उत्तर प्रदेश

Published: Jul 10, 2022 08:16 PM IST

Yogendra Upadhyayरिमोट सेन्सिंग तकनीक के माध्यम से प्रदेश के समस्त प्राकृतिक संसाधनों का अध्ययन और आंकलन किया जा रहा

कंटेन्ट राइटरनवभारत.कॉम

लखनऊ : उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के उच्च शिक्षा, विज्ञान और प्रौद्योगिकी, आईटी और इलेक्ट्रानिक्स विभाग के मंत्री योगेन्द्र उपाध्याय (Minister Yogendra Upadhyay) ने प्रदेश सरकार के 100 दिन का कार्यकाल पूर्ण होने पर लोकभवन में प्रेस प्रतिनिधियों के समक्ष अपने विभाग की 100 दिवसीय विभागीय उपलब्धियॉ और भावी कार्ययोजना की रूपरेखा प्रस्तुत की।

इस दौरान उन्होंने प्रेस को सम्बोधित करते हुए कहा कि प्रदेश सरकार प्रधानमंत्री (Prime Minister) के विजन और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Chief Minister Yogi Adityanath) के कुशल मार्गदर्शन से लगातार अपने दूसरे कार्यकाल में भी सेवा, सुरक्षा और सुशासन के लिए समर्पित होकर सबका साथ सबका विकास सबका विश्वास और सबके प्रयास से प्रदेश को ऊचाईयों पर ले जाने के लिए जनता के हित में कार्य कर रही है।

योगेन्द्र उपाध्याय ने बताया कि सभी 172 राजकीय महाविद्यालयों में ही-रिनोवेशन मिशन के लिए वित्तीय वर्ष 2022-23 में बजट का प्रावधान किया गया है। जिसके तहत 87 राजकीय महाविद्यालयों में स्मार्ट क्लास स्थापित करने के लिए रू. 10.00 करोड़, उच्च शिक्षा निदेशालय परिसर में ई-कंटेंट स्टूडियो स्थापित करने के लिए रू. 1.00 करोड़, प्रथम चरण में 36 राजकीय महाविद्यालयों के प्रयोगशाला उच्चीकरण हेतु रू. 1051.01 लाख, 111 राजकीय महाविद्यालयों में वैज्ञानिक और तकनीकी पुस्तकें उपलब्ध कराने हेतु रू. 203 लाख का बजट की व्यवस्था की गई है। इसी प्रकार कुल 172 राजकीय महाविद्यालयों में खेलकूद इंफ्रास्ट्रक्चर के उच्चीकरण हेतु योजना स्वीकृत। ऑनलाइन संस्कृत प्रशिक्षण हेतु सम्पूर्णानन्द संस्कृत विश्वविद्यालय, वाराणसी के लिए रू. 116.50 लाख की व्यवस्था की गई है।

राज्य के विश्वविद्यालयों में स्थापित किए गए इनक्यूबेटर्स 

उन्होंने कहा कि राजकीय महाविद्यालयों में 170 पदों पर प्रोफेसर पदोन्नत और अशासकीय सहायता प्राप्त महाविद्यालयों में 422 एसोसिएट प्रोफेसर को प्रोफेसर बनाया गया और 1200 रिक्त पदों पर नियुक्ति की गई। निजी विश्वविद्यालयों की स्थापना की प्रक्रिया को और अधिक सरल और पारदर्शी बनाने के लिए आवेदन प्रक्रिया को पूर्णतः आनलाइन करने के लिए पोर्टल शुरू किया गया। दो निजी विश्वविद्यालयों में मेट्रो यूनिवर्सिटी, ग्रेटर नोएडा और के. एम. (कृष्ण मोहन) विश्वविद्यालय, मथुरा की स्थापना के लिए संस्तुति प्रदान की गयी। इसी प्रकार 119 राजकीय महाविद्यालयों में ई-लर्निंग पार्क स्थापित, जिससे डिजिटल टीचिंग-लर्निंग को प्रोत्साहन मिलेगा। राजकीय महाविद्यालय पाही चित्रकूट, जखौरा ललितपुर, पुरवा उन्नाव, जेवर गौतमबुद्धनगर 04 राजकीय महाविद्यालयों के निर्माण का कार्य पूर्ण। इसी प्रकार प्रदेश के राजकीय महाविद्यालय महात्मा ज्योतिबाफुले रूहेलखण्ड विश्वविद्यालय बरेली, छत्रपति शाहूजी महाराज विश्वविद्यालय कानपुर और डॉ. भीमराव अम्बेडकर विश्वविद्यालय आगरा में स्थापित राज्य विश्वविद्यालयों में इनक्यूबेटर्स की स्थापना की गई। उच्च शिक्षा में तकनीकी प्रयोग के लिए एबकस-अप शुरू किया गया जिससे एनईपी-2020 अनुरूप क्रेडिट ट्रांसफर, रिसोर्स शेयरिंग, कलस्टरिंग संभव हो पाएगी। महापुरूषों और स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों की जीवन गाथाओं को शैक्षिक पाठ्यक्रम में शामिल किया गया। शैक्षणिक गतिविधियों को वार्षिक कैलेण्डर के अनुरूप संचालित किया गया है।

