अन्य राज्य

Published: May 30, 2022 11:16 AM IST

Vande Bharat Trains'द बर्निंग ट्रेन' नहीं बनेंगी भविष्य में रेलगाड़ियां, अगले साल तक तैयार हो जाएंगी 75 सेमि हाईस्पीड वंदे भारत रेलगाडी, मुम्बई-नागपुर के बीच भी चलाने की योजना

कंटेन्ट राइटरनवभारत.कॉम

-संतोष ठाकुर

चेन्नई: चेन्नई स्थित भारतीय रेलवे का इंटीग्रल कोच फैक्ट्री (ICF ) इन दिनों प्रधानमंत्री की महत्वकांक्षी ‘ वंदे भारत’  ट्रेन योजना को साकार करने में जुटा हुआ है। हालांकि यह ट्रेन पहले से ही 2 रूट पर चल रही है। लेकिन उनका बेहतर या अपग्रेडेड रूप यहां पर तैयार किया जा रहा है। जिससे अगले साल 15 अगस्त तक  देश के विभिन्न रूट पर 75 वंदे भारत सेमी हाई स्पीड ट्रेन का परिचालन शुरू किया जा सके। प्रधानमंत्री ने लाल किला की प्राचीर से कहा था कि  15 अगस्त 2023 तक देश में 75 वंदे भारत ट्रेन अलग रूटों पर चलाई जाएंगी। यह ट्रेन 130/180 किमी की स्पीड से चलेंगी। जिससे लोगों की यात्रा कम समय में संपन्न हो पाएगी।  आईसीएफ के जनरल मैनेजर अतुल कुमार अग्रवाल ने कहा कि इस साल 15 अगस्त तक दो वंदे भारत रेलगाड़ी तैयार हो जाएगी। जबकि अगले साल 15 अगस्त तक सभी 75 वंदे भारत 

रेलगाड़ी बनकर तैयार हो जाएगी। उन्होंने वंदे भारत रेलगाड़ी में चीनी पहिए लगाने को लेकर भी स्थिति स्पष्ट की। उन्होंने कहा कि प्रारंभिक चरण में यूक्रेन से कुछ पहिए आने थे। इसके अलावा कुछ अन्य देशों से भी इसके पहिये आने वाले थे। जिसकी वजह से कुछ भ्रांतियां उत्पन्न हुई हैं। यूक्रेन युद्ध की वजह से पहियों की सप्लाई भी रुकी थी। लेकिन रेल मंत्री अश्वनी वैष्णव के व्यक्तिगत दखल और निगरानी की वजह से सभी पहिए भारत आने के लिए अब तैयार हैं। जल्द ही पहियों का निर्माण दुर्गापुर पश्चिम बंगाल और रायबरेली उत्तर प्रदेश रेल फैक्ट्रियों में होने लगेगा। जिससे वंदे भारत ट्रेन पूरी तरह से भारत में ही बनाई जाएगी। उन्होंने कहा कि कुछ चुनिंदा उपकरणों को छोड़कर वंदे भारत का निर्माण पूरी तरह से मेक इन इंडिया कार्यक्रम के तहत ही हो रहा है।

आरामदायक -गतिशील और आग से बचाव 

आईसीएफ के एक अधिकारी ने कहा कि नई वंदे भारत ट्रेन पहले के मुकाबले काफी आरामदायक होगी। इसकी सीट पहले के मुकाबले काफी बेहतर बनाई गई है। यह ट्रेन 130 से लेकर 180 किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार से, पटरी की क्षमता अनुरूप,  दौड़ सकती है। जिससे लोगों की यात्रा कम समय में संपन्न होगी। इसके अलावा इस रेलगाड़ी में आग से बचाव के उपाय भी किए गए हैं। इसमें  सप्रेशर लगाए गए हैं। जिससे यह आग को एक से दूसरे कोच में नहीं फैलने देगा। उसकी जानकारी धुआं अलार्म के माध्यम से पहले ही मिल जाएगी। जिससे समय रहते ही आग पर काबू कर लिया जाएगा। इससे वंदे भारत रेल गाड़ी बर्निंग ट्रेन बनने से बची रहेगी। इस अधिकारी ने कहा कि यह तकनीक विदेश से हासिल की गई है। यह केवल एसी रेलगाड़ियों में ही प्रभावी होती है। इसकी वजह यह है कि सामान्य रेलगाड़ी में बाहर से भी धुंआ अंदर आता है। जिससे लगातार धुआं अलार्म बजता रहेगा। 

कार्गो मेट्रो – नागपुर मुंबई भी प्रमुखता से शामिल

आईसीएफ के महाप्रबंधक अतुल कुमार अग्रवाल ने कहा कि वंदे भारत जिस प्लेटफार्म पर बनाई जा रही है। उसी पर कार्गो मेट्रो के नाम से सेमी हाई स्पीड कार्गो रेलगाड़ी भी बनाई जा रही है। ऐसी  पहली रेलगाड़ी दिसंबर तक बनकर तैयार हो जाएगी। इस रेलगाड़ी का प्रमुख उद्देश्य कार्गो बिजनेस को गति प्रदान करना है। जिससे दो शहरों के बीच में कार्गो तेजी से पहुंचाने में मदद मिले। इससे रेलवे की कमाई में भी इजाफा होगा। ऐसी 2 दर्जन से अधिक रेलगाड़ी बनाने का प्रस्ताव है। यह रेलगाड़ी भी वंदे भारत की तरह 130 / 180 किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार से चलेंगी। उन्होंने एक सवाल के जवाब में कहा कि वंदे भारत हो या फिर कार्गो मेट्रो रेलगाड़ी हो।

दिल्ली – मुंबई- कोलकाता- चेन्नई इसके प्रमुख स्टेशन होंगे।आईसीएफ के एक अन्य वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि नागपुर सेंट्रल भारत का एक प्रमुख शहर है। ऐसे में नागपुर के लिए वंदे भारत ट्रेन  निश्चित तौर पर चलाई जाएगी। इस अधिकारी ने कहा कि नागपुर – मुंबई , नागपुर- भोपाल और नागपुर से दक्षिण भारत के ऐसे शहर जो 8 से 10 घंटे की दूरी पर हैं। उनके बीच वंदे भारत रेलगाड़ी का परिचालन शुरू किया जा सकता है। इसी तरह से मेट्रो कार्गो रेलगाड़ी भी नागपुर से मुंबई,  नागपुर से भोपाल के बीच शुरू की जा सकती है। इस अधिकारी का कहना था कि केंद्रीय भूतल परिवहन एवं राष्ट्रीय राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी पहले ही नागपुर के लिए वंदे भारत रेलगाड़ी की मांग रेलवे के समक्ष रख चुके हैं।