उत्तर प्रदेश

Published: Apr 29, 2022 09:04 PM IST

Yogi Governmentदलहन और तिलहन के उत्पादन में आत्मनिर्भर बनेगा यूपी

कंटेन्ट राइटरनवभारत.कॉम

लखनऊ: योगी सरकार (Yogi Government) अगले पांच सालों में दलहन (Pulses) और तिलहन (Oilseeds) के उत्पादन में प्रदेश को आत्मनिर्भर बनाएगी। प्रदेश सरकार की मंशा है कि दलहल और तिलहन का उत्पादन प्रदेश की मांग के हिसाब से हो। इसके लिए उत्पादन के साथ उत्पादकता को बढ़ाने पर जोर दिया जाएगा।

योगी सरकार की मंशा है कि प्रदेश की जिस गति से जनसंख्या बढ़ रही है, उसी के हिसाब से प्रदेश में दलहन और तिलहन उत्पादन हो। फिलहाल खाद्य तेलों की आवश्यकता के सापेक्ष 30-35 फीसदी और दलहन की आवश्यकता के सापेक्ष 40-45 फीसदी ही उत्पादन हो रहा है। प्रदेश सरकार अगले पांच सालों में इसे बढ़ाकर मांग के अनुरूप करना चाहती है। इसके लिए प्रदेश सरकार ने रणनीति तैयार की है, जिससे उत्पादन के साथ उत्पादकता बढ़ सके।  

मिनीकिट देकर तिलहल के उत्पादन में आत्मनिर्भर बनाया जाएगा

तिलहन का उत्पादन बढ़ाने के लिए सरकार किसानों के लिए 2905 कुंतल से बढ़ाकर 18,250 कुंतल प्रमाणित और आधारीय नवीन प्रजातियों के बीज व्यवस्था करेगी। बार्डर लाइन सोईग, अन्तःफसली और जायद तिलहनी फसलों से उत्पादन और क्षेत्रफल को बढ़ाया जाएगा। असमतल भूमि पर सूक्ष्म सिंचाई के साधनों का विकास कर तिलहनी फसलों के क्षेत्रफल और उत्पादन में वृद्धि की जाएगी। साथ ही लघु और सीमांत किसानों को मिनीकिट देकर तिलहल के उत्पादन में आत्मनिर्भर बनाया जाएगा। सरकार का लक्ष्य है कि अगले पांच साल में तिलहन फसलों का क्षेत्रफल 24.77 लाख हेक्टेयर, उत्पादकता 12.85 कुंतल प्रति हेक्टेयर और उत्पादन 31.30 लाख मीट्रिक टन हो।

नए प्रजातियों के बीज की व्यवस्था करेगी सरकार

योगी सरकार ने दलहन के मामले में प्रदेश को आत्मनिर्भर बनाने के लिए बीज निगम और कृषि विवि के माध्यम से 28751 कुंतल से बढ़ाकर 82000 कुंतल प्रमाणित और आधारीय नवीन प्रजातियों के बीज की व्यवस्था करेगी। दलहनी फसलों के क्षेत्रफल को बढ़ाने के लिए अन्तःफसली और जायद दलहनी फसलों की खेती को प्रोत्साहन दिया जाएगा। उत्पादन को बढ़ाने के लिए असमतल भूमि पर स्प्रिंकलर सिंचाई प्रणाली और फरो एंड रिज मेथड को बढ़ावा दिया जाएगा। सरकार का लक्ष्य है कि अगले पांच साल में दलहन का क्षेत्रफल 28.84 लाख हेक्टेयर, उत्पादकता 12.41 कुंतल प्रति हेक्टेयर और उत्पादन 35.79 लाख मीट्रिक टन हो।