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Published: May 06, 2023 02:54 PM IST

New Rule For Simअब एक आईडी पर मिलेंगे इतने सिम कार्ड, जल्द आएंगे नए नियम, सरकार ने टेलीकॉम कंपनियों को चेताया

कंटेन्ट राइटरनवभारत.कॉम
File Photo

मुंबई: साइबर क्राइम से निपटने के लिए सरकार कई कदम उठा रही है, धोखाधड़ी की घटनाओं में सिम की अहम भूमिका होती है, जिसके चलते अब सरकार प्रति व्यक्ति सिम की संख्या को सीमित करने जा रही है। आप लोगों की जानकारी के लिए बता दें कि केंद्रीय दूरसंचार मंत्रालय अब प्रति व्यक्ति सिम की संख्या 9 से घटाकर 4 या 5 करने जा रहा है। सरकार इस संबंध में टेलीकॉम कंपनियों को अगले सप्ताह तक निर्देश जारी कर सकती है।

इससे धोखाधड़ी के बढ़ते मामलों पर लगाम लगेगी

सरकार ने एक वेबसाइट भी लॉन्च की है, जिसके जरिए कोई भी सिम यूजर यह पता लगा सकता है कि उसके नाम पर फिलहाल कितने सिम एक्टिव हैं। इतना ही नहीं, अगर आपको अपने नाम से कोई ऐसा नंबर दिखता है, जो आपको कभी मिला ही नहीं, तो आप उस नंबर को एक क्लिक से ब्लॉक कर सकते हैं। आपके नाम पर कितने सिम सक्रिय हैं, यह जानने के लिए वेबसाइट www.tafcop.dgtelecom.gov.in पर जाएं। दूरसंचार मंत्रालय से जुड़े कुछ सूत्रों के मुताबिक केंद्रीय एजेंसियों ने फ्रॉड और साइबर फ्रॉड के बढ़ते मामलों में सिम की भूमिका को लेकर कुछ निर्देश दिए हैं। इन निर्देशों को लागू करने के लिए पीएमओ ने मंत्रालय से तत्काल कदम उठाने को कहा है, जिसमें प्रति व्यक्ति सिम की संख्या कम करना भी शामिल है। 

99% मामलों में सिम की भूमिका

एक रिपोर्ट के मुताबिक देश में साइबर फ्रॉड और फ्रॉड के मामले लगातार बढ़ रहे हैं और गौर करने वाली बात है कि 99% मामलों में सिम की भूमिका होती है। सरकार ने पहले की तुलना में सिम खरीदने की प्रक्रिया में काफी सुधार किया है, लेकिन लोगों की लापरवाही के चलते जालसाज लोगों के नाम से फर्जी सिम बनवाकर ठगी का खेल शुरू कर देते हैं और जब एजेंसियां ​​सिम को ट्रैक करती हैं तो असली सिम धारक का पता ही नहीं चल पाता है। विशेषज्ञ संदीप कहते हैं, वैसे भी कोई भी 9 सिम का उपयोग नहीं करता है और चार या पांच सिम की सीमित संख्या पर्याप्त है। चूंकि संख्या अधिक है, जालसाजों के लिए लोगों को बेवकूफ बनाने और उनके नाम पर एक सिम प्राप्त करने की अधिक गुंजाइश है। दूरसंचार मंत्रालय के सूत्रों के मुताबिक, टेलीकॉम कंपनियां जल्द ही सिम की संख्या कम करने के साथ ही केवाईसी में पर्सनल वेरिफिकेशन अनिवार्य करने के निर्देश जारी करेंगी। अगर इसमें कोई लापरवाही पाई जाती है तो टेलीकॉम कंपनियों द्वारा की गई इस गलती पर सरकार द्वारा कड़ी कार्रवाई की जाएगी।