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Published: Jun 12, 2021 02:28 PM IST

US-Chinaअमेरिकी और चीनी राजनयिकों के बीच हुई मानवाधिकारों, कोरोना वैश्विक महामारी के उत्पत्ति स्थान को लेकर तीखी बहस: रिपोर्ट 

कंटेन्ट राइटरनवभारत.कॉम

बीजिंग: अमेरिका (America) और चीन (China) के शीर्ष राजनयिकों के बीच माना जा रहा है कि तीखी बहस (Argument) हुई है जिसमें बीजिंग (Beijing) ने बताया कि, उसने अमेरिका से कहा है कि वह उसके आंतरिक मामलों में दखलअंदाजी बंद करे। उसने कोविड-19 (Covid-19) महामारी के उत्पत्ति स्थान मामले का राजनीतिकरण करने का अमेरिका पर आरोप लगाया।

चीन के वरिष्ठ विदेश नीति सलाहकार यांग जिएची और अमेरिका के विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन के बीच शुक्रवार को फोन पर बातचीत हुई जिसमें हांगकांग में स्वतंत्रता पर अंकुश, शिंजियाग क्षेत्र में मुसलमानों को बड़े पैमाने पर हिरासत में रखने साहित अनेक मुद्दों पर बातचीत हुई। दरअसल सार्स सीओवी-2 के उत्पत्ति के स्थान संबंधी जांच की मांग चीन के लिए परेशानी की बात है,क्योंकि ऐसी अफवाहें हैं कि यह प्रयोगशाला में बनाया गया और वहां से वुहान में फैला। यांग ने इन बातों को बकवास बताया और कहा कि चीन इन बातों से बेहद चिंतित है।

सरकारी समाचार समिति शन्हुआ की एक रिपोर्ट में यांग के हवाले से कहा गया,‘‘ अमेरिका में कुछ लोग ने वुहान प्रयोगशाला से लीक होने संबंधी कहानियां बनाई है जिसे ले कर चीन बेहद चिंतित है। चीन अमेरिका से तथ्यों और विज्ञान का सम्मान करने, कोविड-19 की उत्पत्ति का राजनीतिकरण करने से बचने और महामारी से निपटने के लिए वैश्विक सहयोग पर ध्यान केन्द्रित करने की अपील करता है।”

वहीं अमेरिका के विदेश मंत्रालय ने कहा कि ब्लिंकन ने वायरस की उत्पत्ति स्थान को ले कर पारदर्शिता बरतने और सहयोग करने की जरूरत पर जोर दिया जिसमें (विश्व स्वास्थ्य संगठन) चीन में विशेषज्ञों की अगुवाई में दूसरे चरण की जांच शामिल है। (एजेंसी)