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Published: Jun 03, 2020 01:17 PM IST

अमेरिका हिंसा भारतीय करीब 70 प्रदर्शनकारियों को एक भारतीय-अमेरिकी ने अपने घर में दी पनाह

कंटेन्ट राइटरनवभारत.कॉम

वाशिंगटन. अफ्रीकी-अमेरिकी व्यक्ति जॉर्ज फ्लॉयड की हत्या पर देश में चल रहे हिंसक प्रदर्शनों के बीच एक भारतीय-अमेरिकी ने 70 से अधिक प्रदर्शनकारियों को पनाह देकर लोगों का दिल जीत लिया है। गौरतलब है कि मिनियापोलिस में 25 मई को एक श्वेत पुलिस अधिकारी ने अपने घुटने से कुछ देर तक जॉर्ज फ्लॉयड (46) की गर्दन दबाई थी, जिससे उसकी मौत हो गई थी। उसके लिए इंसाफ की मांग करने के लिए हजारों की संख्या में लोग सड़क पर उतर आए हैं।

वाशिंगटन डीसी के रहने वाले राहुल दुबे ऐसे ही कई प्रदर्शनकारियों को अपने घर में पनाह दी। ‘एस्क्वायर’ पत्रिका को दिए एक साक्षात्कार में 44 वर्षीय राहुल ने कहा, ‘‘ करीब 75 लोग मेरे घर में थे। उन्हें एक सोफे जितनी ही जगह मिल रही थी। एक मां और बेटी के परिवार को मैंने अपने बेटे का कमरा दिया ताकि वह आराम कर सकें। यहां तक कि बाथटब में भी लोग थे लेकिन कोई भी किसी बात की शिकायत नहीं कर रहा था। वे खुश थे… नहीं वे खुश नहीं थे। वे सुरक्षित थे। वे एक-दूसरे को सहारा दे रहे थे।”

राहुल सोमवार को हुए प्रदर्शन के बाद ही चर्चा में आ गए और उनके इस कदम के लिए सोशल मीडिया पर भी उनकी काफी सराहना की गई। एक कार्यकर्ता ने ट्वीट किया, ‘‘राहुल ने कल रात हमारी जान बचाई।” एक अन्य प्रदर्शनकारी एलिसन लेन ने लिखा, ‘‘ पेपर स्प्रे से पुलिस ने मुझे घायल कर दिया था उसके बाद मैं अब डीसी में एक घर में हूं। घर को पुलिस ने घेर रखा है और अंदर हम करीब 100 लोग हैं। सभी लोगों ने अपने घर के दरवाजे खोल दिए हैं और प्रदर्शनकारियों की देखभाल कर रहे हैं। ”

राहुल दुबे ने ‘बजफीड न्यूज’ से कहा, ‘‘ अगर आपने देखा होता कि मेरी आंखों के सामने क्या हो रहा था… कोई विकल्प ही नहीं बचा था। लोगों पर पेपर स्प्रे किया जा रहा था और उन्हें पीटा जा रहा था ।” ‘डब्लूजेएनए’ ने दुबे के हवाले से कहा, ‘‘ मैं उम्मीद करता हूं कि मेरा 13 साल का बेटा इन्हीं की तरह एक कमाल का इंसान बने।” (एजेंसी)