विज्ञान

Published: Feb 28, 2023 07:00 AM IST

National Science Day 2023राष्ट्रीय विज्ञान दिवस 28 फरवरी को ही क्यों मनाया जाता है? जानें कौन थे प्रोफेसर सी. वी. रमन

कंटेन्ट राइटरनवभारत.कॉम
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मुंबई: महान वैज्ञानिक सी. वी. रमन (Prof. C. V. Raman) की स्मृति और स्मृति में 28 फरवरी को देश भर में ‘राष्ट्रीय विज्ञान दिवस’ (National Science Day) के रूप में मनाया जाता है। दुनिया के महानतम वैज्ञानिकों (Great Scientist) में से एक प्रोफेसर सी. वी. रमन का कार्य विज्ञान (Science) के भविष्य के लिए महत्वपूर्ण था। साथ ही उनका जीवन कई लोगों के लिए प्रेरणा (Inspiration) है। रिसर्च (Research) में सदैव रुचि रखने वाले सी. वी रमन को इस क्षेत्र में उस्ताद के रूप में जाना जाता था। वह अपने शैक्षणिक जीवन में टॉपर थे। प्रोफेसर रमन ने ध्वनिकी और प्रकाशिकी में प्रमुख योगदान दिया। उन्हें एक महान शिक्षक (Teacher) के रूप में भी देखा जाता है। 1917 में, उन्हें राजाबाजार साइंस कॉलेज में फिजिक्स (Physics) के प्रोफेसर के रूप में नियुक्त किया गया।

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1930 में फिजिक्स का नोबेल पुरस्कार 

राष्ट्रीय विज्ञान दिवस ‘रमन प्रभाव’ (Raman Effect) की खोज के लिए मनाया जाता है। प्रोफेसर सी. वी. रमन ने रमन प्रभाव की खोज की और फिजिक्स में उनके योगदान के लिए उन्हें 1930 में फिजिक्स का नोबेल पुरस्कार मिला। महान भारतीय वैज्ञानिक की इस खोज की एक बड़ी रोचक कहानी है। 1921 में उनकी जिज्ञासा भूमध्य सागर के नीले रंग (Blue Colour) का कारण जानने की हुई। उन्होंने नीले रंग के कारण को समझने के लिए सतहों, बर्फ के टुकड़े और प्रकाश (Light) के साथ कई प्रयोग किए। फिर उन्होंने बर्फ के एक टुकड़े से प्रकाश के गुजरने के बाद तरंग की दूरी में परिवर्तन देखा। इसे रमन इफेक्ट कहते हैं। इस खोज ने फिजिक्स के क्षेत्र में बहुत योगदान दिया। शीघ्र ही सी. वी रमन ने पूरी दुनिया को इस नई खोज की जानकारी दी। उनका शोध समाचार पत्रों और विज्ञान पत्रिकाओं में छपने लगा। लोगों को विज्ञान के क्षेत्र में बहुत सी नई जानकारी मिल रही थी। विज्ञान के क्षेत्र में उनके योगदान को देखते हुए नेशनल काउंसिल फॉर साइंस एंड टेक्नोलॉजी कम्युनिकेशन (NCSTC) ने इस दिन को राष्ट्रीय विज्ञान दिवस के रूप में मनाने का फैसला किया।

प्रोफेसर सी. वी. रमन का योगदान