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Published: Jul 26, 2022 05:30 PM IST

Women live without clothes in Sawanयहां सावन में है अजीबोगरीब परंपरा, 5 दिनों तक बिना कपड़ों के रहती हैं महिलाएं

कंटेन्ट राइटरनवभारत.कॉम
(Image-Social Media)

नई दिल्ली: दुनिया चाहे सभी क्षेत्र में कितनी भी आगे क्यों न बढ़ जाएं, लेकिन कुछ ऐसी परंपराएं (Tradition)  है जो सदियों से चली आ रही है, जिसे आज भी निभाया जाता है, इसमें कुछ रीतिरिवाज तो ऐसे होते है जिनके बारे में हम शायद जानते तक नहीं ऐसे ही एक अजीबोगरीब परंपरा के बारे में हम आज आपको बताने जा रहे है, जिनके बारे में सुनकर आप हैरान रह जाएंगे। दरअसल यह अजीबोगरीब परंपरा हिमाचल प्रदेश (Himachal Pradesh) में निभाई जाती है। आपको जानकर हैरानी होगी कि इस परंपरा के तहत औरतें साल में 5 दिन बिना कपड़ों के रहती हैं। जी हां चौंक गए ना लेकिन यही सच है। 

यहां अनोखी परंपरा

आपको बता दें कि यह अजीबोगरीब परंपरा हिमाचल प्रदेश के मणिकर्ण घाटी के पीणी गांव में निभाई जाती है। सबसे हैरान करने वाली बात है कि यह परंपरा सावन के महीने में निभाई जाती है। जी हां इस गांव के लोगों का मानना है कि अगर परंपरा निभाए जाने वाले 5 दिनों में किसी महिला ने कपड़े पहन लिए तो उसके घर में बहुत बड़ा अशुभ हो जाएगा। इसके अलावा कोई अप्रिय समाचार या किसी की मौत भी हो सकती है। इसी वजह से इस परंपरा को सालों से गांव के प्रत्येक घर में निभाया जाता है, और इसके चलते यहां महिलाएं 5 दिन निर्वस्त्र रहती है। 

परंपरा को लेकर ये है मान्यता 

दरअसल इस परंपरा के निभाने के पीछे एक कहानी है। गांव के लोग बताते हैं कि सदियों पहले यहां एक राक्षस रहता था। वह गांव में आता था और सुंदर कपड़े पहनने वाली औरतों को उठा ले जाता था। इस राक्षस का अंत लाहुआ नाम के देवता ने किया था। गांव के लोग मानते हैं कि आज भी गांव में लाहुआ देवता आते हैं। वह यहां की बुराइयों से लड़ते हैं। इस कारण अभी भी यह परंपरा निभाई जाती है। इन पांच दिनों में गांव में मांस-मदिरा का सेवन पूरी तरह से बंद हो जाता है। 

 औरों से खुद को अलग करती हो महिलाएं

जी हां महिलाएं इन 5 दिनों में खुद को समाज से बिल्कुल अलग कर लेती हैं। इसके साथ ही इन 5 दिनों में किसी तरह का जश्न, कार्यक्रम नहीं होता है। यहां तक कि इन 5 दिनों में हंसना भी बंद कर दिया जाता है। हालांकि, समय के साथ इस परंपरा में भी कुछ बदलाव हुआ है। जहां पहले परंपरा निभाने के लिए महिलाएं पांच दिनों तक बिना कपड़े के रहती थीं। वहीं अब वह बेहद पतला कपड़ा पहनती हैं और कपड़े बदलती नहीं हैं।