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Published: Dec 31, 2020 09:05 PM IST

चीन-तिब्बत रेलवेड्रैगन की एक और चाल, चीन ने अरुणाचल प्रदेश के करीब, तिब्बत में बनाया 435 KM का रेल मार्ग, रुट पर हैं 47 सुरंगें और 120 पुल

कंटेन्ट राइटरनवभारत.कॉम
Image: Google

बीजिंग: चीन (China) ने अरूणाचल प्रदेश (Arunachal Pradesh में भारतीय सीमा (Indian Border) के पास तिब्बत (Tibet) के ल्हासा और नयींगशी शहरों को जोड़ने के लिए रेल पटरी (Railway Track) बिछाने का काम बृहस्पतिवार को पूरा कर लिया। आधिकारिक मीडिया में आई खबर में यह जानकारी दी गई है।

तिब्बत में छिंघाई-तिब्बत रेलवे के बाद शिचुआन-तिब्बत रेलवे दूसरा रेलवे होगा। यह छिंघाई-तिब्बत पठार के दक्षिण पूर्व से गुजरेगा, जो विश्व के भूगर्भीय रूप से सर्वाधिक सक्रिय इलाकों में शामिल है। शिचुआन-तिब्बत रेलवे, शिचुआन प्रांत की राजधानी चेंगदु से शुरू होता है और यह यान से गुजरते हुए और छामदो होते हुए तिब्बत में प्रवेश करता है। इस रेलमार्ग से चेंगदु और ल्हासा के बीच यात्रा में लगने वाला समय 48 घंटे से घट कर 13 घंटे रह गया है।

नयींगशी को लिंझी नाम से भी जाना जाता है, जो अरूणाचल प्रदेश सीमा के निकट है। पिछले महीने चीनी राष्ट्रपति शी चिनफिंग (President Xi Jingping) ने अधिकारियों को शिचुआन प्रांत और लिंझी को जोड़ने वाली नयी रेल परियोजना के निर्माण कार्य में तेजी लाने का निर्देश दिया था। उन्होंने कहा था कि यह सीमा की स्थिरता की सुरक्षा में एक अहम भूमिका निभाएगा। इस रेल मार्ग की निर्माता तिब्बत रेलवे कंस्ट्रक्शन कंपनी लिमिटेड (Tibet Railway Construction Company) के मुताबिक इस पर 160 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से रेलगाड़ी (Trains) गुजर सकेगी। इस 435 किमी लंबे रेल मार्ग पर 47 सुरंगें और 120 पुल हैं।

तिब्बत की राजधानी ल्हासा और पूर्वी तिब्बत में स्थित नयींगशी को जोड़ने वाले इस रेल मार्ग का निर्माण कार्य 2014 में शुरू हुआ था। रेल मार्ग का 90 प्रतिशत हिस्सा समुद्र तल से 3,000 मीटर से अधिक ऊंचाई पर है।