विदेश

Published: Mar 26, 2021 09:26 PM IST

Britain-Chinaचीन फिर कर रहा है सीनाज़ोरी, मानवाधिकार प्रतिबंधों के बदले अब ब्रिटिश नेताओं पर पाबंदी लगाई 

कंटेन्ट राइटरनवभारत.कॉम
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लंदन: चीन (China) के शिनजियांग प्रांत (Xinjiang Province) में उइगर अल्पसंख्यकों (Uighur Minorities) के खिलाफ कथित मानवाधिकार उल्लंघनों (Human Rights Violations) के लिए चीनी अधिकारियों (Chinese Officials) के खिलाफ ब्रिटेन (Britain) की सरकार (Government) की पाबंदियों (Sanctions) के बदले में बीजिंग (Beijing) ने ब्रिटिश नेताओं और संगठनों पर पाबंदियां लगाई हैं।

कंजर्वेटिव पार्टी के पूर्व नेता लैन डनकैन स्मिथ और विदेश मामलों की समिति की अध्यक्ष टॉम टुगनडैट, पाकिस्तानी मूल की नुसरन गनी, टिम लॉफटन समेत संसद सदस्यों तथा हाउस ऑफ लॉर्ड्स के सदस्यों बारोनेस केनेडी एवं लॉर्ड आल्टन के नाम चीन के विदेश मंत्रालय की प्रतिबंध वाली सूची में हैं। ये सभी चीन पर अंतर-संसदीय गठबंधन के सदस्य हैं।

ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने कहा, ‘‘चीन ने आज जिन सांसदों और ब्रिटिश नागरिकों पर प्रतिबंध लगाये हैं, वे उइगर मुस्लिमों के खिलाफ मानवाधिकार उल्लंघनों पर रोशनी डालने में अहम भूमिका निभा रहे हैं।” उन्होंने कहा, ‘‘उत्पीड़न के विरोध में आवाज उठाने की स्वतंत्रता मौलिक है और मैं पुरजोर तरीके से उनके साथ खड़ा हूं।”

चीन की प्रतिबंध वाली सूची में चार संगठनों के नाम भी हैं। इनमें चाइना रिसर्च ग्रुप ऑफ एमपीज और एसेक्स कोर्ट चैंबर्स शामिल हैं। इन्होंने शिनजियांग में चीन की कार्रवाई को नरसंहार करार देते हुए कानूनी राय प्रकाशित की थी। अन्य दोनों समूह कंजर्वेटिव पार्टी ह्यूमन राइट्स कमीशन तथा उइगर ट्रिब्यूनल हैं।

कुछ दिन पहले ही ब्रिटेन के विदेश मंत्री डोमिनिक राब ने ब्रिटेन की वैश्विक मानवाधिकार पाबंदियों की व्यवस्था के तहत चीनी अधिकारियों एवं संगठनों के खिलाफ पाबंदियों की घोषणा की थी। यह प्रतिबंध प्रणाली उइगर मुस्लिमों और अन्य अल्पसंख्यकों के खिलाफ उल्लंघनों के लिए है।