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Published: Aug 13, 2020 05:45 PM IST

कोविड-19अफ्रीकी देश रवांडा का कोविड-19 जांच का अल्गोरिद्म तरीका

कंटेन्ट राइटरनवभारत.कॉम
Image: Google

किगाली सिटी (रवांडा): दुनिया के कई अन्य देशों की तरह अफ्रीकी देश रवांडा (Rwanda ) के लिए भी जांच किट की कमी के बीच सभी नागरिकों की जांच लगभग असंभव है, लेकिन यहां के अनुसंधानकर्ताओं ने इस समस्या से निपटने के लिए जो तरीका अपनाया है, उसने न केवल अफ्रीका (Africa) महाद्वीप बल्कि पूरी दुनिया (World) का ध्यान आकर्षित किया है। यहां अनुसंधानकर्ता पूल जांच के लिए लोगों का चुनाव करने के लिए अल्गोरिद्म (Algorithm) का इस्तेमाल कर रहे हैं। इस विधि से लोगों के समूह में उन लोगों का चुनाव किया जाता है जिनकी जांच की जानी है और उसके बाद चुने हुए लोगों के बैच बनाकर उनके नमूने लिए जाते हैं। बैच के सभी सदस्यों के नमूनों को मिलाकर एक साथ जांच की जाती है जिसे पूल जांच कहते हैं और किसी पूल की कोविड-19 जांच नतीजा पॉजिटिव आता है तो फिर प्रत्येक व्यक्ति की जांच की जाती है। इस प्रकार कम किट में अधिक लोगों की जांच संभव हो रही है।

रवांडा में गणित आधारित जांच करने वाले अनुसंधानकर्ताओं ने कहा कि यह प्रक्रिया अधिक प्रभावी है। इससे सीमित संसाधन वाले देशों को फायदा हो रहा है क्योंकि कुछ लोगों को यहां नतीजों के लिए कई दिनों का इंतजार करना पड़ता है और लंबे इंतजार से अज्ञानतावश संक्रमण फैलने का खतरा अधिक होता है। विशेषज्ञों ने रेखांकित किया कि रवांडा द्वारा इस्तेमाल अल्गोरिद्म इस वैश्विक महामारी से निपटने का संभावित उपाय हो सकता है।

हार्वर्ड विश्वविद्यालय (Harvard University) में वैश्विक स्वाथ्य की सहायक प्रोफेसर सीमा स्गैयर ने कहा कि रवांडा द्वारा उपनाया गया उपाय संसाधन विहीन देशों के लिए असधारण उपाय है। कुछ विशेषज्ञों, और यहां तक कि अनुसंधानकर्ताओं ने इसकी जटिलता को रेखांकित करते हुए चिंता जताई कि यह इसके बड़े पैमाने पर इस्तेमाल में बाधक हो सकती है। जर्मनी स्थित सारलैंड यूनिवर्सिटी मेडिकल सेंटर की मॉल्युकुलर विषाणुरोग विशेषज्ञ सिग्रुम समोला ने कहा,‘‘अगर आप इसके बारे में तकनीशियन से कहेंगे तो वे कहेंगे यह क्या बला है। मुझे आसान प्रक्रिया चाहिए।”

गौरतलब है कि इस पद्धति को रवांडा की राजधानी किगाली स्थित अफ्रीकन इंस्टीट्यूट फॉर मैथमेटिकल साइंसेज ग्लोबल नेटवर्क के गणितकीय महामारी विशेषज्ञ विल्फ्रेड निडफॉन ने विकसित किया है और अब वह लैब तकनशियन की सहायता करने और मानवीय गलती को न्यूनतम करने के लिए इसे सॉफ्टवेयर में तब्दील कर रहे हैं। उन्होंने कहा, ‘‘तकनीशियन इसे सामान्य प्रयोगशाला में किए जाने वाले कार्य की तरह करेंगे।” उल्लेखनीय है कि अब तक रवांडा में कोविड-19 के करीब 2100 मरीज सामने आए हैं। (एजेंसी)