विज्ञान

Published: Dec 06, 2023 10:30 AM IST

Chandrayaan-4चांद से नमूना लाने की तैयारी में ISRO, चंद्रयान-4 को लेकर एस सोमनाथ ने दी अहम जानकारी

कंटेन्ट राइटरनवभारत.कॉम
एस सोमनाथ

नई दिल्ली: चंद्रमा पर लैंडर विक्रम (Lander Vikram) के उड़ान भरने के कुछ हफ्ते बाद ही चंद्रयान-3 (Chandrayaan-3) का प्रणोदन मॉड्यूल पृथ्वी की कक्षा (Class) में आ गया है। इससे इसरो (ISRO) को काफी सफलता मिली है और अगले बड़े चंद्रयान मिशन की दिशा में तेजी से आगे बढ़ने का जोश भी मिला है। ऐसे में अब इसरो के अध्यक्ष एस सोमनाथ (S Somanath) ने मीडिया से बातचीत करते हुए नए मिशन की जानकारी दी है।

इसरो ने चंद्रमा की सतह पर इंजनों को फिर से चालू करने का कारनामा कर दिखाया है। साथ ही यह भी बताया है कि एक अंतरिक्ष यान को पृथ्वी की कक्षा में वापस लाया जा सकता है। ऐसे में अब इसरो चंद्रयान-4 की दिशा में आगे बढ़ने लगा है, जिसका उद्देश्य चंद्रमा से नमूने वापस लाना है। जिसके लिए इसरो की पाइपलाइन में स्पेस डॉकिंग एक्सपेरिमेंट (SPADEX) को शामिल किया गया है। 

सोमनाथ ने कहा, “नमूना वापसी मिशन बहुत अधिक मुश्किल है, क्योंकि इसमें कई स्तर पर परेशानियों का सामना करते हुए सफल होना होगा। इसके लिए चांद के नमूने को एकत्र करना, उसके बाद उस यूनिट को मशीन तक लाना जो चंद्रमा से उड़ान भरेगी। फिर चंद्रमा की कक्षा तक पहुंचना। फिर इसे एक ऐसे अंतरिक्ष यान की जरूरत होगी, जो पृथ्वी की कक्षा में वापस आएगा। इसके बाद यूनिट को अलग होने और पृथ्वी की कक्षा में एक अंतरिक्ष यान से जुड़ने की जरूरत है।”

इसलिए SPADEX चंद्र नमूना वापसी मिशन के लिए एक महत्वपूर्ण प्रयोग है, साथ ही इसरो को अंतरिक्ष में यान के मिलन से संबंधित तकनीक पर डेटा भी देगा। इस प्रक्रिया में दो अंतरिक्ष यान एक दूसरे को ढूंढ सकते हैं और एक ही कक्षा में रहने में सक्षम भी हैं। यह एक अंतरिक्ष स्टेशन के लिए महत्वपूर्ण है। इससे वहां मनुष्यों को भेजने में भी आसानी होगी।

जानकारी के लिए बता दें कि पीएमओ ने हाल ही में इसरो के लिए एक रोडमैप सार्वजनिक किया था, जिसमें 2035 तक अंतरिक्ष स्टेशन और 2040 तक चंद्रमा पर मानव को भेजने का लक्ष्य शामिल है।