उत्तर प्रदेश

Published: Jul 26, 2021 08:27 AM IST

UP Exports मुंबई, नासिक की तर्ज पर यूपी के मथुरा में भी पैक हाउस, विदेशों को निर्यात होंगी सब्जियां और फल

कंटेन्ट राइटरनवभारत.कॉम
कंटेन्ट एडिटरनवभारत.कॉम
File

– राजेश मिश्र

लखनऊ : उत्तर प्रदेश के पश्चिमी जिलों व राजस्थान के साथ ही उत्तराखंड में पैदा होने वाली सब्जियों का विदेशों में अब आसानी से निर्यात हो सकेगा। योगी सरकार ने मथुरा में प्रदेश का ही नहीं बल्कि उत्तर भारत का पहला अत्याधुनिक जीआरपीएफ पैक हाउस बनाया है। 

मथुरा में उत्तर भारत और उत्तर प्रदेश का पहला गामा विकिरण प्रसंस्करण (जीआरपीएफ) सुविधा युक्त पैक हाउस और कोल्ड स्टोरेज बनाया गया है। इस जीआरपीएफ पैकहाउस के जरिए अब अमेरिका, आस्ट्रेलिया, कनाडा, ब्राजील और न्यूजीलैंड में रहने वाले लोग यूपी -दिल्ली, राजस्थान और उत्तराखंड में उगाए गए आलू, प्याज, मटर, गोभी, बंदगोभी, अदरक, हरीमिर्च, आवंला, कटहल, आम, लीची, अमरुद, जामुन, अनार तथा मसालों का स्वाद ले सकेंगे। वहीं दूसरी तरफ कृषि एवं फल कारोबार से जुड़े हजारों कारोबारी और लाखों किसानों को इस जीआरपीएफ पैक हाउस से लाभ होगा। उनके उगाए फल, सब्जी और मसाले अब आसानी से अमेरिका, आस्ट्रेलिया, कनाडा, ब्राजील, न्यूजीलैंड सहित दुनिया भर के देशों को भेजे जा सकेंगे। 

गौरतलब है कि उत्तर प्रदेश देश में फल और सब्जियों का सबसे बड़ा उत्पादक है. फिर भी राज्य में पैदा होने वाले  फल और सब्जियों की 10 फीसदी से कम की ही प्रोसेसिंग हो पाती थी। बड़ी मात्रा में जल्द खराब होने वाले खाद्य पदार्थ हर साल बर्बाद हो जाते थे। जिसके चलते किसानों को उनकी फसल का वाजिब दाम नहीं मिल पाता था। औद्योगिक विकास विभाग के अधिकारियों के मुताबिक प्रदेश की खाद्य प्रसंस्करण नीति के तहत सोलस इंडस्ट्रीज ने मथुरा में जीआरपीएफ पैकहाउस और कोल्डस्टोरेज बनाने की पहल की. इसके लिए सोलस इंडस्ट्रीज ने वर्ष 2018 जीआरपीएफ पैकहाउस और कोल्डस्टोरेज बनाने के लिए मथुरा में जमीन उपलब्ध कराने का आग्रह सरकार से किया। उनके प्रस्ताव पर त्वरित कार्रवाई हुई और उन्हें यूपीसीडा से मथुरा के कोसी कोटवान औद्योगिक क्षेत्र में 5535 वर्ग मीटर भूमि मिल गई। अब इस भूखंड पर जीआरपीएफ पैकहाउस और कोल्डस्टोरेज बन गया है। इसके निर्माण पर 21 करोड़ रुपए से अधिक की लागत आयी है। अब अगले महीने इसे शुरू करने की योजना है। इस प्रोजेक्ट की सबसे खास बात ये है कि यह उत्तर भारत और उत्तर प्रदेश का पहला जीआरपीएफ पैक हाउस और कोल्ड स्टोरेज है। 

इस जीआरपीएफ पैक हाउस के चलते अब दिल्ली, राजस्थान, उत्तराखंड, मेरठ, मथुरा, आगरा, फिरोजाबाद, इटावा, बरेली, शाहजहांपुर, सीतापुर, लखनऊ, कानपुर, उन्नाव, प्रयागराज, वाराणसी और गोरखपुर में फल तथा सब्जी कारोबारी आलू, प्याज, मटर, गोभी, बंद गोभी, अदरक, हरी मिर्च, आंवला, कटहल, आम, लीची, अमरूद, जामुन, अनार तथा मसाले आदि अमेरिका, आस्ट्रेलिया, कनाडा, ब्राजील, न्यूजीलैंड सहित दुनिया भर के देशों को भेज सकेंगे। इन देशों में भेजी जाने वाली सब्जी, फल तथा मसालों को बैक्टीरिया और वायरस रहित करने के लिए गामा विकिरण प्रसंस्करण जरूरी है।

अभी तक राज्य में गामा विकिरण प्रसंस्करण(जीआरपीएफ) की सुविधा वाले पैक हाउस ना होने के चलते प्रदेश में पैदा हने फलों व सब्जियों को विदेश नहीं भेजा जा सकता था। वसई, मुंबई, लासलगांव नासिक और बेंगलुरु में स्थापित जीआरपीएफ पैक हाउस और कोल्ड स्टोरेज के जरिए ही विदेशों में फल, सब्जी और मसालों का उक्त देशों में निर्यात होता था. अब अगले महीने से उत्तर प्रदेश भी दुनिया के कई देशों को फल, सब्जी और मसालों को भेज सकेगा।