उत्तर प्रदेश

Published: Dec 15, 2023 03:53 PM IST

Uttar Pradeshयोगी सरकार ने दस दिवसीय अभियान में खोजे 10,015 टीबी मरीज

कंटेन्ट राइटरनवभारत.कॉम

लखनऊ: योगी सरकार ने टीबी की स्क्रीनिंग और जांच का दायरा बढ़ाने के उद्देश्य से प्रदेश भर में 23 नवंबर से पांच दिसंबर तक दस दिवसीय विशेष एक्टिव केस फाइंडिंग (एसीएफ) अभियान चलाया। इसके तहत हर जिले की 20 प्रतिशत शहरी, ग्रामीण बस्ती और उच्च जोखिम वाले क्षेत्रों के लिए माइक्रोप्लान तैयार कर घर-घर स्क्रीनिंग में टीबी के लक्षण वाले 2,78,024 लोगों के बलगम का नमूना लिया गया। अभियान के तहत 10,015 लोगों में टीबी की पुष्टि हुई, जिनका इलाज शुरू कर दिया गया है। बलगम की जांच में 5342 लोगों में टीबी पुष्टि हुई जबकि 4673 लोगों में एक्स-रे की जांच में टीबी की पहचान हुई। 

सीएम योगी के निर्देश पर इन स्थानों में चलाया गया विशेष अभियान
संयुक्त निदेशक (क्षय)/राज्य क्षय नियन्त्रण कार्यक्रम अधिकारी डॉ. शैलेन्द्र भटनागर का कहना है कि अभियान में अनाथालय, वृद्धाश्रम, नारी निकेतन, बाल संरक्षण गृह, मदरसा, नवोदय विद्यालय, कारागार, चिन्हित स्थलों जैसे- सब्जी मंडी, फल मंडी, लेबर मार्केट, निर्माणाधीन प्रोजेक्ट, ईंट भठ्ठे, स्टोन क्रेशर, खदानों, साप्ताहिक बाजार आदि को भी शामिल किया गया। टीबी की पुष्टि वाले मरीजों के ब्लड शुगर, यूडीएसटी और एचआईवी की भी जांच करायी गयी। टीबी मरीजों को इलाज के दौरान निक्षय पोषण योजना के तहत हर माह 500 रुपये दिए जाने के साथ ही निक्षय मित्र से भी संबद्ध किया जाएगा ताकि इलाज के दौरान उन्हें पोषण पोटली मिलने के साथ ही भावनात्मक सहयोग भी मिल सके।

टीबी की पुष्टि होने पर घबराएं नहीं
डॉ. शैलेन्द्र भटनागर का कहना है कि अगर दो हफ्ते से अधिक समय से खांसी आ रही है, बुखार बना रहता है, वजन घट रहा है, भूख नहीं लगती तो टीबी की जांच अवश्य कराएं। इसकी जांच सरकारी अस्पतालों में मुफ्त की जाती है। जांच में यदि टीबी की पुष्टि होती है तो घबराएं नहीं क्योंकि इसका पूर्ण इलाज संभव है। चिकित्सक के बताए अनुसार दवा का नियमित रूप से सेवन करें। इसकी दवा टीबी अस्पताल, डॉट सेंटर या स्थानीय आशा कार्यकर्ता के पास से मुफ्त प्राप्त की जा सकती है। यह जरूर ख्याल रखें कि दवा को बीच में छोड़ना नहीं है, नहीं तो टीबी गंभीर रूप ले सकती है। ऐसी स्थिति में इलाज लंबा चल सकता है। डॉ. भटनागर का कहना है कि सक्रिय क्षय रोगी खोज अभियान (एसीएफ) में पंचायत प्रतिनिधियों का भी सहयोग लिया गया ।  

कुशीनगर में सबसे अधिक तो चित्रकूट में मिले सबसे कम टीबी मरीज
दस दिवसीय विशेष अभियान के तहत कुशीनगर में सबसे अधिक 477 तो महराजगंज में 457, एटा में 417, आगरा में 389 और गोरखपुर में 367 टीबी मरीज खोजे गए। चित्रकूट जिले में सबसे कम 11 लोगों में टीबी की पुष्टि हुई जबकि शामली में 27, सोनभद्र में 28, मुजफ्फरनगर में 35 और झाँसी में 36 लोगों में टीबी की पहचान हुई।