उत्तर प्रदेश

Published: Sep 16, 2021 12:46 AM IST

Farmer Agitationकिसान मंच से लगे अल्‍लाह हो अकबर के नारो से सिख समुदाय में नाराजगी

कंटेन्ट राइटरनवभारत.कॉम

लखनऊ. मुजफ्फरनगर में किसान महापंचायत (Kisan Mahapanchayat) के दौरान राकेश टिकैत द्वारा मंच से लगाया गया अल्‍लाह हो अकबर का नारा फिर से चर्चा में आ गया हैं। खासकर सिख समुदाय में इसे लेकर काफी नाराजगी है। यूपी सरकार (UP Government) में जल शक्ति राज्‍यमंत्री (Minister of State for Jal Shakti) बलदेव सिंह औलख (Baldev Singh Aulakh) ने राकेश टिकैत पर तुष्टिकरण का आरोप लगाया।

बलदेव सिंह ने कहा कि कृषि कानून को लेकर यह कैसा आंदोलन है, जिसमें अल्‍लाह हो अकबर के नारे लगाए गए। उन्‍होंने सवाल खड़ा करते हुए कहा कि वहां कई धर्म और वर्ग के लोग थे लेकिन नारे सिर्फ एक धर्म विशेष के लगाए गए जबकि सबसे अधिक संख्‍या में सिख समुदाय के किसान मौजूद थे लेकिन उनके लिए एक भी नारा नहीं लगा। 

किसानों की तरक्‍की राकेश टिकैत को हजम नहीं हो रही

बलदेव सिंह औलख ने कहा कि राकेश टिकैत सिर्फ किसानों को गुमराह करने का काम कर रहे हैं। वह किसान आंदोलन के नाम पर अपनी राजनीति चमकाने में लगे हुए हैं। उनको किसानों के हित से कोई लेना देना नहीं हैं। किसान अंदोलन के मंच से अल्‍लाह हो अकबर के नारे लगाने से उनकी मंशा साफ पता चलती है। उन्‍होंने कहा कि यूपी सरकार किसानों के हित में लगातार काम कर रही है। किसानों को तकनीक से जोड़कर समृद्ध बनाया जा रहा है, आमदनी बढ़ाई जा रही है। सरकार ने चार सालों में 1 लाख 43 हजार करोड़ रुपए गन्‍ना किसानों को भुगतान किया है, जो रिकार्ड है। किसानों की तरक्‍की राकेश टिकैत को हजम नहीं हो रही।  

किसान मंच पर धार्मिक नारों का क्‍या मतलब है

5 सितंबर को मुजफ्फरनगर में किसान पंचायत के दौरान राकेश टिकैत ने मंच से अल्‍लाह हो अकबर के नारे लगवाए थे। इसे लेकर सोशल मीडिया पर भी उनकी जमकर खिचाई हुई थी। लोगों का कहना था कि किसान मंच पर धार्मिक नारों का क्‍या मतलब है। यूपी सरकार में राज्‍यमंत्री बलदेव सिंह औलख ने नाराजगी जाहिर करते हुए कहा कि आंदोलन में क्‍या एक ही धर्म विशेष के लोग उपस्थित थे। राकेश टिकैत को अगर धार्मिक नारे लगवाना थे तो उनको हर धर्म का नारा लगवाना चाहिए था। सबसे अधिक संख्‍या में तो सिख समुदाय के किसान मौजूद थे लेकिन उनके धर्म का एक भी नारा नहीं लगाया गया। इससे सिख समुदाय में काफी रोष व्‍यक्‍त है।