उत्तर प्रदेश

Published: Jul 04, 2020 11:38 AM IST

उप्र बिजनौर पुलिसकर्मी बरीCAA विरोधी हिंसा के दौरान युवक की मौत के आरोपी पुलिसकर्मी एसआईटी जांच में आरोपमुक्त

कंटेन्ट राइटरनवभारत.कॉम
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बिजनौर.  उत्तर प्रदेश के बिजनौर में पिछले वर्ष 20 दिसंबर को नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) के खिलाफ हुए हिंसक प्रदर्शन में गोली लगने से एक युवक की मौत के मामले में आरोपी पुलिसकर्मियो को एसआईटी की जांच में आरोपमुक्त कर दिया गया है। जिला पुलिस के अनुसार 20 दिसंबर 2019 को जिले में सीएए के खिलाफ हिंसक प्रदर्शन हुए थे और नहटौर मे भीड़ ने थाने पर हमला कर पुलिस की तीन गाड़ियां जला दी थीं। पुलिस के अनुसार भीड़ ने दारोगा आशीष तोमर का पिस्तौल लूट लिया था जो बाद में बरामद हो गया था।

भीड़ के हमले में तत्कालीन थाना प्रभारी राजेश सोलंकी, दारोगा आशीष तोमर और सिपाही मोहित सहित कई अन्य पुलिसकर्मी घायल हो गये थे। पुलिस ने बताया कि इस इस हिंसक प्रदर्शन के दौरान सुलेमान और अनस की गोली लगने से मौत हो गयी थी तथा ओमराज सैनी गोली लगने से घायल हो गया था।

सुलेमान के भाई शोएब ने थाना प्रभारी राजेश सोलंकी, दारोगा आशीष तोमर, सिपाही मोहित और तीन अज्ञात पुलिसकर्मियो के खिलाफ सुलेमान को रात में उस समय गोली मार देने का आरोप लगाते हुए थाने में तहरीर दी थी, जब वह नमाज पढ़कर लौट रहा था। जिला पुलिस ने जनपद में हुई सभी घटनाओं की जांच के लिए एसआईटी का गठन कर शोएब की तहरीर भी उसी जांच प्रक्रिया में शामिल कर ली थी। जिला प्रशासन ने इस घटना के लिए मजिस्ट्रेटी जांच का गठन किया था। पुलिस अधीक्षक संजीव त्यागी ने जानकारी दी कि एसआईटी की जांच में पुलिसकर्मियों पर आरोप निराधार पाए गये और पाया गया कि सुलेमान ने पुलिस पर हमला किया था।