विदेश

Published: Jun 04, 2020 09:15 AM IST

अमेरिका प्रदर्शन एस्परसड़कों पर प्रदर्श कर रहे प्रदर्शनकारियों को सेना का ‘‘युद्ध मैदान'' कहने पर धिरे अमेरिकी रक्षा मंत्री

कंटेन्ट राइटरनवभारत.कॉम

वाशिंगटन. अमेरिका के रक्षा मंत्री मार्क एस्पर प्रदर्शनकारियों से भरी सड़कों को सेना का ‘‘युद्ध मैदान” कहने के लिए आलोचनाओं के घेरे में हैं और उन पर सेना को राजनीति से दूर रखने में विफल रहने का आरोप लगाया जा रहा है। एस्पर ने बुधवार को देश में सड़कों पर प्रदर्शनों को दबाने के लिए सेना का पूरी तरह इस्तेमाल करने की ट्रम्प की चेतावनियों से दूरी बना ली थी। राष्ट्रपति ने संकेत दिया था कि अगर राज्य के गवर्नर हिंसा नहीं रोक सके तो वह सभी उपलब्ध सैन्य बलों का इस्तेमाल करेंगे। हालांकि एस्पर ने बुधवार को पेंटागन के उस फैसले को बदल दिया कि वाशिंगटन इलाके से ड्यूटी पर तैनात सैकड़ों सैनिकों को घर भेजा जाएगा। सेना के मंत्री रयान मैक्कार्थी ने बताया कि एस्पर के व्हाइट हाउस में एक बैठक में भाग लेने के बाद रुख में बदलाव आया है। हालांकि अभी यह स्पष्ट नहीं है कि क्या एस्पर ने ट्रम्प से मुलाकात की और किस वजह से उनके रुख में बदलाव आया है।

एस्पर के ट्रम्प के साथ खड़े होने के बारे में पूछे जाने पर बुधवार को व्हाइट हाउस की प्रेस सचिव कैली मेकनैनी ने कहा, ‘‘अगर उनका रक्षा मंत्री एस्पर से भरोसा खत्म हो चुका होता तो मुझे विश्वास है कि आपको सबसे पहले पता चलता। अभी के लिए एस्पर रक्षा मंत्री हैं और अगर राष्ट्रपति का उन पर से भरोसा उठ जाएगा तो हमें भविष्य में इसके बारे में पता चलेगा।” ओबामा प्रशासन में पेंटागन के शीर्ष नीति अधिकारी रहे जेम्स मिलर ने ट्रम्प के चर्च जाने के लिए रास्ते को साफ कराने की खातिर पुलिस बल का इस्तेमाल करने का विरोध न करने के लिए एस्पर पर पद की शपथ का उल्लंघन करने का आरोप लगाया। मिलर ने कहा कि इस अभियान से प्रदर्शनकारियों के शांतिपूर्ण रूप से एकत्रित होने के अधिकार का उल्लंघन हुआ।

एस्पर ने कहा कि उन्हें पुलिस के इस अभियान की जानकारी नहीं थी। उन्होंने कहा कि उन्हें लगा कि वह चर्च को हुए नुकसान को देखने और इलाके में नेशनल गार्ड से बातचीत करने के लिए जा रहे हैं। पेंटागन में एक संवाददाता सम्मेलन में एस्पर ने अपने कदमों का बचाव किया और जोर दिया कि वह अपनी भूमिका को अच्छी तरह से समझते हैं। उन्होंने कहा, ‘‘राजनीति से दूर रहने के लिए मैं जो कर सकता था मैंने वह सब किया।” एस्पर तब आलोचनाओं के घेरे में आए जब उन्होंने राज्य के गवर्नरों के साथ बातचीत में कहा कि सुरक्षाबलों को प्रदर्शनकारियों तथा लूटेरों द्वारा कब्जाए ‘‘युद्ध के मैदान” को अपने नियंत्रण में लेने की जरूरत है। आलोचकों ने उन पर अमेकियों के साथ दुश्मनों की तरह व्यवहार करके इस संकट का सैन्यीकरण करने का आरोप लगाया।(एजेंसी)