उत्तर प्रदेश

Published: Mar 05, 2024 05:23 PM IST

Yogi Cabinet Expansion‘योगी’ कैबिनेट का विस्तार, राजभर समेत 'इन' चार नेताओं ने ली मंत्री पद की शपथ

कंटेन्ट राइटरनवभारत.कॉम

नई दिल्ली/लखनऊ: उत्तर प्रदेश के योगी सरकार का पहला मंत्रिमंडल विस्तार मंगलवार (5 मार्च) को राजभवन में हुआ। राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के नेता ओम प्रकाश राजभर, राष्ट्रीय लोकदल के नेता अनिल कुमार, भारतीय जनता पार्टी के नेता दारा सिंह चौहान और सुनील कुमार शर्मा को पद और गोपनीयता की शपथ दिलाई। अब योगी सरकार में कुल मंत्रियों के संख्या बढ़ाकर 22 हो गई है।  शपथ ग्रहण समारोह के दौरान सूबे के सीएम योगी आदित्यनाथ, उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य और डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक मौजूद थे। 

योगी आदित्यनाथ सरकार के दूसरे कार्यकाल (2022-2027) के पहले विस्तार में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) नीत राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) के घटक दल सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी (सुभासपा) के राष्ट्रीय अध्यक्ष ओमप्रकाश राजभर, राष्ट्रीय लोकदल (रालोद) के पुरकाजी के विधायक अनिल कुमार और भाजपा के विधानपरिषद सदस्य दारा सिंह चौहान तथा गाजियाबाद जिले के साहिबाबाद के विधायक सुनील शर्मा ने पद और गोपनीयता की शपथ ली। सभी ने कैबिनेट मंत्री के रूप में शपथ ली है।राजभर गाजीपुर जिले के जहूराबाद क्षेत्र से विधायक हैं। 

योगी आदित्यनाथ ने 2022 में मुख्यमंत्री के रूप में अपने दूसरे कार्यकाल के लिए पदभार संभाला था। उनके नेतृत्व वाले वर्तमान मंत्रिमंडल में मुख्यमंत्री सहित 18 कैबिनेट मंत्री हैं तथा 14 राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) और 20 राज्य मंत्री हैं। मंत्रिपरिषद में फिलहाल अधिकतम 60 मंत्रियों की सीमा के भीतर 52 सदस्य हैं। इस विस्तार के माध्यम से भाजपा ने आगामी लोकसभा चुनाव से पहले राज्य के विभिन्न क्षेत्रों और विभिन्न जातियों के बीच अपनी मजबूत पकड़ बनाने की पहल की है।

राजनीतिक जानकार इसे सपा प्रमुख अखिलेश यादव के पीडीए (पिछड़ा, दलित और अल्पसंख्यक) के सापेक्ष एक नया पीडीए फार्मूला मान रहे हैं जिसमें पीडीए का निहितार्थ पिछड़ा, दलित और अगड़ा के रूप में निकाला जा रहा है। शपथ लेने वालों में राजभर और चौहान अति पिछड़ी जाति तथा अनिल कुमार अनुसूचित जाति (दलित) और सुनील शर्मा ब्राह्मण (अगड़ा) समाज से आते हैं। राष्ट्रीय लोक दल के प्रमुख जयंत सिंह चौधरी ने शनिवार को दिल्ली में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जे पी नड्डा से मुलाकात की थी और औपचारिक रूप से राजग में शामिल हो गए थे।

हाल तक विपक्षी दलों के समूह ‘इंडिया’ का हिस्सा रहे जयंत सिंह पिछले कुछ समय से भाजपा के निकट होते दिख रहे थे और उनके पितामह पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह को केंद्र सरकार द्वारा ‘भारत रत्न’ दिये जाने के बाद यह करीबी बढ़ती गयी। सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी (सुभासपा) प्रमुख ओम प्रकाश राजभर ने गृह मंत्री अमित शाह के साथ बैठक के बाद 16 जुलाई 2023 को राजग में अपनी वापसी की घोषणा की थी।

राजभर ने 2017 में भाजपा के साथ मिलकर चुनाव लड़ा था लेकिन बाद में उनके रिश्ते खराब हो गये और वह योगी सरकार से इस्तीफा दे दिया था। राजभर ने 2022 में सपा के साथ मिलकर चुनाव लड़ा और पिछले वर्ष सपा से गठबंधन तोड़कर पुन: राजग का हिस्सा बन गये। योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व वाली पहली सरकार में वन मंत्री रहे दारा सिंह चौहान ने 2022 के विधानसभा चुनाव से पहले मंत्री पद और भाजपा से इस्तीफा देकर सपा का दामन थाम लिया और 2022 में वह मऊ जिले की घोसी से विधानसभा सदस्य चुने गये थे। बाद में वह सपा और विधानसभा सदस्यता से इस्तीफा देकर भाजपा में लौट आये। घोसी उपचुनाव चौहान के इस्तीफे के कारण आवश्यक हो गया था। सितंबर 2023 में दारा सिंह चौहान घोसी उपचुनाव में सपा के सुधाकर सिंह से 42,759 वोटों के अंतर से हार गए थे और इसके बाद भाजपा ने उन्हें विधान परिषद का सदस्य बनाया। घोसी पहले वह मधुबन विधानसभा क्षेत्र से निर्वाचित हुए थे।