उत्तर प्रदेश
Published: Oct 23, 2023 09:56 AM ISTUP Newsआजम खान के परिवार को अलग-अलग जेल भेजना BJP का सियासी कुचक्र, बेहद निंदनीय: अखिलेश यादव
लखनऊ: समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) के राष्ट्रीय अध्यक्ष और उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) ने पार्टी के वरिष्ठ नेता आजम खान (Azam Khan) और उनके परिवार के सदस्यों को अलग-अलग जेलों में भेजे जाने के सरकारी फैसले पर आपत्ति दर्ज कराते हुए कहा है कि आजम खान के परिवार को जिस प्रकार प्रताड़ित किए जाने का कुचक्र चल रहा है वो बेहद निंदनीय है।
आजम खान के खिलाफ सियासी कुचक्र
सपा प्रमुख ने रविवार की शाम सोशल नेटवर्किंग साइट X पर पोस्ट किया “माननीय आजम खान जी के परिवार को जिस प्रकार प्रताड़ित किए जाने का कुचक्र चल रहा है वो बेहद निंदनीय है। परिवार के सदस्यों को अलग-अलग जेलों में करना सत्ताधारियों की सियासत का पुराना चलन है और उम्र के तक़ाज़े से किसी भी हाल में जायज नहीं। इंसाफ के लिए उनके संघर्ष में हम सब साथ खड़े रहे हैं और रहेंगे।”
सपा के राष्ट्रीय महासचिव व उत्तर प्रदेश सरकार के पूर्व मंत्री मोहम्मद आजम खान और उनके बेटे अब्दुल्ला आजम को रविवार को तड़के रामपुर जिला कारागार से क्रमश: सीतापुर और हरदोई की जेल भेज दिया गया।
अलग- अलग जेल में पत्नी और बेटे
फर्जी जन्म प्रमाण पत्रों के मामले में 18 अक्टूबर 2023 को आजम खान, उनकी पत्नी पूर्व सांसद डॉ. तजीन फातिमा और छोटे बेटे अब्दुल आजम खान को एक अदालत ने सात-सात वर्ष कारावास की सज़ा सुनाई और 50-50 हजार रुपये का जुर्माना लगाया है। इसके बाद तीनों को रामपुर जिला कारागार भेज दिया गया था। आजम और अब्दुल्ला की जेलें बदली गयी हैं, हालांकि तजीन फातिमा रामपुर जिला जेल में ही रहेंगी।
मई 2022 में रिहा हुए थे
रामपुर जेल से निकलते समय आजम खान ने पत्रकारों से आशंका जताते हुए कहा कि हमारा एनकाउंटर भी किया जा सकता है। इससे पहले समाजवादी नेता ने एक दूसरे आपराधिक मामले में दो साल से ज्यादा समय तक सीतापुर जेल में बिताया था और सुप्रीम कोर्ट से जमानत मिलने के बाद मई 2022 में रिहा हुए थे।
बता दें कि अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय की छात्र राजनीति से राजनीतिक जीवन शुरू करने वाले 75 साल के आजम खान रामपुर से 10 बार विधायक, लोकसभा और राज्यसभा के सदस्य साथ ही उत्तर प्रदेश में मुलायम सिंह यादव और अखिलेश यादव की सरकारों में मंत्री भी रह चुके हैं।
भड़काऊ भाषण की वजह से सदस्यता रद्द
अदालत से भड़काऊ भाषण के मामले में सजा सुनाये जाने के बाद उनकी विधानसभा सदस्यता रद्द हो गयी थी। वह 2022 में रामपुर से सपा से विधानसभा सदस्य चुने गये थे। इसके पहले 2019 के चुनाव में वह रामपुर संसदीय क्षेत्र से लोकसभा के लिए निर्वाचित हुए थे। विधानसभा सदस्य चुने जाने के बाद उन्होंने संसद की सदस्यता से त्यागपत्र दे दिया था।