उत्तर प्रदेश
Published: Sep 28, 2023 06:01 PM ISTODF Plus statusयोगी सरकार की एक और उपलब्धि, यूपी के 100% गांवों को मिला ओडीएफ प्लस का दर्जा
- स्वच्छ भारत मिशन ग्रामीण के तहत 100% ओडीएफ प्लस कवरेज हासिल कर पेश की स्वच्छता की मिसाल
- 95,767 गांवों ने ठोस/तरल अपशिष्ट प्रबंधन प्रणालियों के साथ खुद को ओडीएफ+ घोषित किया
- पिछले 9 महीनों में 80,000 से अधिक गांवों ने ओडीएफ प्लस का दर्जा हासिल किया
- राष्ट्रव्यापी ‘स्वच्छता ही सेवा’ अभियान के बीच हासिल हुई उपलब्धि
- अकेले यूपी में 88 लाख लोगों ने जन आंदोलन और श्रमदान में लिया भाग
9 माह में 80 हजार गांव जुड़े
उत्तर प्रदेश ने मौजूदा वित्तीय वर्ष में तेजी से प्रगति की है। 1 जनवरी 2023 तक, राज्य में केवल 15,088 गांव थे जिन्हें ओडीएफ प्लस घोषित किया गया था। केवल 9 महीने में, राज्य ने मिशन मोड में ओडीएफ प्लस हासिल करने के लिए प्रयास किए। पिछले 9 महीनों में 80,000 से अधिक गांवों ने ओडीएफ प्लस का दर्जा हासिल किया और इस त्वरित गति के परिणामस्वरूप ओडीएफ प्लस की समयबद्ध उपलब्धि हासिल हुई। प्रदेश के 95,767 ओडीएफ प्लस गांवों में से 81,744 गांव ओडीएफ प्लस आकांक्षी गांव हैं, जहां ठोस अपशिष्ट प्रबंधन या तरल अपशिष्ट प्रबंधन की व्यवस्था है। 10,217 गांव ओडीएफ प्लस राइजिंग गांव हैं जिनमें ठोस अपशिष्ट प्रबंधन और तरल अपशिष्ट प्रबंधन दोनों की व्यवस्था है और 3,806 गांव ओडीएफ प्लस मॉडल गांव हैं।
स्वच्छता ही सेवा से जुड़े 88 लाख लोग
100% की यह उपलब्धि पूरे देश में संचालित हो रहे स्वच्छता ही सेवा (एसएचएस) – 2023 अभियान के दौरान हासिल की गई है। एसएचएस प्रतिवर्ष स्वच्छ भारत मिशन (ग्रामीण), पेयजल एवं स्वच्छता विभाग, जल शक्ति मंत्रालय के तहत 15 सितंबर से 2 अक्टूबर तक मनाया जाता है। इस वर्ष, अब तक, लगभग 88 लाख लोगों ने बड़े पैमाने पर इसमें हिस्सा लिया और श्रमदान किया है, जिससे ओडीएफ प्लस स्थिति की उपलब्धि में तेजी आई है।
ग्राम पंचायतों और सफाई कर्मियों का सम्मान
ओडीएफ प्लस उपलब्धि का जश्न उन ग्राम पंचायतों के सम्मान के साथ मनाया गया जिन्होंने अनुकरणीय कार्य किया और अपनी ग्राम पंचायतों को ओडीएफ प्लस मॉडल घोषित किया। पूरे राज्य में ग्राम प्रधान, ग्राम पंचायत सचिव, पंचायत सहायक और सफाई कर्मियों को राज्य स्तर पर सम्मानित किया गया, जिससे उन्हें स्वच्छ भारत मिशन (ग्रामीण) में और योगदान देने के लिए प्रेरित किया गया। पुरस्कार विजेताओं में ग्राम पंचायत को एक मॉडल के रूप में बनाने में उनके योगदान के लिए 60 सर्वश्रेष्ठ ग्राम पंचायतें शामिल हैं। साथ ही 75 सफाई कर्मियों (प्रत्येक 75 जिलों में से एक) को भी उनके योगदान के लिए सम्मानित किया गया।
जागरूकता के लिए उठाए गए महत्वपूर्ण कदम
इन ग्राम पंचायतों में जागरूकता के लिए कई महत्वपूर्ण कदम उठाए गए। जैसे ठोस अपशिष्ट, तरल अपशिष्ट, आरआरसी और मॉडल गांव के लाइव मॉडल के प्रदर्शन से सीखा गया और उसे लागू किया गया। साथ ही विभिन्न मनोरंजन के साधन जैसे कचरा मुक्त थीम पर जादू शो, कठपुतली शो जैसे स्थानीय/लोक मीडिया समूहों को शामिल करके सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किए गए। ओडीएफ प्लस मॉडल गांव वह है जो न सिर्फ अपनी ओडीएफ स्थिति को बरकरार रखे हुए हैं बल्कि इसमें ठोस अपशिष्ट प्रबंधन और तरल अपशिष्ट प्रबंधन दोनों की व्यवस्था है। साथ ही इन गांवों में अधिकतम स्वच्छता और न्यूनतम कूड़ा, न्यूनतम स्थिर अपशिष्ट जल दिखाई देता है। सार्वजनिक स्थानों पर यहां कोई प्लास्टिक कचरा डंप नहीं होता और ओडीएफ प्लस सूचना, शिक्षा और संचार (आईईसी) संदेश नियमित प्रदर्शित होते हैं।