उत्तर प्रदेश

Published: Oct 02, 2022 06:10 PM IST

Gorakhpurइस दिन दिखेगी सामाजिक समरसता की झलक, गोरखनाथ मंदिर के मुख्य द्वार के आगे स्वागत करेंगे अल्पसंख्यक समाज के लोग

कंटेन्ट राइटरनवभारत.कॉम

गोरखपुर : विजयदशमी (Vijayadashami) का पर्व गोरक्षपीठ (Festival Gorakshpeeth) की विशिष्टता और इसके ध्येय की व्यापकता को एक बड़े फलक पर अवलोकन करने का भी अवसर होता है। सामाजिक समरसता (Social Harmony) के ताने-बाने को मजबूत कर समग्र रूप में लोक कल्याण की भावना को संजोए इस पीठ से प्रति वर्ष विजयदशमी को निकलने वाली विजय शोभायात्रा अनूठी होती है। गोरक्षपीठाधीश्वर (Gorakshapeethadhishwar) की अगुवाई वाली परंपरागत शोभायात्रा में हर वर्ग के लोग तो शामिल होते ही हैं, इसका अल्पसंख्यक समुदाय (मुस्लिम और बुनकर समाज) के लोगों द्वारा भव्य स्वागत भी किया जाता है। 

गोरक्षपीठ ने कभी भी किसी को जाति या मजहब के चश्मे से नहीं देखा। गोरखनाथ मंदिर परिसर में अल्पसंख्यक समुदाय के ऐसे दुकानदार बहुतायत में हैं जो पीढ़ियों से यहीं रोजी-रोजगार में रत हैं। सांसद के रूप में योगी आदित्यनाथ रोजाना सुबह फरियादियों की समस्याओं का समाधान कराते थे तो उसमें सर्वाधिक संख्या अल्पसंख्यक समुदाय के पुरुष-महिलाओं की होती थी। और, आज के दौर के जब भी यहां सीएम का जनता दर्शन कार्यक्रम होता है तो भी यह नजारा देखने को मिलता है। दशहरे के दिन गोरखनाथ मंदिर की विजयदशमी शोभायात्रा का इंतजार तो पूरे शहर को होता है लेकिन सबसे अधिक उत्साह अल्पसंख्यक समुदाय के उन लोगों में दिखता है जो मंदिर के मुख्य द्वार से थोड़ी दूर घण्टों पहले फूलमाला लेकर गोरक्षपीठाधीश्वर के स्वागत को खड़े रहते हैं। गोरक्षपीठाधीश्वर का काफिला जब यहां रुकता है तो सामाजिक समरसता की वह तस्वीर विहंगम होती है।

परंपरा के अनुसार इस वर्ष भी विजयदशमी के दिन (मंगलवार) सायंकाल गोरखनाथ मंदिर से गोरक्षपीठाधीश्वर की शोभायात्रा धूमधाम से निकाली जाएगी। पीठाधीश्वर, गुरु गोरक्षनाथ का आशीर्वाद लेकर अपने वाहन में सवार होंगे। तुरही, नगाड़े और बैंड बाजे की धुन के बीच गोरक्षपीठाधीश्वर की शोभायात्रा मानसरोवर मंदिर पहुंचेगी। यहां पहुंचकर गोरक्षपीठाधीश्वर योगी आदित्यनाथ गोरक्षपीठ से जुड़े मानसरोवर मंदिर पर देवाधिदेव महादेव की पूजा-अर्चना  करेंगे। इसके बाद उनकी शोभायात्रा मानसरोवर रामलीला मैदान पहुंचेगी। यहां चल रही रामलीला में वह प्रभु श्रीराम का राजतिलक करेंगे। इसके साथ ही प्रभु श्रीराम, माता जानकी, लक्ष्मण और हनुमानजी का पूजन कर आरती भी उतारी जाएगी। यही नहीं विजयादशमी के दिन गोरखनाथ मंदिर में होने वाले पारंपरिक तिलकोत्सव कार्यक्रम में गोरक्षपीठाधीश्वर श्रद्धालुओं को आशीर्वाद भी देंगे। विजयादशमी के दिन शाम को गोरखनाथ मंदिर में परंपरागत भोज का भी आयोजन होगा जिसमें अमीर-गरीब और जाति-मजहब के विभेद से परे बड़ी संख्या में सर्वसमाज के लोग शामिल होते हैं।

संतों की अदालत में दंडाधिकारी की भूमिका में होंगे योगी

गोरक्षपीठ में विजयदशमी का दिन एक और मायने में भी खास होता है। इस दिन यहां संतों की अदालत लगती है और दंडाधिकारी की भूमिका में होते हैं गोरक्षपीठाधीश्वर। नाथपंथ की परम्‍परा के अनुसार हर वर्ष विजयदशमी के अवसर पर गोरखनाथ मंदिर में पीठाधीश्वर द्वारा संतों के विवादों का निस्तारण किया जाता है। मुख्यमंत्री और गोरक्षपीठाधीश्वर योगी आदित्‍यनाथ नाथपंथ की शीर्ष संस्था अखिल भारतवर्षीय अवधूत भेष बारह पंथ योगी महासभा के अध्‍यक्ष भी हैं। इसी पद पर वह दंडाधिकारी की भूमिका में होते हैं। गोरखनाथ मंदिर में विजयदशमी को पात्र पूजा का कार्यक्रम होता है। इसमें गोरक्षपीठाधीश्वर संतो के आपसी विवाद सुलझाते हैं। विवादों के निस्तारण से पूर्व संतगण पात्र देव के रूप में योगी आदित्यनाथ का पूजन करते हैं। पात्र देवता के सामने सुनवाई में कोई भी झूठ नहीं बोलता है। पात्र पूजा संत समाज में अनुशासन के लिए भी जाना जाता है।

नवमी को कन्या पूजन करेंगे सीएम योगी

नवरात्र के पहले दिन गोरखनाथ मंदिर के मठ के प्रथम तल पर स्थित शक्ति मंदिर में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कलश स्थापना की थी। शक्ति आराधना के अनुष्ठान के क्रम में नवमी तिथि को (मंगलवार पूर्वाह्न) सीएम योगी दुर्गा स्वरूपा कुंवारी कन्याओं के पांव पखारेंगे, उनके माथे पे रोली, चंदन, दही, अक्षत का तिलक लगा विधि विधान से पूजन करेंगे। पूरी श्रद्धा से भोजन कराकर दक्षिणा और उपहार देकर उनका आशीर्वाद भी लेंगे। इस दौरान परंपरा के अनुसार बटुक पूजन भी किया जाएगा।