35 विद्यार्थियों को चयनित किया गया

योगेन्द्र उपाध्याय ने विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग की 100 दिन की उपलब्धियॉ गिनाते हुए कहा कि प्रदेश की आवश्यकतानुसार विभिन्न विषयों में शोध और विकास कार्य किये जा रहे हैं। अभी तक 979 शोध प्रस्ताव ऑनलाइन प्राप्त हो चुके हैं। सीएसटीयूपी समर रिसर्च फेलोशिप प्रोग्राम के तहत परास्नातक के विद्यार्थियों को समर रिसर्च ट्रेनिंग कराई जा रही है और फेलोशिप भी दी जा रही है। इसके तहत अब तक 1872 आवेदन प्राप्त हुए और इसमें से 35 विद्यार्थियों को चयनित किया गया है। लखनऊ में स्थापित इंदिरागांधी नक्षत्रशाला और गोरखपुर में स्थापित वीर बहादुर सिंह नक्षत्रशाला के उपकरणों के आधुनिकीकरण के लिए ग्लोबल ई-निविदा आमंत्रित की जा रही है। विद्यार्थियों में विज्ञान के प्रति रूचि जागृत करने के लिए आजादी का अमृत महोत्सव ’विज्ञान उत्सव’ कार्यक्रम के तहत ’साइंस एण्ड सोसाइटी’ थीम पर 21 अप्रैल को, ’फ्यूचर टेक्नोलाजीज फार आत्मनिर्भर भारत’ थीम पर 25 मई को और ’बेसिक साइंस फार आत्मनिर्भर भारत’ की थीम पर 06 जून को ऑनलाइन कार्यक्रम आयोजित किये गये। इसी प्रकार टिश्यू कल्चर प्रयोगशाला की स्थापना और जैव प्रौद्योगिकी के अंतर्गत नील हरित शैवाल जैव उर्वरक और एजोला के उत्पादन प्रक्रियाधीन है।

इन तकनीक का प्रयोग

उन्होंने बताया कि रिमोट सेन्सिंग तकनीक के माध्यम से प्रदेश के समस्त प्राकृतिक संसाधनों का अध्ययन और आंकलन किया जा रहा है। इसके तहत झांसी के बबीना में उपग्रहीय चित्रों और सर्वे आफ इंडिया टोपोशीट के माध्यम से रेल और रोड नेटवर्क और कैनाल और डेªनेज लेयर के आधार पर मानचित्रों के अपडेशन का कार्य पूर्ण। लखनऊ में आम के बागानों का सेटेलाइट डाटा से मानचित्रीकरण किया जा रहा है। फर्रूखाबाद के कमालगंज में जैव विविधता बढ़ाने और कृषि लागत को कम करने के लिए मृदा स्वास्थ्य और मृदा कार्बन संरक्षण विधियों का उपयोग। जल संरक्षण हेतु सिद्धार्थनगर, महोबा और कानपुर देहात में वाटर वाडीज का सेटेलाइट चित्रांश से मानचित्रण। प्रदेश में वन क्षेत्रों के प्रबंधन के लिए श्रावस्ती के भिंगा में संरक्षित वन क्षेत्र में हुए कालिक परिवर्तनों का अध्ययन किया गया। बाढ़ और सूखे का अध्ययन और नदियों के पुर्नरूद्धार हेतु हमीरपुर और महोबा में बहने वाली दसान नदी का अध्ययन करने के लिए इस तकनीक का प्रयोग। इसी प्रकार रिमोट सेन्सिंग, जी.आई.एस., जी.पी.एस. तकनीक के प्रयोग का विभिन्न विश्वविद्यालयों के छात्रों और शिक्षकों के लिए प्रशिक्षण कार्यक्रम और कार्यशाला हेतु वार्षिक कैलेन्डर बनाया गया।

