विज्ञान

Published: Nov 26, 2023 10:04 AM IST

Nasa Solar Storm धरती की ओर तेजी से बढ़ रहा सूर्य से निकला भयानक तूफान, NASA का अलर्ट, आज पृथ्वी से हो सकती है टक्कर

कंटेन्ट राइटरनवभारत.कॉम
Image: सूर्य से निकलता कोरोनल मास इजेक्शन

वॉशिंगटन: एक बड़ी खबर और रिसर्च के अनुसार सूर्य (Sun) से निकलने वाले भयंकर तूफान पृथ्वी के ध्रुवों पर ऑरोरा (Aurora) को बढ़ा सकते हैं। दरअसल जानकारी के अनुसार आज यानी 25 नवंबर को एक बड़ा भू-चुंबकीय तूफान पृथ्वी से टकरा सकता है। दरअसल कुछ समय से सूर्य में गतिविधि बढ़ी है। इसकी सतह पर कई सनस्पॉट दिखाई दे रहे हैं, जो अंतरिक्ष में गर्म प्लाज्मा छोड़ते हैं। 

जानकारी दें कि सनस्पॉट सूर्य पर बने काले धब्बे हैं, जहां चुंबकीय क्षेत्र बेहद मजबूत होता है। इनमें से कोरोनल मास इजेक्शन (CME) उत्पन्न होते हैं, जो दरअसल सूर्य से तेजी से निकलने वाले प्लाज्मा के विशाल बादल हैं।

सूर्य सौर ज्वालाएं भी उत्सर्जित करता है, जो विद्युत चुम्बकीय विकिरण की तीव्र चमक है। वहीँ अमेरिका में नॉटिंघम ट्रेंट यूनिवर्सिटी में खगोल विज्ञान और संचार के एसोसिएट प्रोफेसर डैनियल ब्राउन ने कहा, ‘सौर ज्वाला और CME दोनों सूर्य के चुंबकीय क्षेत्र में बदलाव के कारण होते हैं। हांलकि सौर ज्वाला ज्यादा मजबूत होता है। वहीं यह आम तौर पर CME के निकलने के साथ होता है। लेकिन कणों को पहुंचने में एक दिन या उससे ज्यादा समय लगेगा। वहीं सूर्य का प्रकाश और रेडिएशन सिर्फ 8 मिनट में ही हम तक पहुंच जाता है।’

सनस्पॉट में इस बार हुई 10% बढ़त

पिछले सप्ताह सन स्पॉट की संख्या में 10 गुना वृद्धि हुई है और हर दिन कई CME इनसे लॉन्च किए गए हैं। नासा के मॉडल के मुताबिक इनमें से एक CME पृथ्वी से भी टकरा सकता है और 25 नवंबर के अंत तक हमारे ग्रह तक पहुंच जाएगा। वैज्ञानिकों की ओर से तूफान के रास्तों के विश्लेषण के बाद इसकी पुष्टि होगी। यूके में एबरिस्टविथ यूनिवर्सिटी में सौर भौतिकी समूह के प्रमुख ह्यू मार्गन ने कहा, ‘एक भू-चंबकीय तूफान सूर्य से होने वाले विस्फोट को गंभीर रूप से बाधित करेगा।’

यह होगा असर

जानकारी दें कि NOAA के मुताबिक भू-चुंबकीय तूफानों की तीव्रता के फिलहाल विभिन्न स्तर हो सकते हैं। वहीं G1 मामूली से लेकर G5 सबसे चरम तक हो सकते हैं। सबसे तेज तूफान बेहद दुर्लभ होता है। जानकारी दें की हर 11 साल के सौर चक्र में 1700 G1 तूफान 100 G4 और सिर्फ चार G5 तूफान हो सकते हैं। सौर तूफान के कारण पृथ्वी के ध्रुवों पर अरोरा बन जाते हैं, जो आकाश में रंगीन रोशनी होती है।

क्या हैं खतरे?

लेकिन पृथ्वी पर इसके टकराने के ढेरों खतरे हैं।  जब सूर्य से निकलने वाले भयंकर तूफान यानी कोरोनल मास इजेक्शन धरती की तरफ आता है तो इससे संचार माध्यमों को सबसे ज्यादा खतरा होता है।  क्योंकि CME में ढेरों तरीके के एक्स-रे और रेडियेशन पार्टिकल्स भी शामिल होते हैं।  जो पृथ्वी पर नेटवर्क टावर और शार्ट वेब रेडियो के संचार में बाधा का खतरा बना देता है। 

क्या है ऑरोरा 

जानकारी दें कि रात के समय या सुबह होने से ठीक पहले पृथ्वी के दोनों ध्रुवों अर्थात दक्षिणी और उत्तरी ध्रुव के आसमान में हरे, लाल और नीले रंग के मिश्रण से उत्पन्न इस प्रकाश को ऑरोरा कहा जाता है। विभिन्न प्रकार के ऑरोरा में से कुछ सूर्योदय से पहले भी दिखाई देते हैं।