उत्तर प्रदेश

Published: May 05, 2022 06:53 PM IST

MGNREGAमनरेगा में ग्राम पंचायतों में महिला मेटों की तैनाती सुनिश्चित करने के प्रयास करें: केशव प्रसाद मौर्य

कंटेन्ट राइटरनवभारत.कॉम
केशव प्रसाद मौर्य (Photo Credits-ANI Twitter)

लखनऊ: उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य (Keshav Prasad Maurya) ने ग्राम्य विकास विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि मनरेगा (MGNREGA) में समस्त ग्राम पंचायतों (Gram Panchayats) में लक्षित महिला मेटों की तैनाती सुनिश्चित करने के गंभीर, सकारात्मक और सार्थक प्रयास किए जाएं। इस कार्य को अभियान चलाकर पूरा किया जाएं। सभी खण्ड विकास अधिकारी, ग्राम पंचायत विकास अधिकारी, ग्राम विकास अधिकारी और रोजगार सेवक इस कार्य को शीघ्र से शीघ्र पूरा कराएं। यूपीएसआरएलएम (उत्तर प्रदेश ग्रामीण आजीविका मिशन) की ब्लॉक लेवल की यूनिट से महिला मेटों की तैनाती होती है, इससे जहां महिलाओं को रोजगार मिलेगा, वहीं महिला सशक्तिकरण और महिला स्वावलंबन को बढ़ावा भी मिलेगा। इसमें उन्हें पूरे साल काम मिल सकेगा।

केशव प्रसाद मौर्य ने कहा जो अधिकारी और कर्मचारी महिला मेटों के चयन में लापरवाही बरतेंगे, उनके विरुद्ध सख्त कार्रवाई की जाएगी। केशव प्रसाद मौर्य अपने कैंप कार्यालय में मनरेगा के क्रियान्वयन के संबंध में आयोजित बैठक की अध्यक्षता कर रहे थे। 

अधिकारियों के साथ बैठक आयोजित की जाए

केशव प्रसाद मौर्य ने ग्राम्य विकास विभाग के मनरेगा सेल के अधिकारियों को निर्देश दिए कि वह अन्य राज्यों की मनरेगा मजदूरी, श्रम विभाग द्वारा निर्धारित मजदूरी और अन्य बड़ी संस्थाओं द्वारा दी जा रही मजदूरी आदि का समावेश करते हुए मनरेगा में श्रमिकों के पारिश्रमिक को बढ़ाने का प्लान बनाया जाएं और ग्रामीण विकास मंत्रालय के अधिकारियों के साथ बैठक आयोजित की जाएं। 

 …तो ग्रामीण क्षेत्रों के लोगों को व्यापक लाभ मिलेगा

मनरेगा में कृषकों की आय बढ़ाने के लिए कृषि और कृषि सहवर्ती और समवर्ती कार्यों को अधिकाधिक कृषि कार्यों को अधिकाधिक समावेश करने का प्लान बनाया जाए, जैसे कि फसलों की कटाई, मड़ाई, झीलों, तालाबों से जलकुंभी हटाने जैसे कार्य भी मनरेगा के तहत कराने का प्रावधान हो जाए, तो इससे ग्रामीण क्षेत्रों के लोगों को व्यापक लाभ मिलेगा। मनरेगा में 264 तरह के कार्य होते हैं, इसमें और कार्यों का समावेश करने की योजना बनाई जाए। मनरेगा के तहत और क्या-क्या अभिनव और ग्रामोन्मुखी कार्य हो सकते हैं, इसके लिए बड़ी और प्रसिद्ध संस्थाओं से रिसर्च कराकर उनका अभिमत लिया जा सकता है।