वन नेशन वन राशनकार्ड

इसी प्रकार आई.टी. और इलेक्ट्रानिक्स विभाग की उपलब्धियों के संबंध में योगेन्द्र उपाध्याय ने बताया कि उ.प्र. डाटा सेंटर नीति 2021 के तहत 04 डाटा सेन्टर पार्क्स की स्थापना के लिए 16,147 करोड़ रुपए के निवेश प्रस्ताव प्राप्त। उ.प्र. स्टार्टअप नीति 2020 के तहत आईआईटी कानपुर के नोयडा परिसर में आर्टिफिशियल इन्टेलीजन्स के क्षेत्र में सेन्टर आफ एक्सीलेन्स की स्थापना और इसके तहत प्रदेश के 06 शैक्षणिक संस्थानों में इन्क्यूबेटर की स्थापना के लिए अनुमोदन। वर्तमान में प्रदेश में 48 इन्क्यूबेटर संचालित। टैबलेट/स्मार्ट फोन योजना के तहत लगभग 09 लाख टैबलेट और स्मार्ट फोन पात्र छात्र/छात्राओं को वितरित किया गया। इसी प्रकार स्वामी विवेकानन्द युवा सशक्तीकरण योजना के तहत टैबलेट/स्मार्ट फोन योजना के अंतर्गत 10,88,791 उपकरण छात्र/छात्राओं को वितरित किये गये। प्रदेश के 3.6 करोड़ राशनकार्ड को डिजीलॉकर योजना के तहत इस पर उपलब्ध कराया गया। इससे भारत सरकार की वन नेशन वन राशनकार्ड योजना के तहत प्रदेश के निवासियों को देश के किसी भी स्थान पर राशन प्राप्त हो सकेगा। कानपुर के आईआईटी परिसर में ड्रोन सेंटर आफ एक्सीलेन्स की स्थापना की गयी और कौशल विकास के माध्यम से क्रॉप असेसमेन्ट, डिजिटाइजेशन आफ लैण्ड रिकार्ड्स और स्प्रेयिंग आफ इनसेक्टीसाइड एण्ड न्यूट्रियान्ट्स पर ड्रोन तकनीकी और सेवाओं के उपयोग पर बल दिया गया। आने वाले समय में ड्रोन तकनीक और सेवाओं का विभिन्न क्षेत्रों में प्रयोग किया जायेगा।

योगेन्द्र उपाध्याय ने कहा कि प्रदेश के 2066 ग्राम पंचायतों में इंटरनेट कनेक्टिविटी उपलब्ध कराई गयी। उ.प्र. इलेक्ट्रानिस विनिर्माण नीति-2017 के तहत 7625 करोड़ रुपए से अधिक के निवेश प्रस्ताव प्राप्त। सचिवालय से सम्बद्ध 07 नये विभागाध्यक्ष कार्यालयों और निदेशालयों में ई-ऑफिस प्रणाली लागू की गई। इस वर्ष लखनऊ में आयोजित ग्राउण्ड ब्रेकिंग सेरेमनी 3 में सूचना प्रौद्योगिकी और इलेक्ट्रानिक्स विभाग की 23,500 करोड़ रुपए से अधिक की योजनाओं की शुरूआत की गई।