उत्तर प्रदेश

Published: Jul 05, 2022 03:37 PM IST

New Education Policyशिक्षा प्रणाली में बदलाव लाएगी नई शिक्षा नीति

कंटेन्ट राइटरनवभारत.कॉम
File photo

लखनऊ: भविष्य की तमाम चुनौतियों और व्यावहारिक पहलुओं पर मंथन के बाद  लागू की गयी नई शिक्षा नीति 2020 (New Education Policy 2022) बड़े बदलाव (Changes) का वाहक बनेगी । इससे शिक्षा प्रणाली में आमूलचूल बदलाव तो आएगा ही, नए भारत (New India) के निर्माण के सपने को भी साकार करने में सक्षम साबित होगी । नई नीति (New Policy) की बड़ी खासियत यह है कि इसमें केवल सैद्धान्तिक पहलू को ही नहीं, बल्कि व्यावहारिक पक्ष पर भी खासा जोर दिया गया है।  लिहाजा यह शिक्षा की वर्षों की जड़ता को समाप्त करेगी । 

शिक्षा प्रणाली में सुधार के जरिए देश में सकारात्मक बदलाव की मंशा से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नई शिक्षा नीति 2020 को अपनी मंजूरी दी थी। नई शिक्षा नीति में परिवर्तन समय की जरूरत थी, क्योंकि पुरानी नीति भविष्य की जरुरतों और चुनौतियों का सामना करने में कारगर साबित नही हो रही थी। लिहाजा नई नीति में शिक्षा के पूरे फार्मेट में ही बदलाव किया गया है।  10+2 के फार्मेट को समाप्त कर 5+3+3+4 के फार्मेट को अपनाया गया है। इसके तहत पहले पांच साल की पढ़ाई फाउंडेशन स्टेज की मानी जाएगी। इसमें प्री-प्राइमरी स्कूल के तीन वर्ष और पहली एवं दूसरी कक्षा के एक- एक साल शामिल होंगे। इस स्टेज की  सबसे बड़ी खासियत तो यह होगी कि इसके द्वारा बच्चों पर से किताबों के बोझ को हल्का किया जाएगा। खेलकूद सहित अन्य गतिविधियों के जरिये पढ़ाई करायी जाएगी, इससे बच्चों का  स्वाभाविक विकास हो सकेगा। 

 6 से आठवीं तक कक्षाओं में निश्चित कोर्स की शिक्षा दी जाएगी 

नई नीति में तीन से पांचवीं कक्षा में विद्यार्थियों के भविष्य का आधार तैयार करने के लिए विज्ञान, गणित, कला व सामाजिक विषयों की शिक्षा दी जाएगी। अगले तीन साल मिडिल स्टेज के होंगे जिसमें कक्षा 6 से आठवीं तक कक्षाओं में निश्चित कोर्स की शिक्षा दी जाएगी । मिडिल स्टेज की सबसे बड़ी विशेषता यह है कि कक्षा 6 से बच्चों को कंप्यूटर कोडिंग की शिक्षा दी जाएगी। बच्चों को कंप्यूटर में निपुण बनाने के लिए स्कूल ही किसी संस्थान से व्यावहारिक प्रशिक्षण दिलाया जाएगा । इस लिहाज से अब शिक्षा केवल सैद्धान्तिक न होकर व्यावहारिक भी होगी । कक्षा 9 से 12 तक की पढ़ाई पूर्व की भांति चार साल की होगी, लेकिन नई नीति में विज्ञान, कला, वाणिज्य जैसे वर्ग (स्ट्रीम) की बाध्यता समाप्त कर दी गई है। इसका लाभ यह होगा कि विद्यार्थी अपनी पसंद का विषय चुन सकते हैं और अपनी क्षमता का सौ फीसदी योगदान दे सकते हैं। 

चार साल का होगा स्नातक पाठ्यक्रम

नई शिक्षा नीति में उच्च शिक्षा में भी बड़े बदलाव किए गए हैं। स्नातक की डिग्री अब तीन और चार साल की होगी। पहले साल की पढ़ाई पूरी करने पर छात्र को सर्टिफिकेट, दूसरे वर्ष में डिप्लोमा और तीसरे तथा चौथे साल में  डिग्री प्रदान की जाएगी। चार साल की डिग्री लेने वाले विद्यार्थियों को एक साल में परास्नातक करने की सुविधा मिलेगी ।