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Published: Oct 01, 2020 05:10 PM IST

बेलारूस कार्यकर्ताईरानी मानवाधिकार अधिवक्ता, बेलारूस के कार्यकर्ता को मिला ‘वैकल्पिक नोबेल'

कंटेन्ट राइटरनवभारत.कॉम

स्टॉकहोम: बेलारूस (Belarus) में विपक्ष (Opposition) के महत्वपूर्ण व्यक्ति और मानवाधिकार कार्यकर्ता (Human Rights Activist), जेल में बंद ईरानी (Irani) मानवाधिकार अधिवक्ता और निकारागुआ तथा अमेरिका (America) के दो कार्यकर्ताओं को संयुक्त रूप से बृहस्पतिवार को ‘राइट लाइव्लीहुड अवार्ड’ (Right Livelihood Award) दिया गया है। इस पुरस्कार को कभी-कभी वैकल्पिक नोबेल भी कहा जाता है।

पुरस्कार देने वाले स्वीडिश राइट लाइव्लीहुड फाउंडेशन के प्रमुख ओले वोन उक्सकल ने कहा कि यह ‘‘दुनिया भर में लोकतंत्र के लिए बढ़ रहे खतरों को दर्शाता है। अब समय आ गया है कि दुनिया भर में लोकतंत्र का समर्थन करने वाले लोग खड़े हों और एक-दूसरे का साथ दें।”

फाउंडेशन ने 58 वर्षीय मानवाधिकार कार्यकर्ता एलेस बिलिस्की (Ales Bialiatski ) और उनके एनजीओ ‘ह्यूमन राइट्स सेंटर विआस्ना’ को ‘‘बेलारूस में लोकतंत्र और मानवाधिकार के पक्ष में लड़ने के कारण” चुना है। बिलिस्की को 2012 में नोबेल शांति पुरस्कार के लिए नामित किया गया था और उन्हें कई अंतरराष्ट्रीय पुरस्कार मिल चुके हैं।

ईरान में कार्यकर्ताओं, विपक्ष के नेताओं और नकाब नहीं पहनने पर मुकदमों का सामना कर रही महिलाओं के पक्ष से अदालत में लड़ने वाली अधिवक्ता नसरीन सोतोदे (Nasrin Sotoudeh) को यह पुरस्कार ‘‘ईरान में राजनीतिक स्वतंत्रता और मानवाधिकार को बढ़वा देने के लिए व्यक्तिगत रूप से बड़ा खतरा उठाकर निडर साहसिक काम करने के एवज में दिया जा रहा है।”

जेल में बेहतर हालात और महामारी के दौरान जेल में बंद राजनीतिक कैदियों की रिहाई की मांग को लेकर भूख हड़ताल पर बैठीं 58 वर्षीय सोतेदे को हाल ही में एक अस्पताल में ले जाया गया है।

उन्होंने अगस्त के मध्य से शुरू हुई अपनी भूख हड़ताल समाप्त कर दी है। फाउंडेशन ने मिल्टन, डेलावर में जन्मे अमेरिकी मानवाधिकार अधिवक्ता ब्रियन स्टिवेंसन (60) और निकारागुआ की 61 वर्षीय अधिकार और पर्यावरण कार्यकर्ता लोट्टे कनिंगम को भी संयुक्त रूप से इस पुरस्कार के लिए चुना है।