उत्तर प्रदेश

Published: Oct 08, 2021 07:12 PM IST

Lakhimpur Caseलखीमपुर मामले में एनसीपी ने दी आत्मदाह की धमकी, गृह राज्य मंत्री की बर्खास्तगी की मांग

कंटेन्ट राइटरनवभारत.कॉम

-राजेश मिश्र

लखनऊ: राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) ने लखीमपुर खीरी (Lakhimpur Kheri) में किसानों (Farmers) की मौत (Death) को सरकार द्वारा सुनियोजित नरसंहार बताते हुए इस मामले में आत्मदाह की धमकी दी है। एनसीपी ने दोषियों की गिरफ्तारी और किसानों को न्याय देने की मांग की है। शुक्रवार को राजधानी लखनऊ में मीडिया से बात करते हुए एनसीपी के राष्ट्रीय महासचिव के.के. शर्मा, कोआर्डिनेटर पारसनाथ तिवारी और प्रदेश अध्यक्ष उमाशंकर ने कहा कि लखीमपुर खीरी किसान नरसंहार किसी भी मामले में जलियांवाला बाग नरसंहार से कम नहीं है। उन्होंने कहा कि एनसीपी और पार्टी राष्ट्रीय अध्यक्ष शरद पवार इस दुर्भाग्यजनक घटना पर खेद व्यक्त कर चुके हैं और इसकी निन्दा कर चुके हैं। 

राष्ट्रीय महासचिव के.के. शर्मा ने कहा कि सरकार किसानों पर कितना भी जुल्म कर लें, वो उनकी आवाज को नहीं दबा पायेगी। उन्होंने कहा कि आज देश का अन्नदाता, मेहनतकश किसान काफी डरा हुआ है। यह वही महान देश भारत है जो कृषि प्रधान देश कहलाता है और जहां का किसान दुःखी है। लखीमपुर खीरी नरसंहार इसका जीता जागता उदाहरण है।

किसानों के साथ है एनसीपी

एनसीपी कोआर्डिनेटर पारसनाथ तिवारी ने कहा कि सरकार की मंशा लखीमपुर मामले में संदेह पैदा करती है। किसानों के साथ नहीं, बल्कि वह उनकी हत्या करने वालों के साथ खड़ी है। एनसीपी नेताओं ने कहा कि उनकी पार्टी किसानों के साथ आखिरी दम तक रहेगी। किसी भी व्यक्ति या किसान का जीवन अमूल्य है। लखीमपुर खीरी में जिन 4 किसानों का नरसंहार हुआ है, जब तक उन्हें न्याय नहीं मिलेगी, तब तक राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी उनके हित में लड़ाई लड़ती रहेगी और किसानों को न्याय दिलाकर ही दम लेगी। के.के. शर्मा और पारसनाथ तिवारी ने कहा कि पार्टी की सोच है कि किसी के जीवन का मूल्य 45 लाख या 50 लाख रूपए नहीं हो सकता, जीवन अमूल्य है। 

एनसीपी के नेताओं ने किया था लखीमपुर खीरी का दौरा 

गौरतलब है कि एनसीपी के नेताओं ने अपने प्रदेश के पदाधिकारियों के साथ जाकर बीते 4 अक्टूबर को लखीमपुर खीरी का दौरा किया था और वहां की स्थिति का आंकलन किया था। एनसीपी ने कहा है कि जब तक दोषियों को गिरफ़्तार नहीं किया जाता और आज से 15 दिन के अन्दर गिरफ्तार कर न्याय की प्रक्रिया को प्रारम्भ नहीं किया गया तो राष्ट्रीय महासचिव के.के. शर्मा, पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष उमाशंकर यादव, कोऑर्डिनेटर पारसनाथ तिवारी और प्रदेश महासचिव अब्दुल बासित विधानसभा के सामने लोक भवन पर आत्मदाह करेंगे। के.के. शर्मा ने बताया कि एनसीपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष शरद पवार को किसानों की काफी चिन्ता है। उनके द्वारा किसानों के हित में अनेक कार्य किए गए। केन्द्रीय कृषि मंत्री रहते उन्होंने किसानों के 70000 करोड़ रूपए माफ किए थे। उन्होंने किसानों के हित में आयात-निर्यात से सम्बन्धित भी कई साहसिक फैसले लिए थे।