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Published: Mar 05, 2024 02:41 PM IST

Snake Poison Addictionजानिए कितना खतरनाक है स्नेक बाइट, क्यों तेजी से बढ़ रहा है सांप के जहर के नशे का चलन?

कंटेन्ट राइटरनवभारत.कॉम

नवभारत डिजिटल डेस्क: नशा केवल एक इंसान को ही नहीं, बल्कि उससे जुड़े पूरे परिवार को और उससे भी आगे जाकर यह पूरे समाज को बर्बाद करता है। नशे की लत में लोग अपराध करने से भी नहीं चुकते हैं। हफिम, चरस, गांजा समेत कई ऐसे ड्रग्स हैं, जो युवाओं को खोखला कर उनकी मौत की वजह बन रहे हैं। ऐसा नहीं है कि सरकार इससे निपटने की कोशिश नहीं कर रही है। लेकिन उसके बावजूद लोग नए-नए नशे की लत में पड़ जाते हैं। इन्हीं नशे में से एक है सांप के जहर का नशा है, जो आजकल ट्रेंड में है। सांप का जहर ये सुनते ही मन में भय बैठ जाता है कि कोई कैसे इसे नशे के तौर पर इस्तेमाल कर सकता है, क्योंकि सांप के जहर से इंसान ही क्या जानवरों की भी मौत हो जाती है।

सांप के जहर का नशा
दुनियाभर में अलग अलग प्रकार के कई प्रजातियों के सांप मिलते हैं, लेकिन इनमे से हर किसी सांप के जहर का नशा नहीं किया जा सकता है। इन सांपो में कुछ ऐसे जहरीले सांप होते हैं जिनका नशा आजकल लोग पार्टियों में करते हैं। सांप का नशा शराब और ड्रग्स के मुकाबले बड़ी तेजी से इंसान के शरीर में अपना असर दिखाता है। इसे तैयार करते समय इस बात का ध्यान रखा जाता है कि इसका डोज हैवी न हो इसलिए उसमें रसायन मिलाया जाता है, अगर ऐसा न करें तो नशेड़ी की जान जा सकती है। सांप के जहर में मिलने वाला न्यूरोटॉक्सिन का असर नशेड़ी के मस्तिष्क पर होता है। इसका नशा तकरीबन 5 से 6 दिन तक होता है। यही कारण है कि ये नशा आजकल चलन में है। 

कैसे करते हैं लोग सांप के जहर का नशा 
सांप के जहर के नशे को स्नेक बाइट कहा जाता है। ‘स्नेक बाइट’ नाम से ही पता चल जाता है कि यहां पर सांप काट कर अपना जहर दूसरे के शरीर तक पहुंचाते हैं। सांप के जहर का नशा करने वाले लोग नशे के लिए सांप से अपनी जीभ पर कटवाते हैं और इसी को स्नेक बाइट कहा जाता है। यह नशा बेहद खतरनाक है। कई बार इसमें नशेड़ी की जान तक चली जाती है।  लेकिन आजकल यह नशा चलन में बना हुआ है जो देश के युवाओं के लिए अच्छा नहीं है। 

कैसा होता है नशा
स्नेक बाइट का नशा शराब और ड्रग्स के नशे से बिल्कुल अलग होता है। दरअसल शराब या ड्रग्स कुछ समय के लिए नशा देते हैं, लेकिन स्नेक बाइट का असर करीब चार से पांच दिन या फिर 6 दिन तक इंसानी शरीर में रहता है और इसलिए यह नशेड़ियों की पसंद बना हुआ है। आम नशे की तरह स्नेक बाइट का नशा भी शरीर में खून से मिलता है और सीधे दिमाग पर असर करता है। जानकार बताते हैं कि स्नेक बाईट लेने के बाद सांप का जहर शरीर में प्रवाहित होने के कारण शरीर से कुछ हार्मोन प्रभावित होते हैं और अलग तरह के नशे का अनुभव करते हैं लेकिन ये आगे चलकर बड़ी मुसीबत का कारण बन सकते हैं। 

किन सांपों का किया जाता है इस्तेमाल
नेशनल लाइब्रेरी ऑफ़ मेडिसिन की तरफ से जारी रिपोर्ट में बताया गया है कि सांप के जहर के नशे के लिए नाज़, बंगारुस सेरुलियस और ओफियॉड्रिस वर्नालिस नाम के सांप का इस्तेमाल किया जाता है। आमतौर पर भारत में भारतीय मूल के सांपों का इस्तेमाल स्नेक बाइट के लिए नहीं करते हैं। स्नेक बाइट के लिए जिन सांपों का इस्तेमाल किया जाता है वह विदेश से खासतौर पर मंगाए जाते हैं।