उत्तर प्रदेश

Published: Apr 26, 2022 04:43 PM IST

Yogi Government 2.0योगी सरकार करेगी जैविक उत्पादों की ब्रांडिंग, मंडी में होगी अलग व्यवस्था

कंटेन्ट राइटरनवभारत.कॉम
सीएम योगी आदित्यनाथ (Photo Credits-ANI Twitter)

-राजेश मिश्र

लखनऊ: पूर्वी उत्तर प्रदेश (Eastern Uttar Pradesh) में पैदा होने वाले काला नमक चावल की देश-विदेशों में बढ़ती मांग के बाद अब उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh)  की योगी सरकार (Yogi Government) जैविक विधि से उपजने वाले मोटे अनाजों से खास मार्केटिंग (Marketing) करेगी। प्रदेश की मंडियों में इन अनाजों के लिए अलग से काउंटर खोल कर उनकी खरीद और बिक्री की व्यवस्था बनायी जाएगी।

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा है कि प्राकृतिक खेती के अंतर्गत जैविक पद्धति से रासायनिक खाद रहित जो खाद्यान्न उत्पादन हो रहा है, उसे बढ़ावा दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि जैविक विधि से उपजने वाले अनाजों के लिए सभी 18 मंडलों में पहले चरण में टेस्टिंग लैब स्थापित की जा रही है। साथ ही, प्राकृतिक खेती कर रहे किसानों को उपज का उचित दाम मिल सके, इसके लिए हर मंडी में अलग से व्यवस्था बनाकर व्यवस्थित मार्केटिंग के काम को भी आगे बढ़ाया जा है।

बुंदेलखंड के सात जिलों में प्राकृतिक खेती को बढ़ावा 

इसके अलावा बुंदेलखंड के सात जिलों में प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने के लिए राज्य सरकार अपने स्तर पर विशेष प्रयास कर रही है। मुख्यमंत्री योगी ने केंद्रीय बजट में भी प्राकृतिक खेती को स्थान देने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि उत्तर प्रदेश में एक बड़े भूभाग में प्राकृतिक खेती की जा रही है। इसके बड़े अच्छे और चमत्कारिक परिणाम मिले हैं। खासतौर पर नमामि गंगे और परंपरागत कृषि विकास योजना के तहत पिछले तीन साल में प्रदेश में पहले चरण में जैविक खेती को बढ़ावा दिया और 2020 के बाद से प्राकृतिक खेती को अपनाकर इस क्षेत्र में अनेक नए  प्रयोग भी किए हैं।

किसानों की आय को बढ़ाने की कवायद

उन्होंने कहा कि  नमामि गंगे योजना में भी प्रदेश के 27 जिलों में गंगा के तटवर्ती 10 किलोमीटर के अंदर प्राकृतिक खेती में ही औद्यानिकीकरण और कृषि वानिकी को शामिल करते हुए दो लाख से अधिक किसानों को जोड़ने के एक बड़े अभियान को आगे बढ़ाया गया है। योगी ने कहा कि प्राकृतिक खेती से जुड़कर किसान धरती को विष से मुक्त करा रहे हैं। उन्होंने कहा कि प्रदेश के सभी 825 विकास खंडों में 1.65 लाख किसान प्राकृतिक खेती से जुड़ चुके हैं। उन्होंने कहा कि प्रदेश में सरकार अनेक ऐसे कार्यक्रम चला रही है, जिससे प्रगतिशील किसानों को प्राकृतिक खेती के माध्यम से अपनी लागत को कम करके अपनी आय को कई गुना बढ़ाया है।