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Published: Aug 24, 2023 03:56 PM IST

Viral Newsपरीक्षा में पास होने के लिए स्टूडेंट ने टीचर को दी रिश्वत, आईपीएस अधिकारी ने शेयर किया पोस्ट

कंटेन्ट राइटरनवभारत.कॉम

नई दिल्ली: परीक्षा में पास होने के लिए छात्र (Student) अक्सर नई तरकीब अपनाते है। कुछ छात्र मेहनत करना सही मानते है तो, वहीं कुछ छात्र नकल और घूसखोरी (Bribe) का रास्ता चुनते है। अब ऐसी ही एक घटना सामने आई है, जिसमें छात्र ने पेपर चेक करने वाले को रिश्वत खिलाने की कोशिश की है।

हाल ही में एक आईपीएस अधिकारी अरुण बोथरा (IPS Officer Arun Bothra) ने अपने  ट्विटर पर एक तस्वीर शेयर की है। जिसमें 100, 200, 500 के नोट नज़र आ रहे है। आईएएस अफसर ने शेयर करते हुए लिखा कि, “ये नोट छात्रों द्वारा उन्हें उत्तीर्ण अंक देने के अनुरोध के साथ बोर्ड परीक्षा की उत्तर पुस्तिकाओं के अंदर रखे गए थे। हमारे छात्रों, शिक्षकों और संपूर्ण शैक्षिक प्रणाली के बारे में बहुत कुछ बताता है।”  

बता दें कि, अरुण बोथरा को यह तस्वीर एक टीचर ने भेजी थी और इस तस्वीर में 100, 200 और 500 नोट नज़र आ रहे है। सोशल मीडिया पर अब यह तस्वीर तेजी से वायरल हो रही है। कई लोग इस तस्वीर के द्वारा भारतीय शिक्षा प्रणाली पर सवाल उठा रहे हैं। इस पोस्ट पर  लोगों ने कमेंट्स करते हुए अपनी प्रतिक्रिया दी हैं।

पोस्ट पर यूजर्स ने दी प्रतिक्रिया

एक यूजर ने कहा कि, “ये छात्र मीडिया में रिश्वतखोरी की बहुत सारी खबरें देखते हैं कि कई सरकारी कार्यालयों में ‘कैश’ कैसे काम करता है। नकदी के बदले काम कैसे हो जाता है। इससे रिश्वतखोरी की सिस्टम और इसकी प्रभावशीलता में विश्वास पैदा होता है! तो उन्होंने ऐसा प्रयास किया होगा।”

यूजर ने लिखा कि, “यह सीधे तौर पर एजुकेशन सिस्टम से संबंधित नहीं है। इनमें से ज्यादातर या तो लड़कियां हैं या दूरदराज के इलाकों से आए छात्र हैं जो बस अपनी स्कूली शिक्षा पूरी करना चाहते हैं। हालांकि, तथ्य यह है कि वे इस शिक्षा के माध्यम से अपना भविष्य नहीं देखते हैं।”

कई यूजर्स ने उत्तर पुस्तिकाओं के अंदर पैसे रखने के अधिक उदाहरण शेयर किए है। इस पोस्ट पर एक निवृत्त टीचर ने कमेंट कर के कहा कि, “पेपर सुधार के दिनों में मेरे साथ कम से कम तीन बार ऐसा हुआ। सहकर्मियों को भी 20 साल पहले से ऐसे मिल रहे हैं। पैसे के साथ आमतौर पर परीक्षा के सवालों के जवाब के बजाय एक दुखद कहानी सुनाई जाती है। कहने की जरूरत नहीं है कि ऐसे छात्र आमतौर पर असफल हो जाते हैं।”