उत्तर प्रदेश

Published: Jun 18, 2021 06:31 PM IST

उत्तर प्रदेशयूपी में मुख्य मार्गो से जुड़ेंगे प्रदेश के सभी सामुदायिक और प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र

कंटेन्ट राइटरनवभारत.कॉम

लखनऊ. बेजोड़ कोविड प्रबंधन के लिए दुनिया भर में प्रशंसा पाने वाली योगी सरकार (Yogi Government) अब उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के मरीजों को अस्पताल (Hospital) तक पहुंचने के लिए सुगम मार्ग देने की तैयारी में जुट गई है। इसके लिए उसने शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों के सभी सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र (Community Health Center) और प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों (Primary Health Centers) को मुख्य मार्गों से जोड़ने के निर्देश दिए हैं। मरीजों को राहत देने के लिए प्रदेश में स्थित सभी सीएचसी और पीएचसी से जुड़े मार्गों के सुदृढ़ीकरण की कार्रवाई भी तेज हो गई है। प्रदेश में कुल 3011 पीएचसी और 855 सीएचसी है। जबकि शहरी पीएचसी की संख्या 592 है। अकेले राजधानी लखनऊ में 9 सीएचसी, 28 पीएचसी, 52 हैल्थ पोस्ट सेंटर और 8 शहरी पीएचसी हैं।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देशों के बाद प्रदेश के समस्त जिलों में स्थित सीएचसी और पीएचसी जाने वाले मार्गों को गड्ढा मुक्त करने का अभियान तेज हो गया है। जर्जर सड़कों का निर्माण और मरम्मत कार्य तेजी से किया जा रहा है। इस कार्य को पूरा करने के लिये नगर विकास विभाग, नगर निगमों, पीडब्लयूडी, ग्राम पंचायतों, शहरी और ग्रामीण निकायों को जिम्मेदारी सौंपी गई है। प्रदेश में मरीजों को अस्पताल तक पहुंचने में देरी न हो और समय से उनको इलाज मुहैया कराया जा सके। इसके लिये योगी सरकार लगतार प्रयास कर रही है। बरसात के मौसम को देखते हुए जहां अस्पतालों में इलाज के पुख्ता इंतजाम किये गये हैं वहीं मरीजों को अस्पताल तक पहुचंने में दिक्कत न हो इसके लिए मार्गों के दुरुस्तीकरण की कार्रवाई भी तेजी से शुरू कर दी गई है। 

गंभीर मरीजों को जल्द से जल्द इलाज मिलना संभव हो सकेगा

योगी सरकार का मानना है कि मुख्य मार्गों से सीएचसी और पीएचसी जुड़ जाने के बाद एम्बुलेंस से मरीजों को इलाज के लिए पहुंचाने में कम समय लगेगा। गंभीर मरीजों को जल्द से जल्द इलाज मिलना संभव हो सकेगा। गौरतलब है कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सत्ता संभालने के बाद से प्रदेश को बेहतर कल देने के लिए बेहतर कनेक्टिविटी की विभिन्न योजनाओं का शुभारंभ किया। इसके तहत प्रदेश के पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे परियोजना, गोरखपुर लिंक एक्सप्रेस-वे, बुंदेलखंड एक्सप्रेस-वे परियोजना, गंगा एक्सप्रेस-वे परियोजना आदि तेजी से शुरु की गईं। सड़कों को गड़ढा मुक्त करने का पूरे प्रदेश में अभियान चलाया गया।