उत्तर प्रदेश

Published: Jul 25, 2022 12:03 PM IST

Muslim youth desecrate mazaarबिजनौर: भगवा गमछा बांध मुस्लिम युवकों ने 3 मजारों में लगाई आग, थी कावड़ियों को बदनाम करने की साजिश

कंटेन्ट राइटरनवभारत.कॉम
(Image-Twitter-@swati_gs)

नई दिल्ली: नूपुर शर्मा के पैगंबर विवादित टिप्पणी के बाद देश के कई हिस्सों में मजहबी तनाव जारी है, ऐसे में उत्तर प्रदेश के बिजनौर जिले के शेरकोट थाना क्षेत्र से एक ऐसी ही खबर सामने आई है, जो आम लोगों में असंतोष पैदा कर सकती है। दरअसल बीते रविवार को तीन मजारों पर तोड़फोड़ और आगजनी करने का मामला सामने आया है। इस वारदात का पता चलते ही स्थानीय पुलिस ने घटना में शामिल दो आरोपियों को गिरफ्तार किया है। इस घटना के बारे में जानकारी देते हुए पुलिस ने कहा कि इस गिरफ्तारी से बड़ी सांप्रदायिक साजिश को अंजाम देने से रोका गया है। आइए जानते है आखिर क्या है मसला… 

भगवा गमछा पहन तोड़ी मजार 

आपको बता दें कि जिन दो शख्स ने मजारों पर आगजनी की वह वह मुस्लिम समुदाय के हैं जिन्हें मजार क्षतिग्रस्त करते हुए पहले स्थानीयों ने देखा, ऐसे में वहां मौजूद लोगों ने  पुलिस में शिकायत की है। मजहबी उलेमाओं के सामने घटनास्थल का मुआएना करने के बाद बताया गया कि मजहबी पुस्तकों को कोई नुकसान नहीं हुआ लेकिन मजार की चादर और पर्दे जलाकर खाक कर दिए गए हैं। आरोपियों की इस हरकत के पीछे बहुत बड़ी साजिश थी जिसे पुलिस ने सफल होने से रोक दिया। 

 

मुस्लिम सगे भाइयों की साजिश 

अब पुलिस ने इन दोनों आरोपियों की पहचान कमाल और आदिल के तौर पर की है। आपको बता दें कि ये दोनों सगे भाई हैं। इन्होंने सिर पर भगवा रंग का गमछा बांध कर घटना को अंजाम दिया, जिसे देख अंदाजा लग रहा है कि कांवड़ियों को बदनाम करने के लिए ये सब किया गया। लेकिन पुलिस ने उनका पर्दाफाश कर दिया। 

 

आरोपियों से पूछताछ  

इस घटना के बाद पुलिस ने आरोपियों से पूछताछ की तो इन्होंने बताया कि इन लोगों ने न केवल जलाल शाह की मजार और भूरे शाह की मजार पर आगजनी की बल्कि कुतुब शाह की मजार को भी तोड़ा था। इसके अलावा ये यह भी कह रहे थे कि ये अभी और मजारों को भी तोड़ेंगे। इस घटना के के बारे में बताते हुए इनका लोगों से कहना था कि ऐसी मजारों का कोई फायदा नहीं होता है, इसलिए इन्होंने ऐसा किया। अब भी ये दोनों पुलिस की गिरफ्त में है और पूछताछ जारी है। अब उनसे पूछा जा रहा है कि इस तरह भगवा पहनकर मजार तोड़ने का क्या मकसद था। जरूरत पड़ने पर एटीएस भी जांच में शामिल होगी।

 

सांप्रदायिक साजिश को किया नाकाम 

दरअसल समाचार एजेंसी एएनआई के अनुसार, एडीजी कानून व्यवस्था प्रशांत कुमार ने घटना के संबंध में बताया,पुलिस ने फौरन इस मामले में सक्रियता दिखाते हुए दो लोगों को गिरफ्तार किया। गिरफ्तारी के बाद एडीजी ने कहा कि शेरकोट में एक बड़ी सांप्रदायिक साजिश को होने से रोक लिया गया। मजहबी स्थलों में तोड़फोड़ करने के आरोप में दो आरोपित गिरफ्तार कर लिए गए हैं। जमीनी स्तर पर अधिकारियों को सतर्क रहने को कहा गया है और सोशल मीडिया पर निगरानी बनी हुई है, ताकि महजबी दंगों को होने से रोका जाए। 

 

एडीजी ने कहा 

इस घटना में एडीजी के मुताबिक, “अभियुक्तों ने बताया कि शेरकोट थाना में 11:30 बजे कुतुब शाह की मजार पर भी तोड़फोड़ की गई थी, जो संज्ञान में नहीं आई। घटना दर्शाती है कि कांवड़ यात्रा के दौरान माहौल खराब करने की कोशिश की जा रही है। सभी फील्ड अधिकारियों को सतर्कता बरतने के निर्देश दिए हैं।” ऐसे में अब पुलिस इस मामले की जांच में जुटी है।