विदेश

Published: Aug 10, 2020 11:33 AM IST

ईरान हथियार प्रतिबंधईरान पर संयुक्त राष्ट्र के हथियार प्रतिबंध बरकरार रखने के समर्थन में आए खाड़ी के अरब देश

कंटेन्ट राइटरनवभारत.कॉम
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दुबई: खाड़ी अरब क्षेत्र के छह देशों वाले एक समूह ने अपने आंतरिक कलहों को दरकिनार करते हुए रविवार को ईरान पर हथियारों को लेकर लगे संयुक्त राष्ट्र के प्रतिबंध को आगे बढ़ाने की वकालत की है। ईरान पर लगा मौजूदा प्रतिबंध दो महीने में समाप्त होने वाला है। खाड़ी सहयोग परिषद (जीसीसी) ने कहा कि उन्होंने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद को एक पत्र भेजा है जिसमें ईरान पर प्रतिबंध बरकरार रखने का समर्थन किया गया है। इस प्रतिबंध की वजह से ईरान विदेश में निर्मित युद्धक विमान, टैंक और हथियार नहीं खरीद सकता है। खाड़ी सहयोग परिषद में बहरीन, कुवैत, ओमान, कतर, सऊदी अरब और संयुक्त अरब अमीरात शामिल हैं। परिषद का आरोप है कि ईरान ने पड़ोसी देशों में सीधे या संगठनों और गतिविधियों के माध्यम से हथियारों के जरिए दखल देना बंद नहीं किया है। इनका कहना है कि ऐसे संगठन ईरान के द्वारा प्रशिक्षित किेये गये होते हैं। सऊदी नीत गठबंधन का यमन में हूती विद्रोहियों के साथ युद्ध जारी है।

हूती विद्रोहियों के बारे में सयुक्त राष्ट्र, अमेरिका और हथियार विशेषज्ञों का आरोप है कि इन्हें हथियारों की आपूर्ति ईरान द्वारा की जाती है। हालांकि ईरान हूतियों को हथियार और जरूरी चीजें मुहैया कराने से इनकार करता रहा है लेकिन लगातार ईरान के हथियार यमन में मिलते हैं। जीसीसी का कहना है कि जब तक ईरान इस क्षेत्र को अस्थिर करने वाली अपनी गतिविधियों और आतंकवादियों और विभाजनकारी संगठनों को हथियार की आपूर्ति कराने वाली गतिविधियों को नहीं छोड़ता है तब तक उस पर से प्रतिबंध हटाना अनुचित होगा।

ईरान के सरकारी टीवी चैनल की रिपोर्ट के मुताबिक ईरान के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अब्बास मूसावी ने जीसीसी के इस पत्र की निंदा की है और उसे ‘गैरजिम्मेदाराना’ बयान करार दिया है। मूसावी ने खाड़ी अरब देशों की आलोचना करते हुए कहा कि ये देश दुनियाभर में और इस क्षेत्र में सबसे ज्यादा हथियारों की खरीद करने वाले देश हैं। संयुक्त राष्ट्र ने ईरान के परमाणु कार्यक्रम को लेकर तनावों के बीच उस पर 2010 में विदेशों से हथियार खरीदने पर प्रतिबंध लगा दिया था। (एजेंसी)