख लिया था। सिंगल बेंच ने अपने आदेश में कहा था कि वर्ष 2019 में सवर्णों को आरक्षण दिए जाने का कानून लागू किया गया था। इसलिए इससे पहले की नियुक्ति में इस आरक्षण का लाभ नहीं दिया जा सकता। बेंच ने इस नियुक्ति प्रक्रिया को गलत बताते हुए इस रद्द कर दिया था। साथ ही जेपीएससी को फिर से विज्ञापन निकालने का आदेश दिया था।
सिंगल बेंच के इस फैसले के खिलाफ झारखंड उच्च न्यायालय की डबल बंच में अपील की गई थी। इस पर सुनवाई करते हुए डबल बेंच ने सिंगल बेंच के फैसले को खारिज कर जेपीएससी को नियुक्ति प्रक्रिया शुरू करने का आदेश दिया। सिंगल बेंच ने आर्थिक रूप से गरीब सवर्णों को नियुक्ति में 10 प्रतिशत आरक्षण देने की बात को यह कहते हुए निरस्त कर दिया था कि सरकार आरक्षण का नियम लागू होने के बाद होने वाली नियुक्तियों में ऐसा कर सकती है। जबकि सरकार ने इस कानून के लागू होने के पहले के रिक्त पदों पर आरक्षण दिया था। इसके उपरांत राज्य सरकार और जेपीएससी ने इस आदेश के खिलाफ खंडपीठ में अपील की थी। इस पर खंडपीठ ने कहा कि आरक्षण देना सरकार का अधिकार है।
गौरतलब है कि झारखंड में आरक्षण के नाम पर जमकर जातिगत राजनीति की जाती रही है और इससे स्वर्ण आरंभ से ही उपेक्षा का शिकार रहे हैं । उच्च न्यायालय के इस फैसले का झारखंड के बुद्धिजीवी वर्ग ने स्वागत किया है। सवर्णों को आरक्षण दिए जाने के मामले से जुडी कुछ तथ्य इस प्रकार है।
- वर्ष 2019 में नियुक्ति के लिए विज्ञापन निकला था।
- सिविल इंजीनियर के 542 पदों पर नियुक्ति की जानी थी, जिसमे मैकेनिकल इंजीनियर के भी 92 पद थे ।
- गत 22 जनवरी से राज्यभर में नियुक्ति परीक्षा आयोजित की जानी थी पर इससे पहले ही कोर्ट ने नियुक्ति प्रक्रिया को गलत बता दिया । जिसके समाधान के तहत आज अहम फैसला सुनाया गया जिसका सवर्णों ने स्वागत किया है ।