शासन और प्रशासन की छवि भी निखरेगी

उन्होंने कहा कि मनरेगा से गांवों में भारत सेवा निर्माण केंद्र (सामुदायिक भवन) बनाए जाने का प्रावधान किया जाए और इनका नामकरण किसी   प्रतिष्ठित महापुरुष के नाम से किया जाएगा। मनरेगा में ग्राम पंचायतों की सामग्री और अवस्थापना सुविधाओं की मरम्मत का प्रावधान किए जाने की रूपरेखा बनाई जाए, इससे ग्राम पंचायतों की परिसम्पतियों की जहां सुरक्षा हो सकेगी, वहीं शासन और प्रशासन की छवि भी निखरेगी।  

ग्राम पंचायत बेच सकेगी मिट्टी 

उपमुख्यमंत्री ने कहा कि विलुप्तता की कगार पर पहुंच चुकी नदियों के तल की सफाई करने का प्लान बनाया जाए। मनरेगा के कच्चे कार्यों से निकलने वाली मिट्टी के सदुपयोग की कार्य योजना बनाई जाए ,यह मिट्टी ग्राम पंचायत बेच सकेगी , स्थानीय लोगों, टाइल्स बनाने वाले, सड़कों के लिए मिट्टी और अन्य कार्यों के लिए लोग मिट्टी लेंगे, तो ग्राम पंचायत की आय बढ़ेगी और ईंटों के रेट में भी गिरावट आएगी।

मछली पालन को भी बढ़ावा मिलेगा

मौर्य ने कहा कि लघु-सीमांत किसानों को मनरेगा में कार्य करने का प्रावधान करने की योजना बनाई जाए।  खेत-तालाब और प्लांटेशन में बड़े किसानों को काम करने की व्यवस्था करने की योजना मनरेगा में बनाई जाए, खेत-तालाब से जहां मछली पालन को भी बढ़ावा मिलेगा, वहीं वाटर रिचार्जिंग में भी सुविधा होगी. बड़े किसानों को प्लान्टेशन कराने का लाभ मिलेगा, तो पर्यावरण संरक्षण और संवर्धन में बहुत बड़ा लाभ मिलेगा क्योंकि छोटे किसानों के पास भूमि कम होने से पर्याप्त प्लान्टेशन हो पाना कठिन होगा। इस योजना का व्यापक लाभ लोगों को मिलेगा। मनरेगा में जो श्रमिक निर्धारित दिनों तक कार्य करें, उन्हें श्रम विभाग की वेबसाइट/पोर्टल पर अपलोड करने का प्रावधान करने का प्रयास किया जाए, जिससे उन्हें डीम रजिस्ट्रेशन का लाभ मिल सकेगा और सोशल सेक्योरिटीज भी मिलेगी।  मनरेगा में महिलाओं की सहभागिता और अधिक बढ़ाई जाए इससे महिला सशक्तिकरण और स्वावलंबन को बढ़ावा मिलेगा। 

गांवों के विकास का मॉडल प्लान बनाया जाए 

उन्होंने कहा कि गांवों के विकास का मॉडल प्लान बनाया जाए, तभी गांवों की अधिकतर समस्याओं का समाधान होगा। हर ब्लाक की कम से कम एक ग्राम पंचायत को मॉडल ग्राम पंचायत के रूप में विकसित किया जाए। मनरेगा  से कम्यूनिटी पशु शेड बनाने का मॉडल बनाया जाए। पशुचर और चारागाह की जमीने जो खाली कराई जा रही हैं ,वहीं पर यह शेड बनाने की व्यवस्था सुनिश्चित की जाए। मनरेगा की मॉनिटरिंग की व्यवस्था और अधिक सुदृढ़ की जाए। मनरेगा के मजदूरों  को श्रम विभाग में पंजीकरण के लिए ब्लॉक स्तर पर कैम्प आयोजित किए जाएं। मनरेगा मे उल्लेखनीय और विशेष योगदान  देने वाले अधिकारियों और कर्मचारियों व प्रधानों आदि की सूची बनाकर उन्हें प्रोत्साहित किया जाए। इस अवसर पर अपर आयुक्त मनरेगा योगेश कुमार, सहित अन्य संबंधित अधिकारी मौजूद रहे।