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Published: Dec 30, 2021 08:33 PM IST

Fuel Subsidyपेट्रोल पर 25 रुपये प्रति लीटर की सब्सिडी देने का राज्य सरकार का ऐलान झूठ के पुलिंदे से कम नहीं है : आशा लकड़ा

कंटेन्ट राइटरनवभारत.कॉम
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– ओमप्रकाश मिश्र 

रांची : मुख्यमंत्री (Chief Minister) हेमंत सोरेन (Hemant Soren) ने अपनी सरकार की दूसरी वर्षगांठ पर राज्य के लोगों को पेट्रोल (Petrol) पर 25 रुपये प्रति लीटर सब्सिडी (Subsidy) देने की घोषणा (Announcement) की है। इसकी अधिकतम सीमा 10 लीटर होगी। राज्य सरकार की यह घोषणा झूठ के पुलिंदे से कम नहीं है। गुरुवार को ये बातें भाजपा की राष्ट्रीय मंत्री सह रांची की मेयर डॉ. आशा लकड़ा ने कही। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने समाज के एक खास तबके को लाभ पहुंचाने का काम किया है। माध्यम वर्ग के लोगों को इससे कोई लाभ नहीं मिला है। आशा लकड़ा ने कहा कि मुख्यमंत्री की बातों से ऐसा प्रतीत होता है कि वर्तमान में राज्य के हर राशनकार्ड धारी के पास दो पहिया वाहन उपलब्ध है।

मुख्यमंत्री को यह ज्ञात होना चाहिए कि दो पहिया वाहन सबसे अधिक मध्यमवर्गीय परिवारों के घर मे है। यदि इस सब्सिडी का लाभ राशनकार्ड धारियों के साथ-साथ मध्यमवर्गीय परिवारों को भी दी जाती तो बढ़ती महंगाई से उन्हें भी थोड़ी राहत मिलती। उन्होंने यह भी कहा कि राज्य सरकार की इस घोषणा के तहत राशन कार्डधारी अपना कार्ड दिखाकर पेट्रोल पंप से पेट्रोल लेंगे। इसके बाद पेट्रोल पंप से मिलने वाली रसीद को राज्य सरकार के वेबसाइट पर अपलोड करेंगे। फिर उनके खाते में सब्सिडी की राशि ट्रांसफर की जाएगी।

भाजपा की राष्ट्रीय मंत्री डॉ. आशा लकड़ा ने कहा कि राज्य सरकार ने पेट्रोल पर दी जाने वाली सब्सिडी का आधार राशन कार्ड निर्धारित किया। इससे यह कैसे स्पष्ट होगा कि संबंधित कार्डधारी के पास दो पहिया वाहन हैं या नहीं। इस प्रक्रिया के तहत राशन कार्डधारियों के साथ धोखाधड़ी किए जाने की प्रबल संभावना है। कहीं ऐसा न हो कि राज्य के 20 से 25 लाख को मिलने वाले इस लाभ से समाज के दूसरे लोग लाभान्वित होते रहें और राशन कार्डधारी सब्सिडी की आड़ में बेवकूफ बनते रहें। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार की इस घोषणा से प्रतिमाह 62.5 करोड़ और  प्रतिवर्ष 750 करोड़ रुपये का अतिरिक्त वित्तीय बोझ बढ़ेगा, इसकी भरपाई कौन करेगा। यदि राज्य सरकार पेट्रोल पर आठ रुपये प्रति लीटर की दर से भी वैट में कटौती करती तो इससे राज्य के सभी लोग लाभान्वित होते। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की यह घोषणा सिर्फ और सिर्फ वोट बैंक की राजनीति है।