उत्तर प्रदेश

Published: Dec 23, 2023 09:36 AM IST

UP Newsआजम खान-बेटे अब्दुल्ला से जुड़े इस मामले में आज आ सकता है कोर्ट का फैसला, भारी सुरक्षा के इंतजाम

कंटेन्ट राइटरनवभारत.कॉम
आजम खान और अब्दुल्ला आजम

नई दिल्ली/लखनऊ: उत्तरप्रदेश (Uttar Pradesh) से मिली बड़ी खबर के अनुसार जेल में बंद समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) के महासचिव और पूर्व मंत्री आजम खान (Azam Khan), उनके बेटे अब्दुल्ला आजम (Abdullah Azam) और पत्नी तजीन फातिमा से जुड़े मामले में आज यानी शनिवार 23 दिसंबर को फैसला आ सकता है। बता दें की अब्दुल्ला आजम के दो जन्म प्रमाण पत्र मामलों में इन नेताओं को पहले से सजा हो चुकी है। वहीं अब आगामी गुरुवार को रामपुर (Rampur Court) की स्पेशल MP-MLA कोर्ट अपना फैसला सुनाएगी।

जानकारी दें की रामपुर की स्पेशल कोर्ट अब्दुल्लाह आजम खान के जन्म प्रमाण पत्र के मामले में सजा के खिलाफ अपील को लेकर अपना फैसला सुना सकती है। इसके अलावा पड़ोसियों से मारपीट करने के मामले में भी कोर्ट आज अपना फैसला सुनाएगा। इस मामले में SP नेता आजम खान और अब्दुल्ला आजम आरोपी हैं। दोनों को आज यानी शनिवार को कोर्ट में पेश किया जाएगा, ताकि अदालत उनके सामने मारपीट के मामले में जरुरी फैसला दे सके।

अलग-अलग जेल में बंद है आजम परिवार

गौरतलब है कि आजम खान और अब्दुल्ला आजम की रामपुर कोर्ट में पेशी कोर लेकर कोर्ट के बाहर आज भारी सुरक्षा के इंतजाम किए गए हैं। दरअसल, बीते 18 अक्टूबर को ही आजम खान, उनकी पत्नी तंजीन फातिमा और बेटे अब्दुल्ला आजम को कोर्ट ने 7-7 साल की सजा सुनाई थी। तभी से ये तीनों नेता अलग-अलग जेलों में अपनी सजा काट रहे हैं। तंजीन फातिमा रामपुर जेल में बंद हैं। जबकि आजम खान को सीतापुर जेल और अब्दुल्ला आजम को फिलहाल हरदोई जेल में रखा गया है। 

ऐसे में अगर आज जन्म प्रमाण पत्र मामले में रामपुर की MP-MLA कोर्ट आजम खान और उनके परिवार को कोई राहत नहीं देती है तो फिर परिवार इलाहाबाद हाईकोर्ट का रुख कर सकता है। दोनों ही मामलों में अदालत का फैसला करीब 2 बजे आने की उम्मीद की जा रही है। पता हो कि आजम खान के खिलाफ अलग-अलग मामलों में करीब 90 केस दर्ज हैं। वहीँ बीते दिनों ही मौलाना मोहम्मद अली जौहर ट्रस्ट को दी गई जमीन की लीज भी अब योगी सरकार ने रद्द कर दी है, जिसके बाद आजम खान की ओर से उत्तरप्रदेश सरकार द्वारा ट्रस्ट को दी गई जमीन की लीज को रद्द करने के फैसले को चुनौती दी जा चुकी है।