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Published: Dec 07, 2023 09:58 AM IST

Israel-Hamas Warगाजा में आतंकियों से दोगुने मरे सिविलियन! बोला इजराइली अफसर- 1 आतंकी को मारने में 2 आम नागरिकों की मौत, जानें पूरा सच

कंटेन्ट राइटरनवभारत.कॉम
इजराइल-हमास की जंग

नई दिल्ली: जहां अब तक  इजराइल-हमास (Israel-Hamas War) की बीच हो रही इस जंग में कई निर्दोषों का खून हो चूका है। वहीं इस खुनी जंग के बीच आ रही एक बड़ी जानकारी के अनुसार एक हमास आतंकी को मारने की कोशिश में दो आम फिलिस्तीनियों को अपनी जान गंवानी पड़ी है।दरअसल, इजराइल-हमास की इस भयंकर जंग के बीच इजराइली डिफेंस फोर्स (IDF) के एक अफसर की जानकारी के एक हमास आतंकी को मारने की कोशिश में दो आम फिलिस्तीनियों को भी जान गंवानी पड़ी है।

मारे गए आतंकियों की तादाद क्यों 5 हजार से कम

इधर ‘टाइम्स ऑफ इजराइल’ की एक रिपोर्ट में इजराइल के एक अफसर का वह बयान बड़ा अहम है जिसमे उसने माना कि गाजा स्ट्रिप में मारे गए लोगों के आंकड़े पर जानकारी दी। इस अफसर की जानकारी के मुताबिक बीते 7 अक्टूबर को IDF का मिलिट्री ऑपरेशन शुरू होने के बाद अगर एक आतंकी मारा गया तो दो आम लोगों को भी अपनी कीमती जान गंवानी पड़ी। हालाँकि IDF ने हाईटेक मैपिंग टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल ज्यादा किया और इसकी वजह यह थी कि वो आम नागरिकों की जान बचाना चाहती थी। लेकिन जमीनी हकीकत कुछ और ही निकल रही है।

इस अफसर ने साफ़ कहा कि, “मीडिया रिपोर्ट्स में दावा किया जा रहा है कि हमने पांच हजार आतंकी मार गिराए हैं। लेकिन मुझे लगता है कि यह सही आंकड़ा नहीं है। मेरे हिसाब से मारे गए आतंकियों की तादाद थोड़ी कम है।”

इजराइल क्यों है चुप 

इजराइल-हमास की बीच के सीजफायर के बाद यह बयान इस लिहाज से भी अहम है, जब गाजा में हमास के कब्जे वाली हेल्थ मिनिस्ट्री दावा कर रही है कि अब तक 16 हजार आम लोग मारे गए हैं। दूसरी तरफ, इजराइल इस बारे में कुछ भी बोलने-बताने को तैयार नहीं है।

जब 7 अक्टूबर को हुआ था जंग का आगाज

जानकारी दें कि हमास (Hamas) ने बीते 7 अक्टूबर को दुनिया के ताकतवर देशों में शामिल इजरायल पर कथित तौर पर ताबड़तोड़ 5000 रॉकेट दागते हुए हमला किया था। जिसमें 1400 इजरायलियों की मौत हो गई थी। इसके बाद इजरायल ने हमास पर भारी बमबारी की और हजारों लोंगों की जान भी चली गई। बता दें कि हमास के लड़ाकों ने 7 अक्टूबर को इजरायल पर हमले के दौरान लगभग 240 लोगों को बंधक बना लिया था। इस हमले में 15900 लोगों की मौत हो गई थी। हालाँकि अब आंकड़ों पर सवाल उठ रहे हैं।