उत्तर प्रदेश

Published: Mar 27, 2022 07:33 PM IST

Lucknowमाया ने हार का ठीकरा सपा और मुस्लिमों पर फोड़ा, भतीजे को सौंपी बड़ी जिम्मेदारी

कंटेन्ट राइटरनवभारत.कॉम
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– राजेश मिश्र

लखनऊ : उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के हालिया विधानसभा में मिली अब तक की सबसे बड़ी हार का ठीकरा बहुजन समाज पार्टी (Bahujan Samaj Party) मुखिया ने समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) और मुसलमानों (Muslims) पर फोड़ा है। उन्होंने कहा कि यूपी (UP) में भाजपा की सरकार (BJP Government) बनने के सबसे बड़े कसूरवार मुसलमान हैं।

रविवार को राजधानी में विधानसभा चुनावों में हार के लिए बुलायी गई समीक्षा बैठक को संबोधित करते हुए मायावती ने कहा कि विधानसभा चुनाव के परिणामों से साफ हो चुका है कि सपा के पास न तो उत्तर प्रदेश में सरकार बनाने की और न ही भाजपा को सत्ता में आने से रोकने की काबलियत है। भाजपा को सत्ता से बेदखल करने की चाभी  सिर्फ बसपा के पास है।

सपा और अधिकांश मुस्लिम समाज पूरे तौर से जिम्मेवार और कसूरवार भी है

बसपा प्रमुख ने कहा कि इस चुनाव में बसपा से जुड़ा मुस्लिम समाज का वोट एकतरफा सपा में जाते दिखा जबकि हिन्दू समाज ने भाजपा सरकार की नीतियों और कार्यशैली से दुःखी होते हुए भी यह सोचकर अपना अधिकांश वोट भाजपा को दे दिया कि कहीं यहां फिर से सपा का गुंडा, माफिया, आतंकी, हल्ला बोल और भ्रष्ट राज आदि वापिस ना आ जाए। इससे सपा तो सत्ता में नहीं आ सकी बल्कि भाजपा सत्ता में जरूर वापिस आ गई। इसका काफी जबरदस्त राजनैतिक नुकसान बसपा को हुआ है जिसके लिए सपा और अधिकांश मुस्लिम समाज पूरे तौर से जिम्मेवार और कसूरवार भी है।

अन्य दलित समाज की जातियों के लोग हैं

उन्होंने कहा कि मुस्लिम समाज का एकतरफा वोट लेकर और दर्जन भर संगठनों एवं पार्टियों से गठबंधन करके चुनाव लड़ने के बावजूद भी सपा सत्ता में आने से काफी दूर रह गई है। मायावती ने कहा कि हमेशा की तरह मुस्लिम समाज के लोग सपा को वोट देकर काफी ज्यादा पछता रहे हैं और इनकी इसी कमजोरी का सपा यहां यूपी में बार-बार फायदा भी उठा रही है जिसे रोकने के लिए अब हमें इन भटके और दिशाहीन हुए लोगों से कतई भी मुंह नहीं मोड़ना है बल्कि इनको सपा के शिकंजे से बाहर निकाल कर अपनी पार्टी में पुनः वापिस लाने का भी पूरा-पूरा प्रयास करना है। अन्य सभी हिन्दू समाज को भी अब फिर से बसपा में 2007 की तरह ही कैडर के जरिये जोड़ना है। बसपा अध्यक्ष ने कहा कि दलितों में भी मेरी जाति को छोड़कर जो अन्य दलित समाज की जातियों के लोग हैं उन्हें भी इन पार्टियों के हिन्दुत्व से बाहर निकाल कर बसपा में जोड़ना है।

उन्होंने कहा कि भाजपा ने इस चुनाव में एक सोची-समझी रणनीति और साजिश के तहत दुष्प्रचार करवाया है कि यूपी मे बसपा की सरकार नहीं बनने पर हम आपकी बहनजी को देश का राष्ट्रपति बनवा देंगे। इसीलिए आपको बीजेपी को सत्ता में आने देना चाहिए, जबकि मेरे लिए देश का राष्ट्रपति बनना तो बहुत दूर की बात है बल्कि इस बारे में मैं सपने तक में भी ऐसा कुछ सोच भी नहीं सकती हूं। इनको यह भी मालूम है कि बहुत पहले ही कांशीराम ने इनका यह प्रस्ताव ठुकरा दिया था और मैं तो उनके पदचिन्हों पर चलने वाली उनकी मजबूत शिष्या हूं।