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Published: Feb 25, 2023 09:13 PM ISTMarvia Malik Attackपाकिस्तान: पहली ट्रांसजेंडर न्यूज एंकर मार्विया मलिक पर जानलेवा हमला; घर के बाहर अंधाधुंध गोलीबारी, बाल बाल बची
नई दिल्ली: पाकिस्तान की पहली ट्रांसजेंडर न्यूज़ एंकर मार्विया मलिक पर जानलेवा हमला हुआ है। मलिक पर लाहौर में गुरुवार (23 फरवरी) को रात में उनके आवास के बाहर ही गोलीबारी की गई। इस हमले में एंकर बाल बाल बची।
पाकिस्तानी न्यूज़ डॉन की रिपोर्ट के मुताबिक, 26 वर्षीय मार्विया मलिक एक फार्मेसी से लौट रही थीं। इस दौरान दो हमलावरों ने उन पर गोली चलाई। मलिक इस हमले में बाल-बाल बच गई। मार्विया मलिक ने पुलिस को बताया कि, उन्हें कुछ समय पहले से फोन पर धमकी मिल रही थी। इस हमले के पीछे उन्होंने अपनी सक्रियता का हवाला दिया। मलिक कुछ समय के लिए सुरक्षा कारणों की वजह से लाहौर से बाहर चली गई थीं।
मार्विया मलिक ने पुलिस को यह बताया, “मैं पाकिस्तान में ट्रांसजेंडर समुदाय के लिए आवाज उठाने का काम कर रही थी। इस काम का कई लोग विरोध भी कर रहे थे। पिछले कुछ समय से धमकी भरे फोन आ रहे थे। 2018 में मलिक ने इस्लामिक रिपब्लिक में न्यूज एंकर बनने वाली पहली ट्रांसजेंडर व्यक्ति बनकर इतिहास रच दिया।”
न्यूज एंकर बनना चाहती थी
मलिक को बचपन से ही न्यूज एंकर बनने का शौक था। मार्विया मलिक ने इतिहास रचते हुए साल 2018 में पहली बार इस्लामिक देश पाकिस्तान में ट्रांसजेंडर होकर न्यूज एंकर बन के करियर की शुरुआत की। वो पाकिस्तान में स्थित कोहेनूर न्यूज टीवी की एंकर हैं। उन्होंने कई इंटरव्यू में खुलासा किया कि उनके लिए ये रास्ता आसान नहीं था।
परिवार से नहीं मिला समर्थन
वॉयस ऑफ अमेरिका को इंटरव्यू में अपने संघर्ष के बारे में बताते हुए मार्विया मलिक ने कहा था, “अन्य ट्रांस लोगों की तरह, मुझे अपने परिवार से कोई समर्थन नहीं मिला। अपने दम पर, मैंने कुछ छोटे-मोटे काम किए और अपनी पढ़ाई जारी रखी। मैं हमेशा एक न्यूज एंकर बनना चाहती थी और मेरा चयन होने पर मेरा सपना सच हो गया।” अपने काम के जरिए वह ट्रांसजेंडर समुदाय के बारे में धारणा बदलने की उम्मीद करती हैं।
मानसिकता को बदलना चाहती हूं
समाचार एजेंसी एपी को दिए एक मुलाकात में मलिक ने कहा था, “हमारी डिग्रियां किसी काम की नहीं हैं। भले ही हम नौकरी मांगें, हमें हमारी पहचान के कारण खारिज कर दिया जाता है, मैं इस मानसिकता को बदलना चाहती हूं।” उन्होंने आगे कहा था, “अगर मौका दिया जाए तो ट्रांसजेंडर लोग भी कुछ भी करने में समान रूप से सक्षम हैं।”